किसी भी देश में पत्रकारिता एक ऐसा विषय है जहाँ पर लोगों को देश के न्यायालय से ज्यादा भरोसा होता है , लोग पत्राकारिता के आधार पर ही सच – झूठ , सही गलत का मूल्यांकन भी करते हैं |
लेकिन क्या हो जब पत्रकारिता की आड़ में राजनितिक पार्टियां अपना स्वार्थ अपने हिसाब से निकाल कर लोगों को पूरी तरह से मुर्ख बनाने में कामयाब हो जा रही हैं|
ज़ी न्यूज़ देश का एक बहुत बड़ा न्यूज़ प्लेटफार्म किसके करोड़ों लोग फोल्लोवेर्स हैं , यदि ऐसे मीडिया चैनल पर सच को अनजाने में नही बल्कि जानबूझ कर तोड़ – मरोड़ कर पेश किया जाए तो सवाल उठना लाज़मी है|
तो क्या पत्रकारिता पर से अब हमको विश्वास खो देना चाहिए ? ये प्रश्न जरूर उठेगा हर एक भारतीय के मन में , जब आप नीचे दिए गए कुछ उदाहरण देखेंगे |
ज्ञात हो कि अभी ३ दिन पहले ही मध्यप्रदेश में होने वाले उप चुनाव में EVM मशीन में बीजेपी के पक्ष में सभी वोट जाने का मामला सामने आया था , एक विडियो वायरल हुआ था जिसमें खुद मध्य प्रदेश की निर्वाचन आयोग की प्रमुख सेलिना सिंह ने पत्रकारों को धमकी तक से दे डाली थी कि इस न्यूज़ को मीडिया में न दिखाया जाय वरना उनको अंदर करवा दूंगी|
उसके बाद ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग जाके इस बात कि आपत्ति दर्ज कराई थी| जब बात बहुत आगे बढ़ने लगी तो ज़ी न्यूज़ पर खबर आने लगी कि , “केजरीवाल को असल में EVM को लेके मुर्ख बनाया गया , क्योंकि वो दिन १ अप्रैल यानी की मूर्ख दिवस का था “|
हालांकि बाद में ज़ी न्यूज़ ने अपने आर्टिकल और विडियो दोनों ही न्यूज़ वेबसाइट से हटा दिए किन्तु ऐसा करने बावज़ूद भी वो एक काम नहीं कर सके , वो ये कि, वो अपने वेबसाइट से उसके मेटा टैग तुरंत नहीं हटा पाए |
टेक्नोलॉजी के जानकार लोगों को ये बात पता होनी चाहिए कि , जब भी हम कोई मेटा टैग अपडेट करते हैं और उसके बाद अगर कोई खास एक्टिविटी उस लिंक पर नही होती है तो वो आर्टिकल गूगल के द्वारा अपडेटेड रूप में नही फेच होता है| और एक दो दिन भी टाइम ले लेता है और यही वजह है कि , चैनल की वेबसाइट में अभी भी डेली अपडेटेड मेटा टैग में अप्रैल १ की केजरीवाल की पिक्चर को लेके मेटा डिस्क्रिप्शन शो हो रहे हैं|
इतना ही नहीं जब सभी चैनल वालों ने इस सच को दिखाना शुरू कर दिया तब ज़ी न्यूज़ के चीफ एडिटर सुधीर चौधरी ये भूल गए कि उन्होंने EVM वाले न्यूज़ को अप्रैल फूल का न्यूज़ दिखाया था और अरविन्द केजरीवाल के ट्वीट पर कुछ ऐसा जवाब करते दिखे |
बीजेपी की ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से एक न्यूज़ डाला गया , जिसमें ये बताया गया कि , प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के दबाव के कारण सऊदी अरब में दाऊद के १५ हज़ार करोड़ की प्रॉपर्टी को जब्त कर लिया गया है| जिसके तुरंत बाद ज़ी न्यूज़ ने इस खबर को सबसे पहले अपने शो में दिखाया|
इतना ही नहीं खबर इस तरह आग की तरह फैली की कई और मीडिया न्यूज़ चैनल जैसे की आज तक , इंडिया टीवी आदि ने भी इसी न्यूज़ को फैलाना शुरू कर दिया | लेकिन आपको बता दें कि जब इस बाबत सऊदी अरब के भारत के राजदूत अहमद अल्बाना से पूछा गया तो उन्होंने ना सिर्फ इस बात को सिरे से खारिज किया बल्कि उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि , १५००० हज़ार करोड़ की दाऊद की कोई संपत्ति सऊदी में अभी तक फिलहाल नहीं पता चल पायी है |
हालांकि जब बाद में इस मामले में ज़ी न्यूज़ के चीफ एडिटर सुधीर चौधरी से बात की गयी तो उन्होंने कहा “हम वही न्यूज़ चलाते हैं जो मीडिया रिपोर्ट्स में आती है, इसमें हमारी कोई गलती नही है “ |
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने काला धन ख़त्म करने के नाम पर पुरे देश में नोटबंदी नाम की एक मुहीम चलाई , जिसके तहत पुराने ५०० और १००० के नोट की जगह नए २००० के नोट मार्केट में आये| लेकिन नोट मार्किट में आये उससे पहले ही ज़ी न्यूज़ के शो DNA में शो के एडिटर सुधीर चौधरी ने २००० के नोट में नैनो चिप की बात कही|
https://www.youtube.com/watch?v=8eeD4hRKMXM&app=desktop
और लोगों ने इसको सच मान कर व्हाट्सएप्प और सोशल मीडिया पर इस अफवाह की भरमार कुछ इस कदर लगा दी की खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली को सामने आके कहना पड़ा कि “ये न्यूज़ फ़र्ज़ी है , २००० के नोट में ऐसा कोई चिप नही लगा है”
हालांकि इस बाबत सुधीर चौधरी ने आज तक माफ़ी नही माँगा |
ज़ी न्यूज़ पर सबसे पहले दिखाए गए विडियो जिसमें पूरा देश आक्रोश में आ गया| जहाँ ज़ी न्यूज़ ने दिखाया कि वहां पर कन्हैया कुमार ने पाकिस्तान ज़िंदाबाद और भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे लगाए|
बाद में लैब कि रिपोर्ट आने पर ये साबित हो गया कि ७ में से ४ विडियो में ज़ी न्यूज़ के साथ छेड़छाड़ किये गए थे |
https://www.youtube.com/watch?v=5M5PGcNN1no
इतना ही नहीं खुद चैनल के निर्देशक विश्व दीपक ने ज़ी न्यूज़ छोड़ दिया और ABVP के ३ कार्यकर्ताओं ने ABVP ये कहते हुए कि देश के लोगों को आपस में लड़वाने के ज़िम्मेदार हम नही होना चाहते हैं |
दीपक शर्मा ने यहाँ तक बताया कि , खुद चैनल के चीफ एडिटर सुधीर चौधरी की देख रेख में जान बुझ कर गलत लेबल लगाए और पेश किये गए |
JNU के गिरफ्तार छात्र कन्हैया कुमार की वायरल तस्वीर जिसमें उनके पीछे एक मैप है. जिसमें कश्मीर को पाकिस्तान के हिस्से में दिखाया गया है, उसका सच ध्यान से देखिये
यूँ तो सब जानते हैं कि बीजेपी और आप का छत्तीस का आंकड़ा है जिसका असर आम तौर पर बीजेपी के मंत्री सुभाष चंद्रा के चैनल ज़ी न्यूज़ पर ख़ासा देखा जा सकता है | आइये आपको दिखाते हैं एक और विडियो का सच जिसको तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया |
इतना ही नहीं जब गायक सोनू निगम ने सच्चा विडियो पोस्ट किया तो ज़ी मीडिया ने उन पर भी बैन कर दिया |
सोशल मीडिया पर दिखाई देने वाली ख़बरें इस कदर वायरल होती हैं कि उनका कोई जवाब नही है खासकर जब कोई खबर किसी के इमोशन से जुड़ कर हो तो |
ऐसी ही एक खबर आयी जिसको सबसे पहले DNA में दिखाया गया जिसमें नरेंद्र मोदी की माँ हीराबेन को ICU में भर्ती दिखाया गया , जबकि पड़ताल करने पर सच कुछ और ही निकला|
जाकिर नायक बेशक मुसलामानों के हिमायती हैं , वो इस्लाम के सूप्पोर्टर भी हैं लेकिन इसका मतलब कटाई नही है कि उनकी किसी भी बात को बिलकुल तोड़ – मरोड़ कर पेश किया गया |
ज़ी न्यूज़ ने साफ़ साफ़ बोला कि उनके लोग मीडिया को प्रश्न नही करने दे रहे थे |
https://www.youtube.com/watch?v=DyClgiZNF-Q
भारत देश के सबसे बड़े और ईमानदार प्रधानमन्त्री को एक फोटोशॉप इमेज के आधार पर ज़ी न्यूज़ ने पुरे ३० मिनट तक प्रचारित किया |
और बीजेपी के सुप्पोर्टर्स ने न सिर्फ उस इमेज बल्कि उस विडियो को भी पुरे सोशल मीडिया पर वायरल किया | हालांकि जब सच सामने आया तो उसके फ़ौरन बाद ज़ी न्यूज़ ने उस विडियो को अपने चैनल से हटा दिया|
देश में सर्जिकल स्ट्राइक को शुरुआत में सभी पार्टियों ने सपोर्ट किया देश में शान्ति थी किन्तु फिर बारी आयी ज़ी न्यूज़ के नए प्रोपोगंडे की|
दरअसल अरविन्द केजरीवाल भी सर्जिकल स्ट्राइक पर ट्वीट करने के बाद एक विडियो जारी किये जिस पर विवाद कहा हो गया और ज़ी न्यूज़ के डीएनए शो ने सपसे पहले ये न्यूज़ फैलाया कि अरविन्द केजरीवाल सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से मांग रहे हैं|
जबकि इस शो के किसी भी क्लिप में अरविन्द केजरीवाल का पूरा विडियो नही दिखाया गया और लोगों जान बुझ कर गुमराह करने की कोशिश की गयी |
इतना ही नहीं केजरीवाल को ये तक से कह दिया गया कि वो पकिस्तान से मिले हुए हैं | इतना ही नहीं केजरीवाल को ये तक से कह दिया गया कि वो पकिस्तान से मिले हुए हैं लेकिन एक भी बार जिन लोगों ने ज़ी न्यूज़ की ऐसी बातें सुनी उन्होंने उस विडियो को पूरा देखने की इच्छा नहीं ज़ाहिर की |