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All around the world, thousands of markets have millions of tents, and an Arabic tent still lists at the top position and astonishing part of Arabic tents.

Taaza Tadka

छद्म राष्ट्रवाद: हम और आप तो इस हत्यारी भीड़ का हिस्सा नहीं ?

इसका सबसे बड़ा उदहारण है पूरे भारत और विदेशों में हत्यारी भीड़ के खिलाफ चलायी जा रही मुहीम #NotInMyName अर्थात 'मेरे नाम पर ये हिंसा नहीं चलेगी' | सभी धर्मों

साम्प्रदायिकता का चोला पहन कर अगर आप झूठे राष्ट्रवाद का ढोंग कर रहे हैं तो ये जान लीजिए की ये भीड़ जो तैयार हो रही है ये उन को भी घसीट कर मार सकती है जिन्होंने इससे तैयार किया है, और स्वघोषित फ़र्ज़ी राष्ट्रवादी खुद को देश और संविधान से ऊपर समझते हैं याद रहे की देश अजर -अमर है देश ऐसे ही गंगा जमुनी तहज़ीब के साथ रहा है और हमेशा रहेगा और आने वाले समय में जब  इतिहासकार लिखेगा की समाज में ज़हर फ़ैलाने का काम किन -किन लोगों ने किया तो उन पर आने वाली पीढ़ी थूकेगी।

उन पर धिक्कार करेगी सदियों आपका नाम एक खुनी दरिंदे के तौर पर जाना जायेगा जैसे की हम सब आज हिटलर को जानते हैं उससे भी बड़ा दम्भ था आने शासन पर उसने भी डराया था और लाखों यहूदियों का कत्ल करवाया लेकिन क्या वो टिक सक अपनी फासीवादी विचारधारा के साथ ?

जी नहीं उसका अंत हुआ और उसकी फासीवादी विचारधारा भी मर गयी । जब -जब इस देश पर आंच आएगी एक मुसलमान के लिए एक हिन्दू खड़ा होगा और एक हिन्दू के लिए मुसलमान। जी हां हमारे बीच से ही ये नायक निकलेंगे जैसे मध्यप्रदेश में 15 बेगुनाह मुसलमानों को फ़र्ज़ी देशद्रोह के मुक़दमे से बचाने के लिए सुभाष कोली जैसा हीरो निकल पड़ा है ।

इस हत्यारी भीड़ का भी कोई धर्म नहीं जैसे आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता मैं इससे कभी मजहबी रंग नहीं दे सकता।

इसका सबसे बड़ा उदहारण है पूरे भारत और विदेशों  में हत्यारी भीड़ के खिलाफ चलायी जा रही मुहीम #NotInMyName अर्थात ‘मेरे नाम पर ये हिंसा नहीं चलेगी’

सभी धर्मों के लोग कल जंतर मंतर पर इकठ्ठा हुए और ये दिखा दिया की इस देश की मिट्टी का रंग इतना हल्का नहीं की इस पर कोई भी रंग चढ़ा दिया जाये ।

किसी के भी राष्ट्रवादी होने का प्रमाण ये कुछ ठेकेदार नहीं देंगे ।ये देश हिन्दू, मुस्लिम , सिख ,ईसाई सभी धर्मों का समागम है सबका हमेशा से इस देश की उन्नति और विकास में सबका योग्यदान रहा है । इसी देश में एक सिख प्रधानमंत्री रह चुका है , एक मुसलमान राष्ट्रपति, एक दलित की बेटी मुख्यमंत्री और भावी राष्ट्रपति एक दलित होने वाला है ऐसे बनता है देश । मैं अपील करता हूँ आप सभी से की लोकतंत्र एक खुली प्रक्रिया है यहाँ सही की सराहना और गलत की आलोचना करिये, राजनीति को राजनीति रहने दीजिये  धर्म मत बनाइये नहीं तो आलोचना के सारे रास्ते बंद हो जायेंगे ।