विधानसभा चुनाव के बाद से ही तमाम राजनितिक पार्टियां इसी मुद्दे को लेके बैठी हैं कि, विधानसभा चुनाव में जमकर धांधली हुई है |
और ये मुद्दा उठे भी क्यों न जब भिंड में डेमो के दौरान ऐसी मशीन पायी गयी जिसमे किसी भी बटन को दबाने पर भी वोट सिर्फ बीजेपी को ही जा रहा था |
इसी के तुरंत बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने खुद प्रेस कांफ्रेंस करके चुनाव आयोग को ललकारा था कि चुनाव आयोग उनको ७२ घंटों के लिए ईवीएम मशीन दे दे , वो साबित कर देंगे कि ईवीएम में छेड़छाड़ किया जा सकता है|
इसके बाद १३ पार्टियों के विपक्ष दल बीते बुधवार को सोनिया गाँधी के साथ जाके खुद राष्ट्रपति से मुले और राष्ट्रपति से इस बाबत जल्द से जल्द कार्यवाही कि मांग की|
बता दें कि, उसी दिन चुनाव आयोग ने केजरीवाल के इस चैलेंज को स्वीकार करते हुए बोला कि , १ मई के बाद वो १० दिन का वक़्त देगा जिसको साबित करना है वो साबित करके दिखाए कि ईवीएम में गड़बड़ी की जा सकती है |
हालांकि इसके बाद भी ये मांग की गयी कि, छेड़छाड़ साबित करने के लिए वही ईवीएम दी जाय जिसको बीते चुनाव के दौरान उपयोग किया गया हो |
बता दें कि आज हुए एक इंटरव्यू के दौरान अरविन्द केजरीवाल ने साफ़ साफ़ ये कह दिया कि , ” मैं एक IIT
इंजीनियर हुई इसलिए एक नहीं १० -१० तरीके बता सकता हूँ ईवीएम हैक करने के “ | आगे उन्होंने जोड़ा कि , यदि ये चैलेंज देना ही था तो MCD चुनाव के बाद क्यों पहले क्यों नहीं दिया गया ?
उम्मीद है कि १ मई के बाद दिल्ली में हैकिंग का मैराथॉन देखा जाए, बहरहाल ईवीएम का दावपेंच काफी उलझा हुआ दिखाई देता है |
राजौरी गार्डन से चुनाव हारने के विषय पर पूछने पर अरविन्द केजरीवाल ने बोला , “ये हार वहां के निवासियों के गुस्से का असर है “ आपको बता दें कि राजौरी गार्डन से आप के उम्मीदवार जनरैल सिंह ने पंजाब चुनाव के दौरान अपनी सीट छोड़ दी थी और पंजाब चुनाव लड़ने चले गए थे जिसका साफ़ तौर पर इस सीट के लिए हुए उपचुनाव में देखा गया और आप को तीसरे नंबर पर वोट मिले |
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