अब उत्तर प्रदेश की राजनीति और बाप – बेटे का दंगल आगे कौन कौन से रूप दिखायेगा लेकिन फिलहाल अखिलेश गुट जश्न मनाने में लगे हुए हैं | चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव को साईकिल पे बैठा ही दिया |
पिछले कुछ दिनों से चल रहे मशक्कत और कानूनी दाव-पेंच के बिच आखिर अखिलेश यादव के हक़ में इलेक्शन कमीशन ने अपना फैसला सुना ही डाला |
समाजवादी पार्टी के घमासान के बाद पार्टी के दो गुटों में टूटने की बात चल रही थी | अखिलेश और मुलायम दोनों गुटों के समर्थक ने निराश होके अपने नए चुनाव चिन्ह ‘हल जोतता किसान’ व ‘बरगद का पेड़’ को आम जनता तक प्रचारित करना भी शुरू कर दिया था क्योंकी चुनाव सर पे है और अभी तक समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह भी लोगों को नही पता तो उसकी पहचान करवाना जरुरी था |
लेकिन इन सबके बीच अभी अखिलेश ग्रुप को राहत देने वाली बात सामने आयी है की चुनाव आयोग ने अंतरिम रूप में अखिलेश यादव के गुट को साईकिल पे बैठा ही दिया | मुलायम सिंह यादव अभी तक अखिलेश यादव द्वारा बुलाए गए अधिवेशन को गैरकानूनी करार देते हुए साईकिल की लड़ाई लड़ रहे थे उनको विश्वास था की साईकिल उनको ही मिलेगा लेकिन चुनाव आयोग ने उनके इस उम्मीद पर पानी फेर दिया और एक बाप बाप रह गया और बेटा बेटा हो गया |
हालांकि खबर है की आयोग का फैसला आते ही अखिलेश यादव अपने पिता से मिलने के लिए रवाना हो गए | अब उत्तर प्रदेश की राजनीति और बाप – बेटे का दंगल आगे कौन कौन से रूप दिखायेगा लेकिन फिलहाल अखिलेश गुट जश्न मनाने में लगे हुए हैं |