अपनी समृद्धि की वजह से कभी सोने की चिड़िया कहे जाने वाले हमारे देश को विदेशी आक्रमणकारियों ने इस कदर लूटा और यहां अपनी क्रूरता से तबाही का ऐसा मंजर फैलाया कि उनके द्वारा दिये गये जख्मों को याद करके भारत का इतिहास आज भी सिहर उठता है। यहां हम आपको भारत के ऐसे ही 10 सबसे क्रूर शासकों के बारे में बता रहे हैं।
दिल्ली के मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ने ईरानी शासक नादिरशाह से हारने के बाद जब यह अफवाह फैलाई थी कि नादिरशाह मारा गया है तो इसके बाद दिल्ली में फारसी सेना का कत्ल शुरू हो गया था। कहा जाता है कि इसका बदला लेने के लिए नादिरशाह के दिल्ली पर आक्रमण के दौरान खून की नदियां बह गई थी और हजारों लोग एक ही दिन में मौत के घाट उतार दिये गये थे।
1001 ई. से 1026 ई. तक भारत 17 बार आक्रमण करने वाले महमूद गजनवी के बारे में ऐसा कहा जाता है कि अपने 16वें आक्रमण (सोमनाथ पर) के दौरान उसने मंदिरों को लूटते वक्त करीब 50 हजार ब्राह्म्णों को मौत के घाट उतार दिया था, जो इस बात का गवाह है कि वह कितना क्रूर शासक था।
मुहम्मद बिन कासिम, जो कि सऊदी अरब में जन्मा था, 638 ईस्वी से 711 ईस्वी तक सिंध पर 9 खलीफाओं के 15 बार आक्रमण के दौरान अंतिम सफल आक्रमण का नेतृत्व इसी ने किया था। मुहम्मद बिन कासिम के बारे में ऐसा कहा जाता है कि सिंध के तत्कालीन दीवान की बेटी के उसकी बेगम बनने से इंकार करने पर उसने सिर कलम करवा दिया था। यह भी कहा जाता है कि कासिम की वजह से ही सिंध के राजा दाहिर की बेटियों सहित उनकी पत्नियों ने अपनी जान कुरबान कर दी थी।
चंगेज खान जैसा क्रूर शासक बनने की चाहत लिये तैमूर लंग मंगोलों की फौज लेकर 1399 ई. में दिल्ली पर हमला बोलकर तुगलक साम्राज्य का अंत करते हुए कत्लेआम मचाते हुए आगे बढ़ा था। उसकी क्रूरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने दो हजार लोगों को ईंट-गारे में जिंदा चुनवाकर एक मीनार बनवाई थी। कहा जाता है कि तैमूर लंग के कश्मीर को लूटते हुए समरकंद लौटते-लौटते दिल्ली मुर्दों के शहर में तब्दील हो गई थी।
मुस्लिम साम्राज्य को तहस-नहस कर देने वाले और बौद्ध धर्म के अनुयायी बेहद क्रूर और खतरनाक शासक के रूप में इतिहास में विख्यात चंगेज खान, जिसने कि ईरान, काबुल, पेशावर, कांधार और कश्मीर पर भी अपना अधिकार जमा लिया था, उसके हमलों के दौरान किये गये खूनखराबों की वजह से अफगानिस्तान, तिब्बत, बर्मा, चीन और उज्बेकिस्तान जैसे देशों में बड़ी आबादी साफ हो गई थी।
मुगल वंश का संस्थापक माने जाने वाला बाबर, जो कि मूलतः एक लुटेरा था, उसने ग्वालियर, चंदेरी और अयोध्या आदि के प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों को नष्ट कर वहां मस्जिद बनवाने के दौरान बड़ा खून-खराबा किया था। उसके द्वारा नष्ट किये गये कई मंदिर आज खंडहर के तौर पर पर नजर आते हैं।
भारत में तुर्क साम्राज्य की स्थापना करने वाले शिहाबुद्दीन उर्फ मुईजुद्दीन मुहम्मद गोरी, जिसका पहला आक्रमण 1175 ई. में मुल्तान और दूसरा आक्रमण 1178 ई. में गुजरात पर हुआ था, उसने इस दौरान न केवल कत्लेआम मचाया, बल्कि जमकर लूटपाट भी की। पृथ्वीराज चौहान ने इसे हराने के बाद बंदी बनाया था, मगर बाद में छोड़ दिया था, जो पृथ्वीराज चौहान पर बाद में भारी पड़ा था।
गद्दी के लिए अपने सगे भाइयों एवं भतीजों की हत्या करवाने वाले और अपने बाप शहजहां को भी कैद कराने वाले औरंगजेब ने सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर का सिर कलम करवाने के अलावा गुरु गोविंद सिंह के दो बेटों फतेह सिंह और जोरावर सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया था। मंदिरों को तोड़ने के दौरान इसने भी बड़ी मारकाट मचाई थी।
जिन मंगोलों के नाम से लोग खौफ खाते थे, अलाउद्दीन खिलजी के बारे में कहा जाता है कि उसने उन 30 हजार मंगोलों को मौत के घाट उतार दिया था। जीतने का बुखार उस पर कुछ इस कदर चढ़ा था कि लोगों की जान लेने में उसके हाथ तक नहीं कांपते थे। अफगानिस्तान से लेकर उत्तर मध्य भारत तक उसके अत्याचार से लोग त्राहि-त्राहि करने लगे थे।
भारत पर 1748 से 1758 तक कई बार हमला करने वाले अहमदशाह दुर्रानी के नाम से भी जाने जानेवाले अहमदशाह अब्दाली ने 1757 में दिल्ली को लूटने और यहां कत्लेआम करने के बाद मथुरा और ब्रज में बड़ी क्रूरता और बर्बरता के साथ लूटपाट की थी। यही नहीं, उसके बारे में यह भी कहा जाता है कि उसने अपने सिपाहियों से हर हिंदू के एक कटे सिर के बदले इनाम देने की भी बात कही थी।
दोस्तों, इन क्रूर शासकों की बर्बरता को याद करके आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इतिहास में इन सभी के अत्याचार के बारे में विस्तार से पढ़ने को मिलता है। बताइए, इनमें से सबसे क्रूर शासक आपके हिसाब से कौन है?