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मोदीजी ने ये नहीं बताया की जब ग्राहम बेल ने फोन बनाया था तो दूसरी तरफ वही थे

Troll Ambresh Dwivedi 27 March 2021
मोदीजी ने ये नहीं बताया की जब ग्राहम बेल ने फोन बनाया था तो दूसरी तरफ वही थे

हंसमुखपुर: pm narendra modi ने bangaldesh में कहा कि वो बांग्लादेश की आजादी के लिए जेल गए थे. आज से पहले ये बात उन्होंने किसी को नहीं बताई थी. आप भले ही इसमें हँसे लेकिन मोदीजी जी जैसी महान आत्मा ने कई सारे और काम किए हैं जिसके बारे में उन्होंने आपको नहीं बताया. दरअसल जब ग्राहम बेल ने साल 1875 में फोन बनाया तो दूसरी तरफ मोइजी ही थे जो उसकी आवाज सुनकर बता रहे थे कि “सही है बेटा. बढिया आवाज आ रही है”.

ग्रैहम बेल के अंदर नई ऊर्जा का संचार 

एक अदना सा वैज्ञानिक जब फोन बनाने वाला था तो उसे एक चिंता थी. चिंता ये थी कि मैं फोन बना दूंगा लेकिन दूसरी तरफ रिसीव कौन करेगा. कैसे पता चलेगा कि आवाज बढिया आ रही है. सही से सुनाई दे रहा है. इस चिंता से परेशान एक बार ग्राहम बेल ने फोन गुजरात पहुंचा और उसने देखा की कहीं से एक दिव्य शक्ति आ रही है जो उसका ध्यान अपनी ओर खींच रही है. उस शक्ति का पीछा करते हुए जब वो पहुंचा तो देखा एक बालक दिव्य ज्योति लिए बैठा था.

उसके बगल में एक मगरमच्छ मरा पड़ा था शायद जिसे वो बालक अभी मारकर लाया था. बेल उस बालक को देखकर बहुत प्रभावित हुआ. नाम पूछने पर पता चला कि बालक का नाम बाल नरेन्द्र है. ग्राहम बेल ने फोन ने उस बालक को अपनी समस्या बताई. कहा की मैं फोन बनाना चाहता हूँ लेकिन समस्या ये है कि जब बना दूंगा तो दूसरी तरफ सुनेगा कौन. कौन बताएगा की आवाज कैसी आ रही है. मुझे इसकी बड़ी चिंता है.

ग्राहम बेल इस बात सुनकर को सुनकर बाल नरेन्द्र मुस्कुराया और उसनें कहा कि इतनी बात के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है. मानवता के लिए इतना बड़ा कार्य कर रहे तो मैं तुम्हारी मदद करूँगा. तुम एकदम सही जगह पर आए हो. चिंता मत करो. जाओ ठीक 2 जून 1875 को तुम फोन बनाओ और उसी दिन उसका ट्रायल करना. और बाल नरेन्द्र ने एक नम्बर लिखकर दिया और कहा की इस नम्बर पर फोन करना इधर मैं रिसीव कर लूँगा.

ग्राहम बेल हैरान था कि आखिर ये कैसे रिसीव करेगा इसके पास कैसे फोन आएगा. तब बाल नरेन्द्र ने कहा कि तुम इसकी चिंता मत करो वो मैं कर लूँगा.

इसके बाद ग्राहम बेल ने ठीक 2 जून को उसी नम्बर पर फोन मिलाया और सामने से आई “हैलो”. उस आवाज में गजब की उर्जा थी, एक शानदार कम्पन था जिसने ग्राहम बेल के अंदर नई ऊर्जा का संचार कर दिया. इसके बाद ग्रैहम बेल से बाल नरेन्द्र की 56 सेकेण्ड बात हुई जिसमें बाल नरेन्द्र ने बेल को बताया की आवाज एकदम सही आ रही है.

ग्रैहम बेल परेशान थे की कहीं बाल नरेन्द्र ना इसका क्रेडिट ले लें

ग्राहम बेल एकदम चौकन्ना रह गया. एकदम हैरान परेशान. सालभर तक परेशान रहा और उसे फोन का पेटेंट नहीं मिला. उसे लग रहा था कि कहीं बाल नरेन्द्र ना इसका क्रेडिट ले लें. लेकिन बाल नरेन्द्र ने दोबारा ग्राहम  को खुद फोन किया की चिंता मत करो इसका पेटेंट तुम ले लो. तब जाकर ग्राहम ने अगले साल इसका पेटेंट लिया.

ये बात आपको कोई नहीं बताएगा. आजतक खुद बाल नरेन्द्र जो कि अब बड़ा हो गया है वो भी नहीं बताएगा. ऐसे हैं हमारे मोइजी. जो अपनी उपलब्धियों के बारे में आसानी से जिक्र नहीं करते.

ग्राहम बेल ने कभी ये बात दुनिया को नहीं बताई की फोन की दूसरी तरफ़ कौन था क्योकि बाल नरेन्द्र ने मना किया था.

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.