अपने अस्तित्व को बचाने में जुटी कांग्रेस के नेता हैं राहुल गाँधी। सड़क में उतरने से बेहतर उन्हें लगता है कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार की कमियां गिना दो और फिर 6 महीने आराम से बैठा जाओ. कार्यकर्ता उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस को 6 महीने तक गिनते रहेंगे और कहते रहेंगे कि देखिए राहुल जी ने ये बात 6 महीने पहले बोल दी थी. वो अलग बात है की राहुल के कुछ बोलने से बीजेपी को फायदा हो जाता है लेकिन कार्यकर्ता समझ नहीं पा रहे. ऐसे ही दीदी हैं जिनकी नाक दादी से मिलती है. अब आप उन्हें इसलिए यूपी का सीएम बना दीजिए की उनकी नाक दादी से मिलती है. वाह रे चमन बहारों।
दीदी की नाक देखकर कांग्रेसी भावुक हो जाते हैं इसलिए कहते हैं इन्हें यूपी का सीएम बना दो क्योकि नाक इंदिरा गांधी से मिलती है. उधर बाबा को पीएम बनाने की चाहत है. कहते हैं कि देश में कुछ होने वाला होता है तो बाबा पहले ही बता देते हैं की सुनामी आने वाली है. वो अलग बात है कि अपने पार्टी के अंदर क्या चल रहा है इसकी जानकारी उन्हें नहीं होती है.
जानकारी तब मिलती है जब अगला नेता बीजेपी कार्यालय में जाकर शपथ ले लेता है. अपने नेताओं की पहचान न कर पाने वाले दूरदर्शी बाबा को पीएम होना चाहिए क्योकि उन्होंने पहले कह दिया था कि कोरोना आने वाला है. वाह रे कार्यकर्ताओं कहाँ से लाते हो ऐसी श्रद्धा। भक्त तो तुम भी हो क्योंकि जिस समय तुम्हारे नेताओं को पेट्रोल-डीजल गैस और बढ़ती महंगाई के विरोध में गली-गली धरना प्रदर्शन करना चाहिए उस समय तुम्हारी आँखों के पीएम राहुल बाबा और दादी जैसी नाक वाली दीदी कहा हैं ये पता नहीं चल रहा.
समझ नहीं आता की दादी जैसी नाक वाली दीदी और भविष्य वक्त बाबा राहुल गाँधी का राजनीतिक सलाहकार कौन है. मतलब इनका सलाहकार कोई है भी या नहीं। अगर कोई है तो वो पक्का मेरे जैसा आलसी होगा जो यही कहता होगा कि ‘अरे क्या यार भाई रहने दो, आराम करो. क्या ही कर लोगे कुछ करके, दीदी की नाक दादी से मिलती है वो तो वैसे भी सीएम बन जाएगी और बाकी नेहरू के काम गिना दो तो तुम्हारे भी चान्सेस हैं’. ऐसा कहकर वो आलसी राजनीतिक सलाहकार तुम्हें शांत करवा देता होगा और तुम पिद्दी के साथ घूमने निकल जाते होंगे।
आप स्टार प्रचारक हैं लेकिन कांग्रेस नहीं बीजेपी के–
बीजेपी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट आने पर आपको एक नाम नहीं दिखाई देता होगा लेकिन वो बंदा बीजेपी का सबसे बड़ा स्टार प्रचारक है. उनका नाम है राहुल गाँधी।
चुनाव के समय में राहुल की रैली न हो तो बीजेपी वाले उदास हो जाते हैं की कहीं चुनाव हार न जाएं जैसे बंगाल में हुआ है. कुछ लोगों का कहना है कि बंगाल में बीजेपी इसलिए हार गई क्योकि राहुल गाँधी ने वहां पर चुनाव प्रचार नहीं किया।
अब स्टार नेता प्रचार नहीं करेगा तो चुनाव हारना लाजिमी है. दरअसल चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गाँधी कुछ न कुछ ऐसा कह देते हैं जिससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी को फायदा हो जाता है. तो भाईसाब आप किसकी तरफ से खेल रहे हैं.
अब दीदी को यूपी का सीएम बनना है क्योकि इनकी नाक दादी से मिलती है. इन्हें लखनऊ कभी-कभार जाना है. गिरफ्तार अजय लल्लू हों और सीएम दीदी बनेंगी। वाह रे नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं। इनका महत्व पार्टी में वैसे ही जैसे मेरे बब्बा का खरीदा हुआ एक खेत है. उसमें कुछ नहीं होता है. उससे कोई फायदा नहीं होता है लेकिन बेच नहीं सकते हैं क्योकि बब्बा ने खरीदा था.