दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर अपनी आवाज को बुलंद कर दिया है। उन्होंने आने वाले लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 7 सीटों पर जहां पहले अकेले चुनाव लड़ने की बात की थी। साथ ही केजरीवाल की तरफ से 6 सीटों पर उम्मीदवार भी घोषित कर दिए थे। अब वहीं केजरीवाल ने सभी सातों सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा कर दिया है।
आपको बता दें कि पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच में गठबंधन के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने इस गठबंधन से अलग लड़ने का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद अब राजधानी में त्रिकोणीय मुकाबला है, क्योंकि कांग्रेस, बीजेपी और आप तीनों ही सातों सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली है।
केजरीवाल ने कहा कि आने वाले चुनाव दिल्ली वालों के लिए बेहद जरूरी है। इस बार दिल्ली के लोग प्रधानमंत्री बनाने के लिए नहीं बल्कि पूर्ण राज्य के लिए वोट देंगे। शीला दीक्षित कह रही हैं कि कांग्रेस गठबंधन नहीं करेगी, लेकिन हमारे इंटरनल सर्वे हमें बता रहे हैं कि हम बिना गठबंधन के भी दिल्ली की सातों सीट जीत रहे हैं। इस सर्वे में ये भी बताया है कि भारत-पाक तनाव से बीजेपी को नुकसान होगा। अब मुसलमान भी आम आदमी पार्टी के साथ हैं। हालांकि पंजाब में गठबंधन पर बातचीत चल रही है।
आम आदमी पार्टी के दफ्तर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने आगे कहा कि आंबेडकर ने कहा था कि एक आदमी का एक वोट होगा। चाहे कहीं का भी रहने वाला हो। लेकिन दिल्ली वालों का आधा वोट है। 70 साल से दिल्ली का शोषण किया जा रहा है। दिल्ली के लोग केंद्र सरकार को डेढ़ लाख करोड़ का टैक्स देते हैं लेकिन केंद्र सरकार दिल्ली को 325 करोड़ ही देती है।
केंद्र पर साधा निशाना
उन्होंने आगे कहा कि हमारे सारे काम में केंद्र ने टांग अड़ाई है। पुलिस सीधे गृहमंत्री और प्रधानमंत्री के अंदर आती है, लेकिन उनके पास दिल्ली के लिए वक्त ही नहीं है। हमारे पास रिक्तियां निकालने का अधिकार नहीं है। दिल्ली में नई यूनिवर्सिटी खोलना चाहते हैं लेकिन अनुमति का इंतजार है। पूर्ण राज्य होता तो अनुमति नहीं लेनी होती। हम चुनाव पूर्ण राज्य का दर्जा पर ही लड़ेंगे। बीजेपी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य के नाम पर धोखा दिया है और बीजेपी और कांग्रेस अपना पक्ष साफ करें।