नई दिल्ली: बीजेपी ने भोपाल से साध्वी प्रज्ञा को उम्मीदवार बनाया है| साध्वी प्रज्ञा मालेगांव बम ब्लास्ट केस में आरोपी हैं और जमानत पर बाहर हैं| प्रज्ञा ने आते ही सुर्खियाँ बटोरनी शुरू कर दी हैं और उन्होंने मुंबई हमले में शहीद हुए जवान हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दे दिया है| इस बयान से हर कोई आहत है यहाँ तक कि बीजेपी के मुख्यमंत्री और आलाकमान भी साध्वी के खिलाफ उतरने लग गए हैं| अब महाराष्ट के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने भी इसे गलत बताया है|
साध्वी प्रज्ञा ने जैसे ही बयान दिया उसके बाद उनके खिलाफ खड़े होने वाले लोगो कि संख्या बढती चली गई| मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने कहा की “ऐसे बयान नहीं दिए जाने चहिये| शहीद हेमंत करकरे एक बहादुर जवान थे और हमेशा हम सब उन्हें याद रखेंगे| हम साध्वी प्रज्ञा के बयान का समर्थन नहीं करते हैं ये उनकी निजी राय है| वैसे इस तरह के बयान देने से बचना चहिये”|
साध्वी प्रज्ञा भोपाल से बीजेपी कि उम्मीदवार हैं और अगर वो जीतती हैं तो एक जनप्रतिनिधि कहलाएगी| ऐसे में जनता को प्रेजेंट करने वाला एक शख्स बेहूदी बात करता है तो गलत है| बिना किसी लॉजिक के आप कोई गलत बयान इसीलिए दे देते हैं की आपको उस सीट के हिन्दुओ को आकर्षित करना है| साध्वी प्रज्ञा को टिकट मिलने और इस बयान पर बीजेपी के चुप रहने से लोग कहने लगे हैं कि जिस तरह हम साध्वी को आतंकी नहीं मानते उसी तरह पाकिस्तान भी हाफ़िज़ सईद को आतंकी नहीं मनाता|
जाहिर है इस बयान से बीजेपी का नुकसान भी हो सकता है| या फिर ये भी हो सकता है कि वोटों का ध्रुवीकरण हो और प्रज्ञा के पक्ष में माहौल बन जाए लेकिन ऐसा दिख नहीं रहा है|