राजनीति में बहुत जल्द ही रिश्ते बनते औऱ बिगड़ते हैं। एक वक्त था जब दो दल एक दूसरे के कट्टर विरोधी थी, सपा और बसपा बेशक बुआ और बबुआ की पार्टी थी, लेकिन इन दोनों में रिश्तों में बहुत ही ज्यादा खटास थी। लेकिन राजनीति ने इन दोनों दुश्मनों को वापिस दोस्तों में बदल दिया है। अब तो आलम ये हो गया है कि दोनों में पारिवारिक रिश्ते बनने लगे हैं। कनौज में एक ऐसा नजापा देखने को मिला जिसकी कल्पना करना भी शायद मुश्किल था। यहां पर मंच पर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव मंच पर थे और इन दोनों के साथ थी अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव। इस दौरान डिंपल यादव ने मंच पर ‘बुआ’ मायावती के पैर छुए तो मायावती ने भी उन्हें आशीर्वाद दे दिया।
आपको बता दें उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट से महागठबंधन ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को चुनावी मैदान में उतारा हैं। जिनके प्रचार के लिए मायावती ने कन्नौज में संयुक्त रैली को संबोधित किया और जनता से सपा सांसद की उम्मीदवार डिंपल यादव को वोट करने के लिए कहा।
मायावती ने जब डिंपल के समर्थन में वोट की अपील की तो उन्होंने कहा कि सपा के साथ गठबंधन के बाद डिंपल यादव को पूरे दिल से अपने खुद के परिवार की बहू मानती हूं। अखिलेश यादव भी मुझे बड़ी ही मानकर चलते हैं, जिससे इनकी पत्नी का हमारे परिवार के साथ खास रिश्ता बन गया है और आगे भी बना रहेगा। डिंपल यादव ने मंच पर ही झुक कर मायावती के पैर छुए तो मायावती ने उनकी कमर पर हाथ रखते हुए उन्हें उठाते हुए आशीर्वाद दिया।
मायावती ने कहा कि मोदी कह रहे हैं कि वो आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे, लेकिन हकीकत ये है कि वो किसी को आरक्षण का लाभ नहीं मिलने दे रहे हैं। बीजेपी सरकार में प्राइवेट सेक्टर हावी है, सच्चर कमेटी की सिफारिशों को भी लागू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी के घोषणापत्र यकीन करने वाले नहीं हैं। हम घोषणापत्र जारी नहीं करते, हम कहने में कम और काम करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं।