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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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खुलासे से हड़कंप : मोदी सरकार ने 57 महीने में लिया 30 लाख करोड़ रुपये का कर्जा

Politics Tadka Sandeep 5 May 2019
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इधर भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में व्यस्त है, उधर उसे परेशान करने के लिए एक और बम मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने फोड़ दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर आई है कि नरेंद्र मोदी ने अपने 57 महीने के कार्यकाल में विदेशी बैंकों से 30 लाख करोड रुपये का कर्जा लिया है. इससे हरेक भारतीय नागरिक पर 23,300 रुपये से ज्यादा का अतिरिक्त कर्जा हो गया है.

सनसनीखेज आंकड़ों से परेशान हुई सरकार

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सनसनीखेज आंकड़े पेश करते हुए मोदी सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में बिना देश को बताए विदेशों से 30 लाख करोड़ रुपये का कर्जा उठा लिया है, जो देशवासियों को बर्बाद करने की घिनौनी साजिश है. मोदी सरकार को इस खुलासे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. सुरजेवाला ने कर्ज ली हुई कुल राशि 30 लाख 28 हजार 945 रुपये बताई है.

देश को कंगाल बनाने की साजिश

सुरजेवाला ने खुलासा करते हुए बताया कि मोदी सरकार ने जान बूझकर कर्ज लिया और जमकर पैसे लुटाए हैं. अब ये पैसे कैसे चुकाए जाएंगे, ये एक बड़ा सवाल है. मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था की हालत खराब करके रख दी है. सरकार ने अपने प्रचार प्रसार में जमकर पैसे लुटाए हैं. वित्तीय कुप्रबंधन जैसे हालात बन चुके हैं.

मीडिया के शोर में देश का नुकसान

दरअसल नरेंद्र मोदी सरकार ने मीडिया का मैनेजमेंट इतने कुशल तरीके से कर रखा है कि देश के सामने से मूल मुद्दों को हटा दिया गया है. सरकार अपने विकास कार्यों और उपलब्धियों को गिनाने की बजाया पाकिस्तान और राष्ट्रवाद की कहानियां सुना रही है, जबकि मीडिया भी मोदी की जयजयकार में लगा हुआ है. माना जा रहा है कि मीडिया प्रबंधन में भी सरकार ने अरबों रुपये लुटा दिए हैं. मोदी सरकार के इस कार्यकाल में जितना मीडिया का स्तर गिरा, शायद उतना कभी नहीं गिरा.

नागरिकों पर कर्ज, उद्योगपतियों पर मेहरबानी

मार्च 2014 में प्रत्येक भारतीय नागरिक पर जो 40 हजार 845 रुपये का कर्ज था, वो अब बढ़कर 64 हजार 154 रुपये पहुंच चुका है, जो देश के लिए अच्छी खबर नहीं है. सुरजेवाला ने कहा कि एक और देश का कुल कर्ज अब 90 लाख 56 हजार 725 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है तो वहीं मोदी सरकार ने गिने चुने हुए उद्योगपतियों को 05 लाख 55 हजार करोड़ रुपये से भी उपर का कर्जा माफ कर दिया है.