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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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क्यों वाराणसी से मोदी के खिलाफ 71 उम्मीदवारों के पर्चे हुए रद्द

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से देश के कई कोणों से उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। यहां पर जितनी थोक में लोगों ने पर्चा भरा था, उतनी ही थोक में लोगों की उम्मीदवारी खारिज भी हुई है। पहले माना जा रहा था कि वाराणसी में भी तेलंगाना की तरह 2 EVM से मतदान होगा लेकिन ऐसा अब नहीं होगा। आपको बता दें कि इस बार तेलंगाना के निजामाबाद लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा नामाकंन हुआ है।

102 में से 71 उम्मीदवारों का पर्चा क्यों रद्द हुआ

वाराणसी में 102 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था, लेकिन इनमें से 71 उम्मीदवारों का पर्चा रद्द हो गया है। वाराणसी के जिला निर्वाचन अधिकारी ने इतनी भारी मात्रा में पर्चा निरस्त होने के अलग अलग कारण बताए हैं। पहले तो निर्दलीय और फिर बाद में समाजवादी पार्टी के टिकट पर आखिरी दिन नामांकन करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का पर्चा NOC जमा नहीं करने की वजह से रद्द हुआ है, लेकिन बाकी 70 उम्मीदवारों का पर्चा क्यों रद्द हुआ?

आपको बता दें कि वाराणसी में 7वें चरण में चुनाव होने हैं। नामांकन प्रक्रिया के वक्त 102 उम्मीदवारों ने 119 नामांकन पत्र दाखिल किए थे। नामांकन पत्रों की जांच के दौरान 71 उम्मीदवारों के 88 पर्चे खारिज हुए हैं। जिसके बाद में नामांकन पत्रों की वापसी के दौरान 5 उम्मीदवारों ने पर्चे वापस ले लिए है, इस तरह से अब सिर्फ वाराणसी में नरेंद्र मोदी के खिलाफ 25 लोग मैदान में है।

 

10 प्रस्तावक नहीं जुटा सके

जिन 71 लोगों के पर्चे रद्द हुए हैं उनमें सबसे ज्यादा संख्या ऐसे लोगों की थी, जो कि 10 प्रस्तावक भी नहीं जुटा सके थे। आपको बता दें कि निर्दलीय उम्मीदवारों को 10 प्रस्तावकों की जरूरत होती है, जो संसदीय क्षेत्र के स्थानीय होने चाहिए। 20 से ज्यादा पर्चे इसी कारण निरस्त हुए है। कुछ ऐसे पर्चे भी रद्द किए गए है, जिन्होंने 10 प्रस्तावकों के नाम तो लिखे थे लेकिन उनकी वोटर आईडी कार्ड की फोटोकॉपी नहीं जमा की थी और ना प्रस्तावकों के हस्ताक्षर किए थे।

इसमें तेलंगाना से आए हुए किसानों की संख्या सबसे ज्यादा थी। इसके अलावा कई उम्मीदवारों के पुराने हलफनामे के कारण भी नामांकन रद्द हुआ है। निर्वाचन आयोग के नियमों के मुताबिक उम्मीदवार को नामांकन के वक्त नया हलफनामा और शपथपत्र देना होता है। वहीं साथ ही 2 उम्मीदवारों ने तो बिना जमानत राशि बैंक में जमा किए ही अंतिम दिन नामांकन कर दिया था।

Taranjeet

Taranjeet

A writer, poet, artist, anchor and journalist.