नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों के परिणाम में यूपी हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका रखता आया है| कहते हैं जो यूपी जीतता है वो देश जीत लेता है| ऐसा करने की तैयारी में थे सपा और बसपा और इसके लिए यूपी में महागठबंधन भी बनाया गया| लेकिन कांग्रेस ने बीच में आकर खेल बिगाड़ा और बहुत सारी सीटों पर महज कांग्रेस “वोट-कटुआ” साबित हो गई| इन आठ सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी को गठबंधन प्रत्याशी की हार वाले मार्जिन से थोड़े अधिक वोट मिले हैं| अगर कांग्रेस इन सीटों पर समर्थन देती तो परिदृश्य कुछ और होता|
कांग्रेस को वोट कटुवा बनाने वाली यूपी की सीटें-
- अगर आठों सीटों पर नजर डालें तो बदायूं में बीजेपी 18,454 वोटों से जीती और कांग्रेस को 51,947 वोट मिले|
- इसी तरह बांदा में बीजेपी का उम्मीदवार 58,938 वोटों से जीता और कांग्रेस के खाते में 75,438 वोट चले गए|
- बाराबंकी में बीजेपी 1,10,140 वोटों से जीती और कांग्रेस को 1,59,611 वोट प्राप्त हुए|
- बस्ती में बीजेपी उम्मीदवार 31,573 वोटों से जीता और कांग्रेस के उम्मीदवार को 86,920 वोट मिले|
- धौरहरा में बीजेपी 1,60,611 वोटों से जीती और कांग्रेस के उम्मीदवार को 1,62,856 वोट मिले|
- मेरठ में बीजेपी सिर्फ 4,729 वोटों से जीती और कांग्रेस के खाते में 34,479 वोट जाने के चलते महागठबंधन का उम्मीदवार हार गया|
- संत कबीर नगर में तो यह अंतर और भी ज्यादा रहा। यहां बीजेपी का उम्मीदवार महज 34,373 वोटों से जीता और कांग्रेस ने उससे कहीं ज्यादा 1,28,506 वोट झटक लिए|
- इसी तरह सुल्तानपुर में बीजेपी उम्मीदवार की जीत का मार्जिन 14,526 वोटों का रहा, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार को 41,681 वोट मिल गए|
कांग्रेस ने सिर्फ वोट काटे-
मायावती शुरू से ही कांग्रेस के ऊपर आरोप लगाती आ रही हैं कि वो महज बीजेपी की मदद करने के लिए चुनाव लड़ रही है| ये बात सही है कि अगर महागठबंधन में कांग्रेस शामिल होती और इन सीटों पर तीनो मिलकर चुनाव लड़ते तो आठ सीटें इनके खाते में जा सकती थीं|