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कर्नाटक संकट: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या गिर जाएगी कुमारस्वामी सरकार

Politics Tadka Taranjeet 21 July 2019

कर्नाटक में लंबे वक्त से चल रहे सियासी घमासान के बीच में सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के इस्तीफों पर अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि बागी विधायकों के इस्तीफों पर स्पीकर अपनी इच्छा के हिसाब से फैसला ले सकते हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बागी विधायकों को सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में संवैधानिक संतुलन बनाना जरूरी है, जो सवाल उठे हैं उनके जवाब बाद में तलाशे जाएंगे। कांग्रेस और जेडीएस के 15 बागी विधायकों ने इस्तीफे स्वीकार करने का स्पीकर को निर्देश देने की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिक दाखिल की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों की तरफ से जोरदार दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कुमारस्वामी और विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों की याचिका पर विचार करने के न्यायालय के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया था। तो वहीं पर दूसरी तरफ बागी विधायकों ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार बहुमत खो चुकी गठबंधन सरकार को सहारा देने की कोशिश कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन और कांग्रेस के पास क्या विकल्प हैं? कर्नाटक की सियासत में अब क्या होगा? क्या कुमारस्वामी सरकार बचेगी या गिरेगी? आइए जानते हैं कि क्या क्या समीकरण बन सकते हैं।

अगर बागियों के इस्तीफे मंजूर कर लिए जाते हैं तो क्या होगा?

कर्नाटक में स्पीकर को छोड़कर विधायकों की संख्या 223 है। जिसमें बहुमत के लिए 112 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है। अगर बात करें मौजूदा सरकार की तो कांग्रेस के पास 78 विधायक है, वहीं जेडीएस के पास 37 और बसपा के पास 1 विधायक है। जिसकी वजह से कुमारस्वामी सरकार के पास अभी फिलहाल 116 विधायक हैं, लेकिन इनमें से 16 विधायक बागी हो गए हैं। अगर ये विधायक विधानसभा से अपना इस्तीफा दे देते हैं। वहीं स्पीकर अगर इन बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं, तो सरकार को बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। ऐसे में कुमारस्वामी और उनके सहयोगी दलों के पास ये आंकड़ा 100 का होगा, वहीं विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी के पास 105 विधायक हो जाएंगे, इसके अलावा उसके पास 2 निर्दलीय विधायक भी है। जिससे ये आंकड़ा 107 हो जाता है। और ऐसे में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने के हक में आ जाती है।

अगर बागी विधायकों को अयोग्य करार कर दिया जाता है

वहीं अगर विधानसभा स्पीकर बागी विधायकों को अयोग्य करार कर देते हैं, तो भी सदन में विश्वास मत के दौरान सरकार को बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा जुटाना होगा। जो कि उसके पास नहीं होगा और ऐसे में मौजूदा कुमारस्वामी सरकार गिर जाएगी।

अगर बागी विधायकों ने सरकार के खिलाफ वोटिंग कर दी

वहीं अगर 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं होते हैं और वो फ्लोर टेस्ट के दौरान सरकार के खिलाफ वोटिंग कर देते हैं तो ऐसे में सरकार के पक्ष में 100 वोट पड़ने की संभावना है। ये संख्या बहुमत के लिए जरूरी 112 के आंकड़े से कम होगी और ऐसे में कुमारस्वामी सरकार विश्वास मत खो देती है और सरकार के खिलाफ वोट करने पर बागियों की सदस्यता खत्म हो जाती है।

बागी विधायकों के सदन से अनुपस्थित रहने पर क्या होगा

अगर सदन में वोटिंग के दौरान ऐसी स्थिति होती है कि ये 16 विधायक अनुपस्थित रहते हैं, तो इस स्थिति में विश्वास मत के समय सदन में सदस्य संख्या 207 रह जाएगी और बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 104 का हो जाता है। लेकिन, बागियों की अनुपस्थिति में सरकार के पक्ष में केवल 100 वोट पड़ेंगे और ऐसे में भी सरकार गिरने की संभावना सबसे ज्यादा हो जाती है।

अगर कुमारस्वामी सरकार गिर जाती है तो क्या होगा

अगर विश्वासमत के दौरान कुमारस्वामी सरकार गिर जाती है तो ऐसी स्थिति में विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी और 76 साल के बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि कुमारस्वामी सरकार गिर गई तो हम तीन दिन में राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बना लेंगे।

Taranjeet

Taranjeet

A writer, poet, artist, anchor and journalist.