आप में से बहुत लोगों को लगता होगा कि पर्दे पर चमकने वाले सितारों की जिंदगी कितनी हसीन हैं, हमेशा हर तरफ कैमरा, फैन, बड़ी-बड़ी गाड़ियां। लेकिन ये सब कुछ उन्होंने अपनी मेहनत से कमाया है, बहुत से ऐसे बॉलीवुड के स्टार्स हैं जो फर्श से खड़े हो कर अर्श तक पहुंचे हैं। अपने करियर के शुरुआती दिनों में इन स्टार्स ने कंडक्टर, कुली और यहां तक कि चाय बेचने तक का काम किया है, लेकिन बावजूद इसके अपनी मेहनत और जुनून की वजह से सितारों ने न सिर्फ सफलता पाई बल्कि शौहरत की बुलंदियां हासिल की हैऔर ये सितारे बॉलीवुड के लिए Bollywood Motivation स्टार है।
रजनीकांत
साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिंग के इस महारथी को लोग भगवान की तरह पूजते हैं। रजनीकांत के पिता रामोजी राव गायकवाड़ एक हवलदार थे और मां की मौत के बाद चार भाई-बहनों में सबसे छोटे रजनीकांत को अहसास हुआ कि घर की माली हालत ठीक नहीं है। आप शायद जानते नहीं होंगे कि सुपरस्टार रजनीकांत एक वक्त में बस कंडक्टर का भी काम करते थे। परिवार को सहारा देने के लिए उन्होंने कुली का भी काम किया है और इसके बाद वो कन्नड के नाटकों में उन्हें छोटे-मोटे रोल करने लगे। लेकिन रजनीकांत ने हिम्मत नहीं हारी और आज उनकी एक्टिंग का लोहा पूरी दुनिया मानती है।
शाहरुख खान
शाहरुख आज बॉलीवुड के बादशाह हैं लेकिन दशकों पहले ऐसा नहीं था। वो एक साधारण से परिवार से संबंध रखते थे, लेकिन आज शाहरुख खान को फिल्म इंडस्ट्री में जो मुकाम मिला है उसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की है। शुरुआती दौर में शाहरुख खान ने दिल्ली के दरियागंज में एक छोटा रेस्टोरेंट बिजनेस भी खोला था लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी। आपको जानकर हैरत होगी कि पकंज उदास के कंसर्ट में काम करके उन्हें सबसे पहली सैलरी 50 रुपये मिली थी।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी
आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के कारण इस एक्टर ने तो दिल्ली के शाहदरा में रात में चौकीदारी का काम किया है और एनएसडी में अपने ऐक्टिंग के हुनर को दिखा दिया और 1996 में एनएसडी से अपनी शिक्षा पूरी की। साइंस में ग्रेजुएशन के बाद नौकरी मिलना आसान नहीं था। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कई जगह कोशिश की तो केमिस्ट की नौकरी मिल गई लेकिन इनकी किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था। इसे नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मेहनत ही कहेंगे कि आज इनकी एक्टिंग की मिसाल दी जाती है और उन्हें एक असल एक्टर तक कहा जाता है। वो एक्टर जो सिर्फ एक्टिंग के दम पर फिल्मों को हिट करा जाता है।
अमिताभ बच्चन
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की जिंदगी भी संघर्षों से भरी हुई रही है। आपको शायद पता नहीं होगा कि जब अमिताभ बच्चन इलाहाबाद से मुंबई आए थे तो उनके पास रहने की भी जगह नहीं थी,कई रातें उन्होंने मरीन ड्राइव की बेंचों पर बिताई थी। यहीं नहीं अमिताभ बच्चन इंजीनियर बनना चाहते थे और इंडियन एयर फोर्स में जाना उनका सपना था। अमिताभ बच्चन की पहली सैलरी करीब 300 रुपये थी।
जॉनी वॉकर
एक वक्त पर सबसे मशहूर एक्टर और कॉमेडियन रहे बद्दरूद्दीन जमालुद्दीन काजी जिनका फिल्मी नाम जॉनी वॉकर था, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक बस कंडक्टर के तौर पर की थी। जहां पर वो पैसेंजर्स को हंसाते रहते थे। वहीं बलराज साहनी की निगाह जॉनी वॉकर पर पड़ी और उन्होंने उन्हें गुरू दत्त से मिलवाया। फिर क्या था हीरे को जोहरी मिल गया।
जॉनी लीवर
बॉलीवुड में कॉमेडी की नई मिसाल खड़ी करने वाले जॉनी लीवर आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। आर्थिक तंगी की वजह से सातवीं क्लास में ही उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा था और मुंबई की गलियों में पेन बेचना शुरू कर दिया था। इस दौरान उन्हें हिंदूस्तान लीवर कंपनी में काम करने का मौका मिला। इसके बाद वो म्यूजिकल शोज में स्डेंअप कॉमेडी भी करने लगे और धीरे-धीरे उन्हें बॉलीवुड में पहुंचने का मौका मिल गया था।
स्मृति ईरानी
नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने जब दिल्ली छोड़कर मायानगरी मुंबई का रुख किया था, तो उन्हें वहां पर मैकडोनल्ड्स में झाडू-पोंछा और वेटर का भी काम करना पड़ा था। लेकिन उनका आत्मविश्वास नहीं कम हुआ। टीवी सीरियल्स में खुद को साबित करने के बाद आज उन्होंने राजनीति में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। एक आदर्श बहू से लेकर एक नेता के रूप में वो सफलता की बुलंदियों पर पहुंची है।
महमूद
फिल्मी दुनिया के जाने-माने कलाकार महमूद ने अपना करियर चाइल्ड एक्टर के तौर पर शुरू किया था। महमूद के पिता शराबी थे और जिसकी वजह से उनके घर का सारा सामान बिक गया था ऐसे में घर की जिम्मेदारी महमूद पर आ गई थी। अपनी कॉमेडी से फिल्मों में अलग छाप छोड़ने वाले इस कलाकार ने करियर के शुरुआती दौर में बस ड्राइवर और अंडे बेचने का भी काम किया है।
बमन ईरानी
मुंबई के मीठीबाई कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद बमन ने ताज होटल में बतौर वेटर और रूम सर्विस स्टाफ काम शुरू किया। मां एक कन्फेक्शनरी की दुकान चलाती थीं। मां के बहुत ऊंचे अरमान नहीं थे कि बेटा डॉक्टर-इंजीनियर बन जाए और इसके बावजूद उन्होंने एक्टिंग में अपना लोहा मनवाया।
अरशद वारसी
इस एक्टर को आपने सर्किट के रूप में काफी ज्यादा प्यार दिया है। क्योंकि इसी नाम ने उन्हें बॉलीवुड में नई पहचान दिलाई है। आपको बता दें कि अरशद वारसी ने बॉलीवुड में कदम रखने से पहले बहुत ही बेकारी में दिन में गुजारे हैं। पहले वो घर-घर जाकर कॉस्मेटिक का समान बेचा करते थे।
अक्षय कुमार
फिल्मी दुनिया के खिलाड़ी यानी की अक्षय कुमार की जिंदगी भी बहुत से संघर्षों वाली रही है। बैंकांक में उन्होंने होटल में बर्तन साफ करने और वेटर के तौर पर काम किया है, यही नहीं वो शेफ भी रह चुके हैं। होटल में नौकरी के दैरान उन्हें 1500 रुपये दिए जाते थे और रात को किचन के फर्श पर सोना पड़ता था।
मिथुन चक्रवर्थी
एक्टर मिथुन चक्रवर्थी आज भी फिल्मों में देखे जाते हैं। उन्हें डांसिग हीरो भी माना जाता है। शायद आप ये बात नहीं जानते होंगे कि फिल्मों में आने से पहले मिथुन चक्रवर्शी एक नक्सली थे। लेकिन भाई की भयानक दुर्घटना में मौत होने के बाद उन्हें गहरा सदमा पहुंचा और वो नक्सलियों को छोड़ घर वापस लौट गए। इसके बाद वो जो बने दुनिया के सामने हैं।
दिलीप कुमार
सुपरस्टार दिलीप कुमार पुराने जमाने के हिट एक्टर साबित हुए हैं। आज भी उन्हें सदी के सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में गिना जाता है। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में एक से एक हिट फिल्म दी है। लेकिन शायद ही आपको पता हो कि वो फिल्मों में आने से पहले फल बेचा करते थे इनकी स्टोरी तो काफी Motivational Story है लोगो के लिए ।
देव आनंद
ये नाम ही काफी है इनकी शोहरत बताने के लिए, ये अभिनेता एक वक्त पर कलर्क की नौकरी किया करता था। लेकिन राहें तो सितारा बनने की तरफ थी, तो चल दिए एक्टिंग के लिए।
राकेश ओमप्रकाश मेहरा
Indian Motivation रंग दे बसंती जैसी फिल्में बना चुके राकेश ओमप्रकाश मेहरा का संघर्ष भी काबिल-ए-तारीफ है। उन्हेंने महज 352 रुपये महीने में सेल्समैन की नौकरी की और उनके लिए वो समय काफी मुश्किल था जब ‘घर-घर जाकर वैक्यूम क्लीनर बेचने की उस नौकरी में कितने ही दरवाजे मुंह पर बंद होते थे। उन्होंने नौवीं क्लास से ही नौकरी करना शुरू कर दिया था। उन्हेंने कभी ऐड एजेंसी में, तो कभी टूरिस्ट कैंप में नौकरी कर महीने के करीब 100-150 रुपये कमाए और घर में पिताजी की मदद की।