नई दिल्ली: दोस्तों एक देश है वेनिस बहुतै खूबसूरत है क्या बताएं. मतलब लोगों का सपना होता हैं वहां एक बार जाना. वहां की खासियत है कि वहां पर सड़कें कम हैं और लोग नाव के सहारे एक जगह से दूसरे जगह जाते हैं. मतलब पानी ही पानी. अब लग रहा है कि सुशासन बाबू ने बिहार को वेनिस बना दिया है.
आप बीजेपी की ट्रोल करते हैं कि बिहार में इनके नेता जनता का साथ नहीं देते. कितने गलत हैं आप बताइए. जब वहां बाढ़ का मौसम चल रहा है तो देखिये कैसे बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी आम आदमी के साथ एक पुल पर खड़े हैं. रुकिए-रुकिए ज्यादा ना सोचिये. वो इसलिए खड़े हैं की क्योकि उनके सीएम आवास में भी पानी घुस गया है. आलम ये हुआ कि महोदय परिवार सहित असहाय होकर सडकों में खड़े दिखे. अब आप बताइए इतना जमीन से जुड़ा नेता कहाँ दिखाई देगा. हाँ वो बात अलग है कि चमकी बुखार के टाइम नहीं दिखाई दिए.
सुशासन बाबू यानी कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार. छाता लिए अपने सीएम आवास से पटना का नजारा देख रहे हैं और कह रहे हैं कि “काहे हो रहे हो बेहाल, ठीक्के तो है पटना का हाल”. पहले कहते थे पानी नहीं नहीं. बिहार में सूखा आ रहा है और जनता को पानी कि कमी है. लेकिन आज जब हर तरफ पानी भरवा दिया तो कह रहे हो बाढ़ आ गई. अरे भाई ये पानी सरकार की तरफ से भरवाया गया है जिससे आप सबको समस्या ना हो.
देखिये कई बार हवा उड़ी थी कि नितीश कुमार भी प्रधानमंत्री तो बनिये सकते हैं. लेकिन उसके लिए पीएम की बराबरी करनी थी. पीएम ने बनारस को क्योटो बना दिया. मतलब ऐसा बनाया कि लोगों का सडकों में चलना मुहाल हो गया और हर तरफ पानी ही पानी. तो नितीश ने कहा कि बराबरी करनी है तो हमें भी पटना को कुछ ना कुछ बनाना होगा. इसीलिए भाईओ भेनों उसे वेनिस बना दिया गया. अब बताइए “कहाँ कम हैं नितीश कुमार, ठीक्के तो है jdu सरकार”. अब अपने सीएम से पीएम को चुनौती दिलवानी है तो भईया ये सब तो चलेगा ही.
वैसे ये बाढ़ एक और प्लानिंग के तहत लाइ गई है. बात ये है मर्दे कि tejasvi yadav. अब ये क्यों पूछ रहे हैं कौन तेजस्वी यादव. अरे वही lalu yadav के बेटे, अरे पूर्व डिप्टी सीएम. नहीं याद आया. अरे वो जो कहते थे कि बिहार की जनता के सुख-दुःख में साथ हैं. अरे चमकी बुखार के समय नही दिखे थे जो. याद आया ना हाँ वही तेजस्वी यादव. उनका बँगला खाली करवाना था तो वहां पर जलभराव करवाया गया. जिससे वो परिवार सहित कहीं और रहने चले जाएँ और इधर से nitish kumr जाकर ताला लगा दें. लेकिन पानी भरने के बाद भी तेजस्वी नहीं बोले बंगला खाली नहीं होगा नितीश चिचा. लेकिन इस चक्कर में पूरे पटना के बाढ़ आ गई. अब बताइए सरकारी संपत्ति से कब्ज़ा हटाने के लिए सुशासन बाबू ने कितना कुछ नहीं किया और आप कहिते हैं “फिर से करेंगे विचार, ठीक्के नहीं है नितीश कुमार”.
देखिये bihar में election आने वाले हैं और ऐसे में वहां कुछ ना कुछ इस समय तो करना पड़ेगा. लेकिन सारा का सारा पहले से हो चुका है. नितीश कुमार परेशान थे कि इतना विकास करवा दिया कि अब कुछ बचा नहीं करने को और चुनाव के मौसम में कुछ ना कुछ होना चाहिए. इसीलिए उन्होंने कहा कि चलो बाढ़ का प्रबंध किया जाए और इससे थोडा बहुत कुछ खराब होगा और फिर से नया काम शुरू किया जाएगा. ये थी असली प्लानिंग. समझे मर्दे की नहीं. कोई आदमी विकास करवाना चाहता है और तुम बाढ़-बाढ़ चिल्ला रहे हो.
बताइए छोटे से जलभराव को बाढ़ बता दिया. क्या हुआ है ज्यादा से ज्यादा सौ, दो सौ, हजार, या दस हजार आदमी तबाह होंगे. लोग परेशान होंगे और बीमारियाँ फैलेगी ना. लेकिन अगली बार नया बिहार भी तो बनाना है ना चुनावों के समय.
वाह रे सरकार! कैसा सुशासन कैसा समय. लोगों के घर उजड़ गए, आशियाने टूट गए और गरीबों का रोजगार चला गया. सीएम साहब एक जगह नहीं गए देखें. हवाई जहाज से दौरा कर लिया बस. अब बताइए “क्यों ना करें विचार, काहे ठीक हैं नितीश कुमार”