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मोदी जी! हिम्मत है तो यूरोपियन सांसदों को देश के इन हिस्सों का टूर भी करवा दीजिए

यूरोप से सांसद बुलाए गए हैं कश्मीर का हाल देखने के लिए. लेकिन मोदी जी अगर आपमें हिम्मत है तो आप देश के इन हिस्सों में भी उन सांसदों को ले जाइए-
Troll Ambresh Dwivedi 5 November 2019

नई दिल्ली: साल 2014 में एक सरकार बनी एक उम्मीदों और आशाओं वाली सरकार जिसने लोगों में जल्द ही ये बात घुसा दी कि वो बहुत अच्छा करने जा रहे हैं. लेकिन इसके बाद उन्होंने शुरू किए इवेंट्स, वो इवेंट्स जिससे सरकार की सीधे-सीधे ब्रांडिंग होती है. हाल ही में कश्मीर को लेकर एक और इवेंट तैयार किया गया. यूरोप से सांसद बुलाए गए हैं कश्मीर का हाल देखने के लिए. लेकिन मोदी जी अगर आपमें हिम्मत है तो आप देश के इन हिस्सों में भी उन सांसदों को ले जाइए-

मिर्ज़ापुर के स्कूल में

सबसे पहले ना आप शुरू कीजिए अपने सबसे प्यारे और विकास की गंगा में डुबकी लगा रहे राज्य यूपी से. वहां पर उन सांसदों को ले जाइए मिर्ज़ापुर के उस स्कूल में जहाँ पर बच्चे नमक रोटी खा रहे हैं मिड डे मील के नाम पर. उसी जगह पर जहां से सांसद, विधायक और सभी जनप्रतिनिधि आपके हैं. सोचिए ना कितना अद्भुत दृश्य होगा जब वो बच्चों को नमक रोटी खाते देखेंगे. इससे एक नई रेसिपी को खोज होगी जो कि खुद को विकसित बताने वाले भारत के लिए गर्व का विषय होगी. ले जाइए ना मोदी जी उसी जगह. मजा आ जाएगा उन सांसदों का और आपके द्वारा उन पर किया गया खर्चा भी वसूल हो जाएगा. और हाँ साथ में मिलवा दीजिएगा एक विशेष मेहमान से भी. वो मेहमान होगा मिर्ज़ापुर का वो पत्रकार जिसे ऐसी खबर कवर करने के चलते आपने गिरफ्तार करवा लिया.

आपके बनारस भी

माफ़ कीजिएगा मोदी जी मैंने बनारस बोल दिया. चलिए आपका क्योटो. ऐसा करिये ले जाइए क्योटो और वहां पर दिखा दीजिए उस पुल को जिसके गिरने से मासूम लोगों की मौत हो गई थी. और जब वो पूछे कि इस हादसे में सरकार ने क्या किया तो कह दीजिएगा जय श्री राम. ये मत बताइयेगा की इस पुल के ठेकेदार को अभी तक नहीं पकड़ा जा सका और नहीं न्याय दिया जा सका उन मृत लोगों को जिनकी कोई गलती नहीं थी. और लास्ट में कह दीजिएगा की क्योटो में ऐसी छोटी-छोटी घटनाएँ होती रहती है.

गंगा माँ का स्नान

अगर आप उन्हें ऐसा करने को कहेंगे तो उन्हें एक नई बात पता चलेगी. वो ये कि नदी माँ भी हो सकती है. क्योकि उनके देश में नदी को महज नदी मानते हैं और उसके साथ वैसा ही होता है. इसीलिए साफ़ सुथरी रहती है. लेकिन उन्हें बताइए की बेटा तुम लोग गलत कर रहे हो नदी को सिर्फ नदी नहीं बल्कि माता मानते हैं. और अपनी माँ को ऐसे गन्दा रखा जाता है. हाँ हजारों करोडो का फंड इशू करवा लिया जाता है और फिर चलता रहता है सब. अनगिनत नाले गंगा में मिल रहे होते हैं, साफ़ सफाई को लेकर बस कोरम पूरा हो रहा होता है. ये सब नहीं दिखाएँगे. मित्रों, दिखाना चैये कि नहीं, दिखाना चैये कि नहीं…..

आपके पसंदीदा राज्य गुजरात भी ले जाइए

चलिए मैं मान लेता हूँ कि यहाँ विकास नहीं हुआ. क्योकि यहाँ पर तो कांग्रेस कि सरकार है ना और वो बहुत घटिया काम करती है चलिए माना. तो फिर आपके सपनो के राज्य में ले जाइए. जिसका मॉडल आपने साल 2014 में बेचा था. गुजरात के शहर सूरत में ले जाइए और ले जाइए उन्हें उस कोचिंग संस्थान के बाहर जहाँ आग लगने से 22 बच्चों की मौत हो गई थी. उन्हें बताइए कि ये है हमारा न्यू इंडिया जहाँ पर बच्चों को सुरक्षित निकाल लेने कि हिम्मत हम में नहीं रही. बता दीजिएगा कि खुद को बचाने के लिए उस वाली खिड़की से कैसे बच्चे कूद रहे थे. वो कूद रहे थे सरकार की नाकामियों कि वजह से. लेकिन ऐसा कैसे हो गया मोदी जी, आपके गुजरात में तो सबकुछ था सबकुछ मतलब सबकुछ. बस ऐसी कोई आधुनिक टेक्निक नहीं थी जिसके जरिये बिल्डिंग में आग लगने पर मासूम को बचाया जा सके.

चाहिए एक दो जगह ये भी

सबसे पहले आप उन सांसदों को 8 नवम्बर 2016 वाले दिन कि उस जगह पर ले जाइएगा जहाँ पर खड़े होकर आपने नोट्बंदी कि घोषणा की थी. इसके बाद उन लोगों के घर ले जाइएगा जिन्होंने अपने पैसे को ही निकालते हुए अपनी जान गवा दी. मोदी जी नोट्बंदी के दौरान सौ से अधिक लोगों की मौत लाइन में लगे लगे हुई थी. उन में से किसी एक के घर ले जाइएगा और परिवार से मिलाते हुए कहिएगा “ये सांसद यूरोप से हमारे देश आएं हैं और ये नए भारत को देखने आएं हैं”. बोलिए उस माँ से आँखे मिलाकर आप कह पायेंगे ऐसा जिसने अपने बेटे को नोट्बंदी के दौरान खो दिया. नहीं कर पायेंगे आप क्योकि वहां पर सेना का कोई शब्द नहीं होगा जिसके सहारे आप बोलते हैं.

इन जगहों में भी-

चलिए अलग-अलग ना बताकर एक बार में कई और जगहें बता देता हूँ. आप उन्हें PMC बैंक ले जाइएगा वहां पर जहाँ लोग अपना पैसा वापिस पाने के लिए कई दिनों से खड़े हैं. इलाहाबाद और दिल्ली के कोचिंग संस्थानों में ले जाकर उन छात्रों से मिलाइए जिन्होंने चार साल पहले परीक्षा दी थी लेकिन आज तक उसके रिजल्ट नहीं आया. नजीब की माँ से मिलवा दीजिएगा जो आज तक लौटा नहीं. पहलू खान के घरवालों से मिलवा दीजिए. मिलवा दीजिए एक दो उन लोगों से जिन्हें आपकी नीतियों से वजह से कह दिया गया कि कल से नौकरी में आने कि जरूरत नहीं है.

और अंत में ये कीजिएगा– इन सभी जगहों को घुमाने और दिखाने के बाद अंत में अपने दो भाषण दिखा दीजिएगा. आपके पास तो इन्टरनेट भी खूब होगा क्योकि सप्लायर भी तो गुजरात से है. तो आ उन्हें अपना साल 2014 वाला सरकार की नाकामियों का भाषण दिखा दीजिएगा और एक दिखा दीजिएगा HOWDY MODI का. इसे ज्यादा लम्बा दिखाने कि जरूरत नहीं है इसमें बस इतना दिखा है “सब चंगा सी”. इससे क्या होगा ना उन्हें आपकी हकीकत पता चल जाएगी और वो सारे भाषाएँ भी सीख जाएंगे भारत की. बस इतना कर दीजिए. सबसे आखिर में उन्हें नॉएडा फिल्म सिटी लाइयेगा जहाँ पर बैठते हैं आपकी पार्टी के प्रवक्ता. न्यूज़ चैनल्स का दफ्तर घुमा दीजिएगा और कहिएगा “मीट माई पार्टी स्पोक्सपर्सन”.

मोदी जी अगर आपमें है हिम्मत तो इतना कर दीजिए बस. उन्हें ये जगहें घुमा दीजिए और बता दीजिए कि आपने देश में कितना विकास किया है. लेकिन पता है आप नहीं घुमायेंगे क्योकि आप डरते हैं. अगर आप डर नहीं रहे होते तो उन्हें यहाँ पर बुलाकर कश्मीर दिखाने नहीं ले जाते. इन सब जगहों को घुमाने में पैसा लगेगा इसकी चिंता मत कीजिए. हम पर कोई एक और टैक्स या जीएसटी लगा दीजिए. हम सह लेंगे लेकिन आप इतना कीजिए तो.

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.