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औद्योगिक उत्पादन के ये आकड़े बताते है कि , अभी तो मंदी शुरू हुई है

Business Logic Nitesh Mishra 12 November 2019
औद्योगिक उत्पादन

किसी भी देश कि अर्थब्यस्था को मापने का पैमाना उस देश की जीडीपी (GDP) होती है। और हम अपने देश की अर्थब्यस्था की बात करे तो हमारे देश की ५ प्रतिशत जीडीपी हमारी देश की मंदी को दर्शाती है।

देश की जीडीपी जो तीन बड़े सेक्टर्स के आधार पे तय की जाती है उसमे से एक उद्योग है। और हमारे देश में हो रहे काम उत्पादन का सीधा अक्षर हमारे देश की जीडीपी पे पड़ रहा है। जैसा की ११ नवंबर की आकड़े बताते है की हमारे देश की जीडीपी इस समय ८ सालो के निचले स्तर पे है और देश की औद्योगिक उत्पादनो में भरी कमी आई है

आइये जानते है क्या है औद्योगिक उत्पादन और कैसे गई हमारे देश की अर्थब्यस्था ८ साल के सबसे निम्न स्तर पे

औद्योगिक उत्पादन

औद्योगिक उत्पादन को अगर हम ३ सेक्टर्स में डिवाइड करे तो मैन्युफैक्चरिंग, खनन और यूटिलिटिज़ मूलतः इसमें शामिल होते है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गाड़ी, कपडा, स्टील सीमेंट जैसी चीजे आती है।
खनन में कोयला और खनिज पदार्थो का उत्पादन आता है
यूटिलिटिज़ में सामान्यतौर पे इस्तेमाल की जाने वाली चीजे आती है जैसे पल सड़क आउट बाँध का डेवलपमेंट

जीडीपी कैसे नपा जाता है?
औद्योगिक उत्पादनो को आईआईपी (इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन) के द्वारा मापते है, और इसका आधारवर्स २०११-१२ है यानी कि 2011-12 की तुलना में इस वक्त उद्योगों के उत्पादन में जितनी तेजी या कमी होती है, उसे कहा जाता है आईआईपी। इस पूरे आईआईपी का 77 फीसदी हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से आता है। साथ साथ बिजली, स्टील, रिफाइनरी, कच्चा तेल, कोयला, सीमेंट, प्राकृतिक गैस और उर्वरक जैसे बड़े उद्योगों का सीधा असर आईआईपी पर पड़ता है सीएसओ (सेंट्रल स्टैटिक्स ऑफिस) हर महीने जारी करती है।

क्या हो रहा हो इनदिनों?

सीएसओ दवारा जारी किये गए ११ नवंबर के आकड़ो में, 2019 के औद्योगिक उत्पादन में 4 प्रतिशत की भरी गिरावट आई है।जो की पिछले ८ सालो की सबसे बड़ी गिरावट है

क्या है वजह ऐसे हालत की?

११ नवंबर को सांख्यिकी मंत्रालय के आकड़ो के हिसाब से सितंबर महीने में खनन क्षेत्र में 8।5 फीसदी, मैन्युफैक्चरिंग में 3।9 फीसदी और बिजली में 26 फीसदी की गिरावट हुई है जिसका सीधा असर जीडीपी के आकड़ो पे पड़ रहा है, और सरकारी आकड़ो के हिसाब से १७ बड़े उद्योगों के उत्पादन में भरी गिरावट आई है जिसका सबसे जयादा असर गाड़िया बनाने वाली कंपनियों पे पड़ा है जो की २३ फीसदी नेगटिव है
साथ साथ फर्नीचर उद्योग का भी उत्पादन २२ प्रतिशत के साथ माइनस में रहा। हालाँकि इसी बीचअच्छी खबर ये है की लकड़ी के सामान बनाने वाली कंपनियों के उत्पादन में १५ प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है।

क्या हो रहा है असर?
ताजे आकड़ो के अनुसार, साल 2019 की अप्रैल-जून की तिमाही में जीडीपी पांच प्रतिशत के हिसाब से ग्रो कर रही है, जबकि उस समय पे औद्योगिक उत्पादनो में इतनी भारी गिरावट दर्ज नहीं की गई थी और ३० नवंबर को आने वाले आकड़ो में जीडीपी ग्रोथ में और भी गिरावट आने की संभावना है ।

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