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निराश हुए संबित पात्रा, बोले मंदिर, 3 तलाक सब खत्म, अब कैसे करूँगा डिबेट

राम मंदिर, तीन तलाक और कश्मीर मुद्दों पर सरकार ने कदम उठाए, लेकिन BJP Spokeperson संबित पात्रा को शायद अब चिंता सताये कि डिबेट में चर्चा किस बात की करूँगा
Troll Ambresh Dwivedi 13 November 2019
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नई दिल्ली: राम मंदिर, तीन तलाक और कश्मीर जैसे मुद्दों पर सरकार ने कदम उठाए और ये खत्म हो गए. इससे सब खुश है बोले चलो सही किया. लेकिन एक शख्स है जो इन सभी कामों से निराश है और उसे गहरा आघात पंहुचा है. वो हैं बीजेपी के Spokeperson संबित पात्रा, जिनको शायद अब इस बात की चिंता सताये कि अब मैं डिबेट में चर्चा किस बात की करूँगा? क्या पता बीजेपी प्रवक्ता जल्दी ही अपना इस्तीफा सरकार को सौपें ..

डायलाग्स याद आएँगे

पात्रा ने अध्यक्ष को दी इस्तीफे में लिखा है “माननीय अध्यक्ष जी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया है और मंदिर-मस्जिद वाला मुद्दा खत्म कर दिया है. लेकिन अब मैं क्या करूँगा. पूरा दिन टीवी में आता रहता था.

चैनल के एंकरों से ज्यादा तो मैं ही मैं दिखाई देता था और मुझे लोग रिपब्लिक का कर्मचारी मानने लगे थे. मेरे वो सभी डायलाग “बैठ मौलाना बैठ और सुन मंदिर वहीँ बनेगा”. “घोड़े खोल से मौलाना”. “

कोई आरती की थाली लाओ रे”. ये सब डायलाग मुझे याद आएँगे और मैं इन्हें मिस करूँगा. ये सब मेरे लिखे हुए शब्दों का महत्व अब नहीं रह जाएगा. इसीलिए मैं डिबेट में जाकर क्या करूँगा? अब तो कोई मुद्दा नहीं बचा भाईसाब. ये तो क्या ही करवा दिया आपने.

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कौन भटकाएगा मुद्दों को ?

पात्रा ने कहा है कि “मैंने पार्टी की तारा से जो चर्चाएँ कि हैं कसम राम जी की आप देख लीजिए एक भी काम वाली बात की हो मैंने तो. एक से बढ़कर एक सारे जरूरी मुद्दे मैंने भटकायें हैं. मुझे इन सब बातों की आदत हो गई थी. मुझे ये पता है कि अच्छी खासी इकॉनमी पर चल रही डिबेट को कैसे राम मंदिर, तीन तलाक, हिन्दू-मुस्लिम पर ले जाना है. अब आपै बताइए जब मंदिर और ये मसले निपट गए तो मैं कैसे डिबेट को भटका पाऊंगा. कर तो लूँगा लेकिन मजा नहीं आएगा ना. मुझे लगता है की मेरे इस घनघोर टैलेंट कि पार्टी को कोई कदर नहीं है इसीलिए पार्टी ने ये फैसले लिए हैं. जब मेरे इन कलाओं का महत्व नहीं है तो ये रखिए मेरे इस्तीफ़ा.

पार्टी ने किया विचार

पार्टी ने कहा कि यार बात तो सही कह रहा है ये आदमी. अगले की नौकरी चली गई बताओं और अब हमें भी नए मुद्दे ढूँढने पड़ेंगे. ऐसे में कोई दिमाग वाला प्रवक्ता देखना बड़ा मुश्किल होगा. हालाँकि पार्टी ने संबित पात्रा का इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया और उसके लिए चार सदस्यों की टीम गठित कर दी है. बोली रिसर्च करके जाइए और कहिये की रोहिंगीया और एनआरसी जैसे मुद्दे अभी बाकी है तो भाई कुछ दिन रहो फिर देखते हैं आगे क्या होता है.

बुरा ना मानो ट्रोलिंग है …..

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.