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इंदौरी पोहे के बाद अब यूपी में गुटखा खाने के तरीके से होगी घुसपैठियों की पहचान

यूपी सरकार ने एक नया एलान किया है. इसमें कहा गया है की यूपी में गुटखा खाने के तरीके से और खासकर उसे थूकने के तरीके से घुसपैठियों की पहचान की जाएगी.
Troll Ambresh Dwivedi 1 February 2020

नई दिल्ली: पोहा खाने का तरीका देखकर घुसपैठियों की पहचान करने वाले आईडिया से यूपी सरकार बहुत प्रभावित हुई है. इसीलिए सरकार ने एक नया एलान किया है. इसमें कहा गया है की यूपी में गुटखा खाने के तरीके से और खासकर उसे थूकने के तरीके से घुसपैठियों की पहचान की जाएगी. ये सुनते ही राज्य के लोगों ने परंपरागत तरीके से गुटखा खाने की होड़ मची हुई है.

कैसे होगी पहचान– इसके लिए सरकार ने एक बेहतर तरीका खोजा है. सरकार के कर्मचारी गुप्त रूप से जाकर सभी पान की गुमटियों, कालेज के बाहर वाली चाय की दुकान और मिश्रा पान भंडार पर खड़े होंगे. इसके बाद वहां पर गुटखा खरीदने और खाने वालों को ध्यान से देखा जाएगा. सबसे पहले इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि शख्स कौन से ब्रांड का गुटखा खरीद रहा है. अगर उसने किसी पुराने ब्रांड का गुटखा माँगा तो उसे वहीँ हाथों-हाँथ नागरिकता प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा. इसके बाद गुटखा फाड़ने का तरीका देखा जाएगा और फिर उसे तम्बाकू के साथ मिलाने का तरीके विशेष रूप से देखा जाएगा.

थूकने पर विशेष ध्यान– सरकार ने कहा है कि “गुटखा खाने से ज्यादा आवश्यक है की हम गुटखा थूकने पर ध्यान दें”. अगर शख्स ने चलती गाड़ी से किसी के ऊपर गुटखा थूकने का प्रयास किया है तो समझ लीजिए की वो यूपी का है. और अगर किसी के ऊपर थूक गिर गया और थूकने वाले ने एक बेहतरीन गाली के साथ कहा की “देख के चल बे” तो उसे वहीँ नागरिकता प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा. हो सकता है डीएम को भी मौके पर प्रमाण पत्र देने के लिए बुला लिया जाए.

बनारस वालों के लिए अलग व्यवस्था– चूकी यूपी में बनारस अपनी अलग छवि रखता है इसीलिए बनारस वालों को पान की विशेष केटेगरी में रखा गया है. पान खाने, खरीदने और मिश्रा पान भंडार पर बैठकर बात करने के तरीके से ये अंदाजा लगाया जाएगा की शख्स इस देश का है या नहीं. अगर शख्स ने पान बनाने के लिए कहा और उसके बाद वो पार्षद से लेकर केंद्र की राजनीति डिस्कस करता है और अंत में सबको एक प्यारी सी गाली देकर कहा है की “ई सब नेता चोर बा” तो समझ जाएगा की वो यही का निवासी है और उसे नागरिकता दे दी जाएगी.

गुटखा ही क्यों– आप सोच रहे होंगे कि आखिर गुटखा ही क्यों चुना गया है. तो इसके लिए आपको एक काम करना होगा. अपने जिले, तहसील और शहर से यूपी की तरफ जाने वाली पहली ट्रेन या फ्लाइट पकड़िए और यूपी के किसी नजदीकी शहर में चले जाइए फिर आपको पता चलेगा कि आखिर गुटखा ही क्यों.

यूपी सरकार के इस सराहनीय कदम के बाद अलग-अलग राज्यों की सरकारों ने भी ऐसा ही कुछ विचार बनाया है जिसमे दिल्ली में छोले-भटूरे, गुजरात में ढोकला आदि खाने के तरीके से नागरिकता दी जाएगी.

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.