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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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हॉस्टल का खाना खाकर बीमार हुआ कोरोना, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती

उलटी दस्त की शिकायत के बाद कोरोना खुद जाकर गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हुआ. उसने अपना नाम भी छिपाया हुआ है और किसी गलत नाम से अस्पताल में भर्ती हुआ है. कोरोना ने खुद इस बात की जानकारी ट्वीट करके
Troll Ambresh Dwivedi 16 March 2020
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नई दिल्ली: दुनिया के लिए भले ही कितनी भी चिंता की बात क्यों ना हो लेकिन हमारे देश में आते ही कोरोना स्वयं के आस्तित्व के लिए जूझ रहा है. जी हाँ, भारतीय मीडिया की चपेट में आने के बाद कोरोना पर एक और जबरदस्त हमला हुआ है. खबर मिली है एक इंजीनियरिंग कालेज के हॉस्टल का खाना खाकर कोरोना खुद गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हुआ है.

क्या है पूरा मामला– देखो भाईसाब बात ये है कि जिस तरह से कोरोना लगातार देशों में बढ़ रहा है वैसे ही ये हमारे देश में भी घुस आया. इसके बाद ये एक इंजीनियरिंग कालेज के हॉस्टल में चला गया जहाँ पर इसने वहां की मेस का खाना खा लिया. खाना खाते ही कोरोना को उलटी और दस्त समेत कई सारी गंभीर देसी बीमारियों ने घेर लिया. खबर तो यहाँ तक भी है कि यह देसी बीमारियों की एक चाल थी जिसके चलते ऐसा हुआ है. उलटी दस्त की शिकायत के बाद कोरोना खुद जाकर गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हुआ.

उसने अपना नाम भी छिपाया हुआ है और किसी गलत नाम से अस्पताल में भर्ती हुआ है. कोरोना ने खुद इस बात की जानकारी ट्वीट करके दी है. उसने कहा कि “इत्ते देशों में घूम आया, रहा, खाया पिया सब किया. लेकिन यहाँ आते ही मुश्किलें आने लगी. और उस हॉस्टल का खाना तो क्या ही कहें. मुझे लगता है कि उस हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के खून से मेरा एंटीडोट बनाया जाना चाहिए. हालाँकि यह लिखने के बाद कोरोना ने ट्वीट कर दिया है लेकिन एक सरकारी बाबू की पैनी नजरों से बच नहीं पाया. अब सरकार इस प्लान में है कि देश के समस्त इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के हॉस्टल में जाकर सरकार उनके खून का सैंपल लेगी और इससे कोरोना का एंटीडोट बनाया जाएगा.

छात्रों ने कहा, घबराओ मत आदत पड़ जाएगी– कोरोना वायरस की इस बीमारी को देखकर छात्रों ने कोरोना के प्रति सहानुभूति जताई है. एक थर्ड इयर के छात्र ने कहा कि “ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. जब भी कोई नया मेहमान हॉस्टल आता है उसे अस्पताल जाना ही पड़ता है. ये एक नियम है जो बरसों से चला आ रहा है. अब कोरोना ने भी उसे निभाया है. कोरोना तुम घबराओ नहीं, हॉस्टल में आराम से रहो और हाँ कुछ दिन में ऐसे खाने की आदत तुम्हे पड़ जाएगी. देख लो बल्लू को ही देखो, कैसे इसकी आदत पड़ गई.

तो भाईसाब इसके बाद शायद हु पहले देश होंगे जो इंजीनियरिंग छात्रों के खून से कोरोना का इलाज करेंगे. कहा जाता है की इन छात्रों के अंदर दुनिया की सभी बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है.

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.