कोरोना वायरस (Corona Virus) ने जहां दुनिया के बाकी देशों के साथ भारत में भी लोगों की चिंता बढ़ा दी है और इसके संक्रमण को लेकर लोगों के बीच दहशत देखने को मिल रही है, वहीं कोराना वायरस के खात्मे को लेकर जो एक बात अधिकतर लोगों की जुबां से निकल रही है, वो यह है कि गर्मी आने दीजिए न। कोरोना-वोरोना सब खत्म हो जायेगा। लोग इसलिए भी ऐसा बोल रहे हैं कि एक तो वे सोशल मीडिया जैसे वाट्सएप्प और फेसबुक आदि के जरिये इसे पढ़ रहे हैं और दूसरा कि यह एक आम धारणा रही है कि गर्मी की वजह से अधिकतर वायरस मर जाते हैं। ऐसे में यह जानना बहुत ही जरूरी हो गया है कि आखिर वायरल हो रहे इस दावे में कितनी सच्चाई है? क्या सच में गर्मी बढ़ने के बाद कोरोना वायरस का खुद-ब-खुद खात्मा हो जायेगा या फिर यह महज एक अफवाह है। इस लेख में हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी कि WHO ने अपनी वेबसाइट पर मिथ बस्टर्स के नाम से एक पोस्ट कोरोना वायरस वाली श्रेणी में डाल रखा है, जिसमें ग्राफिक्स के जरिये कोरोना वायरस को लेकर लोगों के बीच फैली जिन गलतफहमियों के बारे में बताया गया है, उनमें से एक यह भी है कि गर्मी बढ़ने के बाद कोरोना वायरस समाप्त हो जायेगा। इस पोस्ट में WHO ने बताया है कि कोरोना वायरस ठंडे से लेकर गरम, हर तरह के वातावरण में जिंदा रहता है और फैलता भी है। आप किस तरह के मौसम या जलवायु में रह रहे हैं, किस तरह का रक्षात्मक कदम उठा रहे हैं या फिर किस जगह पर जा रहे हैं, इन सभी से इसे कोई मतलब नहीं है। यदि यह वायरस आपके आसपास पहुंच गया और थोड़ी भी लापरवाही आपकी ओर से बरती गई तो आप इसके संक्रमण की जद में आ जाएंगे। यह वायरस हर जगह पहुंच सकता है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ ने यही कहा है कि इससे बचाव के लिए आप थोड़े-थोड़े अंतराल पर अपने हाथों को साबुन से धोते रहें या फिर अल्कोहल वाले पदार्थों या सैनिटाइजर को हाथों पर रगड़ते रहें। इसके अलावा यदि आपके हाथ साफ नहीं हैं तो आपको अपने नाक, मुंह और आंखों को छूने से बचना चाहिए।
कोरोना वायरस पर शोध दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे हैं। दरअसल, अलग-अलग जगहों पर कोरोना वायरस के जिंदा रहने की अवधि अलग-अलग है। उदाहरण के लिए सूखी सतह पर कोरोना वायरस सात से आठ दिनों तक रह सकता है। कोरोना वायरस बाकी वायरस से गर्मी झेलने के मामले में इस तरह से अलग है कि जहां बाकी वायरस आमतौर पर गर्मी बढ़ने पर मर जाते हैं, वहीं कोरोना वायरस तो 37 डिग्री सेल्सियस तापमान को भी झेल जाने में सक्षम है। अब तक उस तापमान का पता नहीं लगाया जा सका है, जिस पर यह मर जाए। डब्ल्यूएचओ भी कहा चुका है कि गर्मी वाले देशों में भी कोरोना वायरस के मामले आये हैं। उदाहरण के लिए ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में मौसम गर्म है, फिर भी वहां कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले प्रकाश में आये हैं। उसी तरह से कई अफ्रीकी देशों में भी इसके संक्रमण के मामले दिखे हैं। डब्ल्यूएचओ अफ्रीकी रीजन के ट्वीट के मुताबिक अल्जीरिया, मोरक्को, सेनेगल, टोगो, कैमरून, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, बुर्किना फासो, इजिप्ट, ट्यूनीशिया जैसे गर्म अफ्रीकी देशों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। इजिप्ट में तो इसकी संख्या 59 तक पहुंच गई है।
कोरोना वायरस पर गर्मी के असर को लेकर जो WHO ने स्पष्टीकरण दिया है और जागरूकता संदेश जारी किया है, उसका समर्थन भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी किया गया है। अलग-अलग मीडिया प्लेटफाॅम्र्स पर विशेषज्ञों एवं डाॅक्टरों की जो राय इस बारे में प्रकाशित या प्रसारित की गई, उनमें भी सभी डाॅक्टरों को यही कहते हुए सुना गया है कि कोरोना वायरस पर गर्मी पर असर होगा या नही, इसके बारे में कुछ भी अभी निश्चित रूप से कह पाना संभव नहीं है और इसके लिए अभी और लंबा इंतजार करना पड़ेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल की ओर से कहा गया है कि गर्मी से कोरोना वायरस के मरने के दावों का कोई भी वैज्ञानिक आधार मौजूद नहीं है। इस बारे में अध्ययन फिलहाल चल रहा है। डब्ल्यूएचओ भी पहले ही साफ कर चुका है कि गर्म पानी से नहाना भी कोरोना वायरस के संक्रमण से नहीं बचा सकता, क्योंकि साधारण इंसान के शरीर का तापमान 36.5 से 37 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। इतनी गर्मी में भी कोरोना वायरस यदि जिंदा रह जाता है तो उसे भला गर्म पानी कैसे मार सकता है या फिर गर्म मौसम कैसे खत्म कर सकता है। बेहतर होगा कि सावधान रहें और सुरक्षित रहें।