भारत में लगातार ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि क्रिप्टो करेंसी पर शिकंजा कसने की सरकार ने पूरी तरह से तैयारी कर ली है। जब से ये खबर सामने आई है तब से क्रिप्टो करेंसी की मार्केट में लगातार वैल्यू गिर रही है। क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट लगातार जारी है। दरअसल, लोकसभा बुलेटिन में केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई थी कि संसद के शीतकालीन सत्र में द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 (The Crypto currency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) लाया जा सकता है।
केंद्र सरकार के इस फैसले को कुछ लोग सही मान रहे हैं, तो कुछ लोग गलत बता रहे हैं। क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर चुके लोगों के बीच इसके बैन होने की क्रिप्टो करेंसी का निवेशक की आशंकाएं बढ़ गई हैं और लगातार टूटती कीमतों की वजह से भारी नुकसान होना भी तय माना जा रहा है। आसान शब्दों में कहा जाए, तो डिजिटल करेंसी का भविष्य भारत में आशंकाओं के बीच में झूल रहा है।
एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 1.5 करोड़ से भी ज्यादा लोग क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल करने लग गए हैं। दरअसल, क्रिप्टो करेंसी का निवेशक ने पुराने निवेश के जरिये काफी पैसा बनाया है। कई लोग इससे मालामाल हुए हैं, लेकिन ये लोगों को जितनी तेजी से मुनाफा देती है, उतनी ही तेजी से घाटा भी पहुंचाती है। तो इसमें सोच समझ कर और पूरी ज्ञान लेकर निवेश करना बेहद जरूरी होता है। लेकिन, इस पर किसी का भी कंट्रोल नहीं है तो इसमें जोखिम की संभावना बहुत ज्यादा होती है।
ज्यादातर लोग इसमें पैसा लगाने में हिचकिचाते भी हैं क्योंकि सब प्राइवेट है, सरकार की इसमें अभी तक किसी भी तरह की दखलअंदाजी नहीं है। कोरोना महामारी के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के एक बयान पर इसके भाव बढ़ने लगते हैं, तो चीन के प्रतिबंध लगाने पर क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट आने लगती है। भारतीय संसद में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बिल आने की खबर के बाद से भी इसका भाव लगातार गिर ही रहा है।
ऐसा भी माना जा रहा है कि इस बिल के सहारे भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI अपनी डिजिटल करेंसी के लिए रास्ता तैयार करने के काम में लगा हुआ है। दरअसल, दुनियाभर में क्रिप्टो करेंसी का एक बड़ा बाजार है लेकिन, क्रिप्टो करेंसी किसी सरकार या विनियामक अथॉरिटी की ओर से जारी नहीं होने की वजह से इसके दुरुपयोग की आशंकाएं बनी रहती हैं।
भारत जैसे देश में क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल टेरर फंडिंग से लेकर हवाला जैसा कारोबार करने के लिए भी किया जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसे लेकर चिंता भी जाहिर की थी। इतना ही नहीं हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक ने इसके बारे में चर्चा की है। शक्तिकांत दास ने RBI की डिजिटल करेंसी के मार्केट में आने को लेकर सकारात्मक संकेत दिए थे।
अगर ऐसा होता है कि केंद्रीय बैंक अपनी डिजिटल करेंसी लेकर आता है तो बहुत हद तक संभावना है कि RBI की डिजिटल करेंसी में अच्छा निवेश आ सकता है। इतना ही नहीं, क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर जल्दी लाभ कमाने की कोशिश में अपना नुकसान करवा लोगों के लिए भी राहत हो सकती है। हालांकि, ये तय है कि आरबीआई की ओर से डिजिटल करेंसी को जारी करने के लिए कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई जाएगी और, अगर आरबीआई डिजिटल करेंसी लाता है, तो ये जल्द मुनाफा कमाने की चाह रखने वालों पर कितना प्रभाव डालेगा, ये देखने वाली बात होगी।
केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी को लेकर क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 लाने जा रही है। ये बिल अभी संसद में पेश होना बाकी है और ऐसे वक्त में तो सिर्फ संभावनाएं ही जताई जा सकती हैं। जिसने लोगों में आशंकाएं और डर दोनों को काफी ज्यादा बढ़ा दिया है कि अगर सरकार सारी क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित कर देगी, तो निवेशकों का नुकसान होना तय है। भारत में जिन लोगों ने इसमें निवेश किया है, वो फंसने की संभावना है। लेकिन, केंद्र सरकार के इस बिल को लेकर सामने आए संकेतों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की ओर से सभी क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने की संभावना कम नजर आ रही है।
दरअसल, क्रिप्टो करेंसी दो तरह की होती है। पहली पब्लिक और दूसरी प्राइवेट। पब्लिक क्रिप्टो करेंसी को ट्रेसेबल करेंसी कहा जा सकता है क्योंकि, पब्लिक क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शन एक-दूसरे से लिंक होते हैं और उनके लेन-देन के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है। तो वहीं, प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी में इसके यूजर या लेनदेन की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जाता है। प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी के यूजर की प्राइवेसी को बनाए रखा जाता है। जिसकी वजह से इसे ट्रेस करना मुश्किल होता है।
बिल के संसद में पेश होने से पहले संभावना जताई जा सकती है कि सारी क्रिप्टो करेंसी पर बैन नहीं लगाया जाएगा लेकिन, प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगना तय है। बहुत हद तक संभावना है कि पब्लिक क्रिप्टो करेंसी जारी रहेंगी क्योंकि, अगर केंद्र सरकार की ओर से सभी तरह की क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा दिया गया, तो भारतीय निवेशकों को लाखों-करोड़ों का नुकसान हो सकता है। जो बैन की खबरों के बाद अभी भी जारी है। लेकिन, इस विषय में संसद में बिल के पेश होने से लेकर उसके पारित होने तक कुछ भी पक्के तौर पर कहना गलत होगा।
हालांकि, वित्त मामलों की संसदीय समिति में क्रिप्टो करेंसी को लेकर हुई चर्चा में पाबंदी की बजाए नियमन का सुझाव दिया गया था। अगर केंद्र सरकार की ओर से इस बिल में क्रिप्टो करेंसी के लिए किसी देश की सरकार के मालिकाना हक को जरूरी बनाया जाता है, तो सभी तरह की क्रिप्टो करेंसी पर बैन लग सकता है। क्योंकि, बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी भी किसी देश की ओर से जारी की गई मुद्रा नहीं है। हो सकता है कि केंद्र सरकार की ओर से क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 में इस पर बैन की जगह इसे रेगुलेट करने के लिए नियम बनाए जाएं।