लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच में गठबंधन को लेकर अभी भी स्थिति साफ नहीं है। हालांकि आम आदमी पार्टी दिल्ली की सातों सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है और चुनाव अभियान की शुरुआत भी कर चुकी है। लेकिन माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों में अभी भी गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। बताया जा रहा है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए दोनों पार्टियों से बात की। आम आदमी पार्टी ने शरद पवार के जरिए कांग्रेस को गठबंधन के लिए नया ऑफर भिजवाया है। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर कोई बातचीत नहीं चल रही है। कांग्रेस हमें मना कर चुकी है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कई बार कांग्रेस से साथ चुनाव लड़ने की गुजारिश की है। लेकिन दिल्ली कांग्रेस इस गठबंधन के खिलाफ है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसके लिए दिल्ली कांग्रेस के नेताओं के साथ कई बार बैठक की है। अपने नेताओं के साथ बैठक के बाद राहुल गांधी ने ऐलान किया था कि कांग्रेस दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
लेकिन बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गठबंधन के पक्ष में हैं। इसके लिए कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं में एक सर्वे और ऑपिनियन पोल करवाया है। इसमें गठबंधन करने पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को फायदा होते हुए दिखाया जा रहा है। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। वहीं दिल्ली कांग्रेस प्रमुख शीला दीक्षित इस गठबंधन के खिलाफ हैं लेकिन दिल्ली पार्टी प्रभारी पीसी चाको इसके पक्ष में हैं। पीसी चाको ने फोन करके कांग्रेस कार्यकर्ताओं से गठबंधन पर राय भी मांगी थी।
क्या है आंकड़ों का गेम
सवाल ये उठता है कि आखिर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ही दिल्ली में साथ चुनाव क्यों लड़ना चाहती हैं। ये पूरा खेल आंकड़ों का है। साल 2014 लोकसभा चुनाव के अगर आंकड़ें देखें तो दिल्ली में बीजेपी ने 46.63 फीसदी वोटों के साथ सभी सातों सीटों पर कब्जा किया था। वहीं आम आदमी पार्टी को 33.08 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस 15.22 फीसदी पर पहुंच गया था। अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के वोट फीसद को जोड़ा जाए तो ये 48 फीसदी से ज्यादा जा रहा है, जो कि बीजेपी से ज्यादा है। ऐसे में दोनों पार्टियों का सोचना है कि साथ चुनाव लड़ने से दोनों को फायदा होगा और बीजेपी को हराने में मदद मिलेगी।
कांग्रेस के सर्वे में क्या है खास
वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी द्वारा कराए सर्वे राहुल गांधी को दिखाया कि जिसमें आम आदमी पार्टी को 28 फीसदी, कांग्रेस को 22 फीसदी और बीजेपी को 35 फीसदी वोट मिल रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया जाता है तो दिल्ली की सातों सीटें गठबंधन के खाते में आ जाएंगी।
वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर शक्ति ऐप के जरिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राय मांगी थी। इसके बाद उस फीडबैक का नतीजा राहुल गांधी को दे दिया गया है।