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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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आरोग्य सेतु किसने बनाया पता नहीं, हाँ दीपिका की चैट निकलवानी हो तो बताओ

आरोग्य सेतु डाउनलोड कल्लो नहीं तो कहीं आने-जाने लायक नहीं रहोगे। अब सरकार कह रही है कि उसे पता ही नहीं ये एप किसने बनाया है.
Troll Ambresh Dwivedi 30 October 2020
आरोग्य सेतु किसने बनाया पता नहीं, हाँ दीपिका की चैट निकलवानी हो तो बताओ

अगर आपके फोन में ये एप नहीं होगा तो आप जीवन में कुछ नहीं उखाड़ सकते हैं. यही बोली थी ना सरकार जब कोरोना शुरू हुआ था. कि अपने फोन में आरोग्य सेतु डाउनलोड कल्लो नहीं तो कहीं आने-जाने लायक नहीं रहोगे। अब सरकार कह रही है कि उसे पता ही नहीं ये एप किसने बनाया है. हाँ लेकिन दीपिका की चैट में कितनी बार सिगरेट और हैश की बातें हुई तो जानना है तो सरकार से संपर्क कीजिए।

नहीं तो जिल्ले लाही के साथ चिपक गया है

हमारे साहेब माननीय मोदी जी. इनके साथ नहीं शब्द तो ऐसे चिपका है जैसे फाइनल सेमेस्टर में इंजीनियरिंग के बन्दे के साथ बैक चिपक जाती है. इन्होनें चाय बेचीं लेकिन कोई पीने वाला नहीं, इन्होनें बीए किया लेकिन कोई साथ में पढ़ने वाला नहीं।

मतलब अब एप भी बना दी और किसने बनाई इसकी जानकारी भी नहीं। हमारा एक दोस्त तो ये मान कर बैठा था कि आरोग्य सेतु डाउनलोड करने से उसे कोरोना नहीं होगा और अब सरकार कह रही है की हमें पता नहीं की किसने बनाया। हो सकता है नेहरू के भूत ने बना दिया हो.

इन्हें बस ये बातें पता है

इनके पास बाकि सारी जानकारी है. जैसे बॉलीवुड में कौन-कौन सिगरेट पीटा है इसके लिए तो बाकायदा इन्होनें नारकोटिक्स विभाग को लगा रखा है कि भाई पता करके बताओ की कौन सा स्टार कौन सी ब्रांड लेता है और गोमती वाले का पैसा चुकाता है या नहीं।  इसके अलावा दीपिका ने सुबह से शाम तक किससे-किससे बात कि क्या खाया, कहाँ गई इन्हें सब पता है लेकिन कोरोना के लिए एप किसने बना दी इन्हें नहीं पता.

हमें नहीं पता सरकार किसने बनाई- गल्ली वाले गिल्लू ने जब से सरकार का ये बयान सुना है तो वो भी ये कहने लग गया कि हमें नहीं पता है की इनकी सरकार किसने बना दी. अब भाई बनाई जिसनें बनाई लेकिन आरोग्य सेतु के जरिये तुम्हें बना दिया गया है. 

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.