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क्या आपने बीमा प्लान चुनते समय इन बातो का ध्यान दिया है?

Business Taranjeet 20 April 2021
क्या आपने बीमा प्लान चुनते समय इन बातो का ध्यान दिया है?

वक्त के साथ-साथ हर व्यक्ति के जीवन में बदलाव आते हैं। परिस्थितियां बदलती हैं और इसके साथ ही जरूरतों में भी बदलाव आते हैं। इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति खुद के लिए और परिवार के बेहतर भविष्य के लिए बीमा खरीदता है। लेकिन जीवन में परिस्थितियां बदलते ही बीमा में बदलाव करने की भी आवश्यकता होती है। ऐसे में अगर हम पहले से ही भविष्य की जरूरतों को समझ लें, तो सही बीमा प्लान का चुनाव कर सकते हैं। इसलिए पहले अपनी और भविष्य की जरूरतों का हिसाब लगाएं, उसके मुताबिक ही बीमा खरीदें।

कई बीमा योजनाएं हैं

आप कितने साल के लिए पॉलिसी लेना चाहते हैं, ये बात आपकी जरूरतों पर निर्भर करता है। अगर आप रिटायरमेंट के बाद सुकून की जिंदगी जीना चाहते हैं तो उसकी अवधि अलग होती है। वहीं कुछ पॉलिसी एक निश्चित अवधि के लिए रिस्क कवर करती हैं और उस अवधि के खत्म होने पर बोनस के साथ सुनिश्चित राशि पॉलिसीधारक को वापस करती हैं। यानी हर जरूरत के मुताबिक अलग-अलग योजना होगी।

टर्म लाइफ इंश्योरेंस

इस बीमा प्लान को एक निश्चित समय के लिए खरीदा जा सकता है जैसे 10, 20 साल‌‌‌ आदि। अगर पॉलिसी की अवधि के दौरान बीमाधारक की आकस्मिक मौत हो जाती है, तो लाभार्थी को इसका लाभ मिल पाता है। लेकिन अवधि के बाद मृत्यु होने पर लाभ नहीं मिलता है। अन्य पॉलिसी की तुलना में ये सस्ती भी होती है।

होल लाइफ पॉलिसी

ये शेष जीवन तक कवर देती है। पॉलिसीधारक की मौत के बाद नॉमिनी इसका क्लेम कर सकता है। इसकी किस्त काफी ज्यादा होती है।

इसी तरह बच्चों की शिक्षा और अन्य जरूरतों के लिए भी चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं। रिटायर होने के बाद पेंशन या रिटायरमेंट प्लान ले सकते हैं। इससे फायदा ये होगा कि रिटायरमेंट के बाद ये राशि बोनस और नियमित आय के रूप में आपको मिलती रहती है। इसी तरह अलग-अलग बीमा योजनाएं हैं जिन्हें आप जरूरत के मुताबिक चुन सकते हैं।

आय के अनुरूप चुनें

मूल खर्चों के अलावा आप कितने प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं और कितनी पॉलिसी खरीद सकते हैं, ये आपकी आय पर निर्भर करता है। इसके लिए आप जिस कंपनी से बीमा खरीद रहे हैं उसकी वेबसाइट पर जाएं और हर बीमा की जानकारी को इकट्‌ठा करें। वहां के फ्री कैलकुलेटर की मदद भी ले सकते हैं। अपनी जरूरतों और आय के आधार पर विशेषज्ञों से सलाह भी ले सकते हैं।

शादी के बाद बीमा

शादी जिंदगी का सबसे अहम पढ़ाव होता है, इसके बाद जरूरतों की समीक्षा करें। अगर पति या पत्नी में से कोई एक काम नहीं करता है, तो जाहिर है कि वह कामकाजी पति या पत्नी की आय पर निर्भर है। ऐसे में जीवन बीमा कवरेज की समीक्षा करें। जो पति या पत्नी घर पर रहते हैं या बेरोजगार हैं वो भी अलग से एक जीवन बीमा पॉलिसी ले सकते हैं। अगर रोजगार संपन्न पति या पत्नी की इस बीच मृत्यु हो जाती है, तो दूसरे साथी को राशि से मदद मिल सकेगी। वहीं अगर दोनों पति और पत्नी कमाते हैं और दोनों में से किसी एक की मृत्यु या विकलांगता के कारण आय रुक जाती है, तो ये बीमा प्लान मददगार साबित हो सकती है।

बच्चा होने पर बीमा की समीक्षा करें

अगर हाल ही में परिवार में बच्चे ने जन्म लिया है या गोद लिया है और आपके पास पहले से बीमा पॉलिसी नहीं है, तो जल्द ही पॉलिसी खरीद लें। ये बीमा प्लान आप पर आश्रित परिजनों और बच्चे के भविष्य के लिए होगा ताकि अगर आपकी मृत्यु हो जाती है, तो बाद में उन्हें आर्थिक मदद मिल सके। उसमें बच्चे का नाम भी शामिल करें। अगर पहले से बीमा पॉलिसी है, तो दूसरे बच्चे को शामिल करने के लिए नॉमिनी को अपडेट करना बिलकुल भी न भूलें।

Taranjeet

Taranjeet

A writer, poet, artist, anchor and journalist.