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इस उम्मीदवार को एक ही सीट से 2 पार्टियों ने दिया टिकट, बाप जेल में, भाई पर हत्या का आरोप

जेल में बंद पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की बेटी तनुश्री को महाराजगंज सीट से टिकट मिली है। हैरानी की बात तो ये है कि उन्हें एक नहीं बल्कि 2 पार्टियों ने अपना उम्मीदवार बना दिया है। पहले तो शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने उन्हें टिकट दिया जिसके बाद अब कांग्रेस ने भी उन्हें इसी सीट से उम्मीदवार बना दिया है। कांग्रेस ने प्रत्याशियों की 13वीं सूची जारी की हैं। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा तनुश्री के नाम को लेकर हो रही है।

आपको बता दें कि अमरमणि कवियत्री मधुमिता की हत्या के जुर्म में सजा काट रहे हैं। तो वहीं भाई अमनमणि त्रिपाठी पर भी पत्नी सारा सिंह की हत्या का आरोप लगा हुआ है। वो जेल भी जा चुका है। साल 2017 में विधानसभा चुनाव में अमनमणि जेल में था। उसने नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था।

लंदन से पढ़ीं तनुश्री, 20 अप्रैल को शादी

तनुश्री का जन्म 11 जनवरी 1990 को गोरखपुर में हुआ था। उन्होंने नैनीताल के सेंट मेरी कॉन्वेंट स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की जिसके बाद वो लंदन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर्स करने के लिए चली गई थी। इससे पहले वो दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री ऑनर्स भी कर चुकी है। राजनीति का ज्ञान तनुश्री ने अपने पिता से सीखा है। अब वो भाई अमनमणि के साथ पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के काम में लगी है।

घर की परिस्थितियां देख छोड़ी थी नौकरी

तनुश्री ने मास्टर्स करने के बाद यूके की कंपनी ‘के इंटरनेशनल’ में नौकरी की थी। लेकिन 2014 में घर की परिस्थितियों को देखकर नौकरी छोड़कर वापस आ गईं है। अपनी छोटी बहन अलंकृता के साथ मिलकर भाई के लिए चुनाव प्रचार किया गया है। उस वक्त पिता, मां और भाई तीनों जेल में थे।

न कांग्रेस को थामा न शिवपाल को छोड़ा

अमनमणि का कहना है कि तनुश्री ने दोनों ही पार्टियों से टिकट मांगा था, लेकिन कांग्रेस उनकी प्राथमिकता थी। ऐसे में जब कांग्रेस की सूची में नाम आ गया है तो वो इसी टिकट पर चुनाव लड़ेंगी।

तनुश्री ने पहले कहा था- मैंने टिकट नहीं मांगा

शिवपाल की पार्टी से टिकट मिलने के बाद तनुश्री ने मीडिया से कहा था कि मैंने महाराजगंज सीट नहीं चुनी, इस सीट ने मुझे चुना है। जो भी हुआ अचानक हुआ है। मैंने कभी टिकट नहीं मांगा है, लेकिन टिकट मिला है तो मैं इसका स्वागत करती हूं और पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगी।