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कोरोना फैला कर तब्लीगी जमात अब हर धर्म के शवों का कर रहे अंतिम संस्कार

तब्लीगी जमात को बहुत कोसा, बहुत गालियां दी, पूरी कौम को कदघरे में खड़ा कर दिया था। कोरोना जिहाद से लेकर कोरोना बम तक फेक वीडियो फैलाए गए।
Motivation Taranjeet 11 May 2021
2020 में कोरोना फैला रहे कर अब हर धर्म के शवों का कर रहे अंतिम संस्कार

2020 अप्रैल में भारत में कोरोना वायरस का विस्फोट हो गया था। इसका जिम्मेदार ठहराया गया था तब्लीगी जमात को। बहुत कोसा, बहुत गालियां दी, पूरी कौम को कदघरे में खड़ा कर दिया था। कोरोना जिहाद से लेकर कोरोना बम तक काफी एजेंडा चलाए गए, फेक वीडियो फैलाए गए। जमकर बदनामी हुई। पहली लहर के दौरान बीते साल तब्लीगी जमात के लोगों की छवि को जमकर खराब किया गया। हर रूप से दावा किया गया कि इन्हीं के चलते संक्रमण फैला है। हालांकि अदालतों ने तब्लीगी जमात के लोगों को रिहा कर दिया था। इसके साथ ही कहा कि उन पर गलत आरोप लगाए गए थे। लेकिन अब यही तब्लीगी जमात के लोग आंध्र प्रदेश के तिरुपति में कोरोना वायरस क रोगियों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।

महामारी के दौरान लोगों की मदद करने और समुदाय और धर्म की परवाह किए बिना कोविड -19 पीड़ितों का अंतिम संस्कार करने के लिए संगठन तिरुपति यूनाइटेड मुस्लिम एसोसिएशन के तहत COVID-19 जॉइन्ट एक्शन कमेटी (JAC) की स्थापना की है।

अब लोग हमारे प्रयासों की सराहना कर रहे- गौस

तब्लीगी जमात के सक्रिय सदस्य जेएमडी गौस का कहना है कि पिछले साल उन्हें महामारी के लिए सबसे बड़ा दोषी ठहराया गया था लेकिन अब लोग उन्हीं के प्रयासों की तारीफ कर रहे हैं। महामारी की दूसरी लहर देश भर में तबाही मचा रही है। जिस तरह से लोग हर तरफ बेड, ऑक्सीजन, दवाईयों के लिए तरस रहे हैं। दर-दर भटक कर दम तोड़ दे रहे हैं, कोविड -19 पीड़ितों की मौतों में भारी वृद्धि के चलते श्मशान घाटों पर भी बोझ बढ़ गया है। संकट की ऐसी घड़ी में, तब्लीगी जमात कोविड -19 पीड़ितों के सम्मानजनक अंतिम संस्कार में मदद करने के लिए आगे आया है।

गौस ने कहा कि वो फोन पर मिलने वाले इनपुट्स और रिक्वेस्ट के आधार पर हर रोज 60 वॉलंटियर्स के साथ कोआर्डिनेट करते हैं और वो पिछले एक महीने से रोजाना कम से कम 15 शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। पहली लहर में बहुत कम मौतें होती थीं और मृतकों में ज्यादातर वृद्ध लोग थे, लेकिन अब युवा भी मर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार करने से पहले लोगों को समझाने या उन्हें सांत्वना देना कठिन हो जाता है। 60 लोगों की अपनी टीमों को वो 3 हिस्सों में बांट रहे हैं। प्रत्येक टीम को कम से कम चार-पांच शव सौंपे जाते हैं। उन्होंने कहा कि वो धार्मिक परंपराओं के आधार पर अंतिम संस्कार करते हैं।

कई युवा आगे आ रहे हैं

संस्था हर धर्म के मृतकों के रीति रिवाज के अनुसार उनके शवों का अंतिम संस्कार करती है। अगर पीड़ित हिंदू है, तो संस्था के लोग एक कपड़ा और फूल माला पहनाते हैं। अगर मृतक ईसाई है तो ये लोग शरीर को ताबूत में रखते हैं और प्रार्थना की व्यवस्था करने के लिए एक चर्च से फादर को बुलाते हैं। वहीं अगर पीड़ित मुसलमान हैं जनाजे की नमाज रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि वो तबलीगी जमात के सदस्यों की मदद से अपने दम पर पीपीई किट की व्यवस्था भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस, नगरपालिका और अन्य विभागों के कर्मचारी भी उनकी मदद कर रहे हैं। टीम ने कहा कि उन्होंने अब तक 536 लोगों का अंतिम संस्कार किया है। इनमें से 134 लोगों का पहली लहर में जबकि 402 पीड़ितों को दूसरी लहर में अंतिम संस्कार किया गया है।

इनकी टीम में स्वंयसेवक के तौर पर वो लोग साथ हैं जो या तो ऑटो चलाते थे या मजदूर हैं या रेस्तरां में काम करते थे। उन्होंने ये भी कहा कि कम से कम 6 लोग उनके साथ ऐसे हैं जो ना तो जमात के हैं और ना ही मुसलमान हैं। इन लोगों के काम से शायद लोगों का नजरिया बदलें और फिर से समाज में इन लोगों के लिए सकारात्मक सोच पैदा हो सके।

Taranjeet

Taranjeet

A writer, poet, artist, anchor and journalist.