भारत का जो मीडिया ह वो शायद आजादी के बाद के सबसे ज्यादा बुरे और शर्मनाक दौर से गुजर रहा है। मेनस्ट्रीम मीडिया जिस तरह से अपना दायित्व छोड़ कर सरकार का पक्ष ले रहा है वो ना तो सिर्फ लोकतंत्र के लिए बल्कि देश के लिए भी बहुत बड़ा खतरा है। क्योंकि अगर कोई सवाल नहीं पुछेगा, सरकार को कदघरे में खड़ा नहीं करेगा, जनता की आवाज नहीं बनेगा तो फिर लोकतंत्र का क्या मतलब रह जाता है। वहीं अगर लोकतंत्र इस तरह से दम तोड़ता रहेगा तो देश के लिए सबसे बड़ा खतरा पैदा होने वाला है।
हमारे देश का मीडिया सिर्फ सरकार का पक्ष लेकर विपक्ष से सवाल नहीं कर रहा है, बल्कि सरकार के ऐजेंडा को भी पूरी तरह से चला रहा है। जिसका आलम ये हो गया है कि अब खुद न्यूज चैनल हेट स्पीच देने लग गए हैं। सुदर्शन न्यूज, रिपब्लिक, न्यूज नेशन, जी न्यूज, ये चैनल खुलेआम सरकार के खिलाफ रहने वाले लोगों पर निशाना साधने में लगे हैं। जिसे भारत में तो कोई नहीं रोकता है लेकिन ब्रिटेन ने बर्दाश्त करने से मना कर दिया है।
जी हां हेट स्पीच को लेकर ब्रिटेन ने रिपब्लिक टीवी पर 20 हजार पाउंड का जुर्माना लगा दिया है। अब इतना भारी जुर्माना लगने के कारण अर्णब का चैनल माफी मांगने पर उतारू है। चैनल ने कहा है कि उसके एक कार्यक्रम में गलती हुई है, जिसके लिए वो अपने दर्शकों से माफी मांगता है। हालांकि गलती तो सबसे बड़ी चैनल खोलकर ही कर दी थी। उसके लिए तो ताउम्र देश से माफी मांगने की जरूरत है।
चैनल ने अपने माफीनामे में लिखा कि 6 सितंबर 2019 को प्रसारित उसके कार्यक्रम ‘पूछता है भारत’ में कुछ आक्रमक और भड़काऊ शब्द पाए गए हैं। अगर उन शब्दों से किसी धर्म या किसी व्यक्ति विशेष की भावनाएं आहत हुई हैं तो रिपब्लिक मीडिया टीवी नेटवर्क इसके लिए माफी मांगता है। चैनल ने जुर्माना लगाने वाले यूके ब्रॉडकास्टिंग रेग्युलेटर ऑफकॉम को बताया कि वो अपनी इस गलती के लिए कई बार माफी मांग चुका है।
कहा कि चैनल द्वारा 26 फरवरी 2020 से 9 अप्रैल 2020 तक 280 बार प्रतिदिन हर घंटे में माफी अंग्रेजी और हिंदी में प्रसारित की गई है। चैनल द्वारा 280 बार माफी मांगे जाने के बाद अर्नब गोस्वामी की तुलना अब हिंदुत्व आइकन सावरकर से की जा रही है, जिन्होंने अपनी रिहाई के लिए ब्रिटिश सरकार को पत्र लिखे थे। ट्रोलर्स की भाषा में तो सावरकर को सॉरीकर कहा जाता है।
सावरकर ने 5 बार अंग्रेजों से माफी मांगी और भाजपा की तरफ से उन्हें वीर कहा जाता है, लेकिन रिपब्लिक भारत और अर्नब गोस्वामी ने 280 बार ब्रिटिश से माफी मांगी, ऐसे में उन्हें तो अब पता नहीं क्या ही कह दिया जाएगा। बता दें कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग रेग्युलेटर ऑफकॉम ने अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक भारत हिंदी न्यूज चैनल को ब्रॉडकास्ट करने का लाइसेंस रखने वाली कंपनी पर यूके में करीब 18 लाख रुपये का जुर्माना लगया है। आरोप है कि चैनल ने 6 सितंबर 2019 को प्रसारित अपने कार्यक्रम पूछता है भारत में पाकिस्तानी और एक समुदाय के लोगों के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देने वाली सामग्री दिखाई। हालांकि ये भारत के लिए भी एक बहुत बड़ा कदम है।