आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के दिमाग में क्या चल रहा है ये समझना मुश्किल है| पहले जहाँ खुद कांग्रेस के पीछे लगकर उससे गठबंधन की मांग कर रहे थे तो वही कांग्रेस के मान जाने पर अजीब सी दो शर्ते शर्त सामने लेकर आ गए हैं|
पार्टी के अंदर के सूत्रों ने बताया की केजरीवाल ने कहा है की वो कांग्रेस से दिल्ली में तभी गठबंधन करेंगे जब कांग्रेस हरियाणा और चण्डीगढ़ के लिए भी मान जाए| यानी की अगर हरियाणा और चंडीगढ़ में कांग्रेस साथ देती है तो ही आप दिल्ली में कांग्रेस के साथ आएगी अन्यथा नहीं| वही केजरीवाल ने दूसरी मांग की हैं की कांग्रेस दिल्ली के सरकार के पूर्ण राज्य की मांग को समर्थन करें| यानी की चित भी मेरी और पट भी मेरी वाली कहानी को लेकर दिल्ली के मुखिया केजरीवाल काम कर रहे हैं|
अब इसमें सबसे बड़ी मुश्किल ये समझने में है की कौन किस्से गठबंधन करना चाहता है| जब कांग्रेस तैयार नहीं थी तब केजरीवाल पीछा नहीं छोड़ रहे थे और जब कांग्रेस ने साथ देने का वादा किया तो केजरीवाल ने शर्त रख दी| हालाँकि ये तो तय है की केजरीवाल आसानी से गठबंधन नहीं करने वाले हैं| उन्हें खुद का फायदा दिखेगा तभी वो कांग्रेस का साथ देंगे अन्यथा केवल मोदी को हराने के लिए केजरीवाल कांग्रेस के साथ आ जाएँ ऐसा नहीं हो सकता है|
केजरीवाल ने पहले कहा था की कांग्रेस उनसे दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब में गठबंधन करे| लेकिन पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ़ मना कर दिया था की इसकी कोई जरूरत नहीं है| अब देखना है की केजरीवाल और कांग्रेस के गठबंधन का ऊँट किस करवट बैठता है|