ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन AIMIM के प्रमुख व हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी हमेशा अपने बयान को लेकर चर्चा में रहते है…यू तो ओवैसी की लड़ाई हमेशा मुस्लिम समाज के हित के लिए होती है…जिसके चलते फिर चाहे कोई भी पार्टी हो कांग्रेस, बीजेपी, शिवसेना या फिर अन्य बड़ी राजनीतिक पार्टी, अपने हक के लिए ओवैसी किसी को भी आड़े हाथों लेने से नहीं चूकते…या तो यूं कहे कि ओवैसी किसी भी पार्टी के अच्छे मित्र नहीं है…ये जग हाजिर है कि ओवैसी हिंदुत्व के कट्टर विरोधी है…वे संघ के खिलाफ तो बयान देते ही रहते हैं लेकिन वे कांग्रेस को भी नहीं छोड़ते…
आज भी जो चल रहा है वर्तमान भारत की सुरक्षा को लेकर, पुलवामा आतंकी हमले के बाद सभी इसमें अपनी रोटियां सेंक रहे हैं…चाहे वह सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार हो, कांग्रेस, बीएसपी, एसपी या फिर तृणमूल कांग्रेस…ऐसे में ओवैसी ने यहां एक बयान दिया है…
ओवैसी साहब ने एक गजब का बयान दिया जिससे जो व्यक्ति यदि उनके बारे में अपरिचित है तो उसके लिए ये बयान भरपूर देशभक्ति का डोज़ हो सकता है…
साहब ने कहा कि
पुलवामा में हुए हमले का पाक से संबंध है, ऐसा पाक सरकार, पाकिस्तानी सेना व ISI की योजना के अनुसार किया गया…मैं उस संगठन को बताना चाहता हूं जिसकी वजह से हमारे 40 आदमी शहीद हुए, तुम जैश-ए-मोहम्मद नहीं हो, तुम जैश-ए-शयातीन हो, मोहम्मद का सैनिक किसी को नहीं मारता, वह इंसानियत के प्रति दयालु होता है, मसूद अजहर तुम मौलाना नहीं हो, तुम शैतान के चेले हो, मैं पाक के पीएम को कहना चाहता हूं कि वह टीवी के सामने बैठकर हिंदुस्तान को संदेश न दें…और अपने चेहरे पर लगा शराफत का मुखौटा उतार दें…
वाकई ये देशभक्ति पैदा करने जैसा बयान है… और इसकी जितनी सराहना की जाए उतनी कम है… हर बार वजह अलग हो सकती है…हालांकि बीते कुछ दिन पहले ओवैसी एक और बयान भी दे चुकें है जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर के सुंजवां आर्मी कैंप पर हुए हमले में शहीद होने वाले जवानों को एक अलग ही नजरिए से पेश किया था…औऱ इसे सांप्रदायिक रंग देकर कहा था कि इस हमले में शहीद होने वालें 7 में से 5 कश्मीरी है…
जिसपर
“लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने जबाव दिया कि हम सेना में किसी को भी सांप्रदायिक रंग नहीं देते, सेना में सब एक समान है, जो देश के खिलाफ हथियार उठाता है, वह सिर्फ आतंकी है”
लेकिन ओवैसी इससे पहले कई ऐसे बयान दे चुके हैं…जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है… जिससे वे हमेशा विवादों में बने ही रहते है…परंतु उनके वे बयान राजनीतिक तौर पर रहे है…और किसी भी नेता के लिए अपनी पार्टी के फेबर में बयानबाजी करना कोई गलत बात नहीं…हां ये हो सकता है कि किसी देशभक्त या हिदुत्ववादी को उनके भारत माता की जय नहीं बोलने से आपत्ति हो सकती है…लेकिन यह देश हमें अभिव्यक्ति की आजादी देता है…हम इस बात को किसी पर थौप नहीं सकते…आप चाहे तो बोले न चाहे तो न बोले…ऐसा ही विवाद में ओवैसी भी फंस चुके है…
ओवैसी साहब ऐसे हैं जिन्होंने भारत माता की जय बोलने से साफ इंकार कर दिया…और संविधान का हवाला देकर कहा कि संविधान में कहीं भी नहीं लिखा कि भारत माता की जय के नारे लगाना जरूरी है…यहां तक की जब संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में ये कहा था कि मुल्क में ऐसे लोग हैं जो भारत माता कि जय के नारे नहीं लगाते उनको सिखाना पड़ेगा…ऐसे में ओवैसी ने भागवत को एक बगावती सुर में कहा था कि “भागवत साहब मैं नहीं लगाता नारा…क्या करेंगे आप ? मेरे गले में छुरी भी रख देंगे तो भी नहीं बोलूंगा मैं”…और ओवैसी ने इसे आरएसएस की आइडियोलॉजी का हिस्सा बताया…और इस बात से कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए क्योंकि वाकई हमारा संविधान कहीं नहीं कहता की देश में रहने वाले हर व्यक्ति को नारे लगाना जरूरी है….
और इस बात को नकारा जाना भी ठीक नहीं…भले ही ओवैसी हिंदुत्व का समर्थन नहीं करते…वे एक बार कह भी चुके हैं कि मैं हिंदू धर्म के नहीं बल्कि हिन्दुत्व के खिलाफ हूं…लेकिन ओवैसी हमेशा अपने मुस्लिम धर्म का प्रचार करते रहे हैं …ओवैसी के ऐसे बयानों पर गौर करिए जब वे अपने मुस्लिम धर्म और पार्टी के हित के लिए कभी भी पीछे नहीं हटे और सामने वाले को मूंह तोड़ जवाब दिया…
ओवैसी पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सुरक्षा बलों में भर्ती को लेकर भी सांप्रदायिक रंग देते हुए सेना में मुसलमानों की भर्ती को लेकर सवाल भी पूछ चुके हैं… और कहा कि उनके कार्यकाल में BSF, रैपिड एक्शन फोर्स और ITBP में कितने मुस्लमानों की भर्ती की गई?…ये ओवैसी का प्रयास था मुस्लिमों को भड़काने का, और राम मंदिर के मुद्दे पर भी ओवैसी इस तरह का प्रयास कर चुके हैं…
जब राहुल गांधी और सोनिया गांधी वि.स. चुनाव के लिए तेलंगाना में रैली करने जाने वाले थे…तब ओवैसी ने कांग्रेस पर इल्जाम लगया था कि कांग्रेस ने कभी भी मुस्लमानों को ऊपर उठने नहीं दिया…कांग्रेस ने हमेशा कमजोर तबके को निशाने पर रखा है…और पार्टी ने कभी भी मुसलमानों को राजनीति में आगे नहीं बढ़ने दिया…बल्कि कांग्रेस पार्टी ने मुसलमानों को कटौरा थमा दिया…
एक बार यूपी के हापुड़ में भी मुसलमान युवाओं का ध्यान भटकाते हुए ओवैसी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि- अगर जिंदा रहना चाहते हो तो अपनी जात के उम्मीदवारों को वोट देकर जिताओ…जिससे की मुसलमानों को राजनीतिक स्तर पर मजबूत किया जा सके…और लोकतंत्र की सुरक्षा पर भी ओवैसी ने मुस्लिम युवाओं का ध्यान भटकाने की कोशिश की और कहा था कि अगर मुसलमान राजनीतिक स्तर पर मजबूत होंगे तभी लोकतंत्र सुरक्षित रह सकेगा…
इसमें कोई दो राय नहीं कि ओवैसी की शब्दों की गरिमा कितनी तुच्छ रही है ये बात किसी से छुपी नहीं है…एक बार यूपी के सीएम को भी निशाना बनाया…दरअसल पूरा मामला ये था कि योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि तेलंगाना में बीजेपी की सरकार आई तो ओवैसी को हैदराबाद से उसी तरह भागना पड़ेगा जिस तरह निजाम भागा था…इसपर ओवैसी ने अपने शब्दों की गरिमा को तोड़ते हुए बयान दिया था की
“आज एक और आया, वो कैसे-कैसे कपड़े पहनता है, तमाशे जैसा दिखता है, किस्मत से चीफ मिनिस्टर भी बन गया है, कह रहा कि निजाम की तरह ओवैसी को भगाऊंगा, अरे तू क्या, तेरी हैसियत क्या, तेरी बिसात क्या, तेरे जैसे 56 आए और चले गए, अरे ओवैसी को छोड़ो, उसकी आने वाली 1000 नस्लें भी इस मुल्क में रहेंगी औऱ तुझसे लडेंगे, तेरा मुकाबला करेंगे औऱ तेरी मुखालफत करेंगे”
कांग्रेस के लिए ओवैसी ने यूपी वि.स. चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद कहा था कि कांग्रेस पार्टी हमसे कहती है कि हम चुनाव लड़कर वोट कांटते हैं…
“अरे राहुल तुम छोटे-छोटे मंदिर गए, क्या हुआ हार गए”
ओवैसी के हर बयान में मुस्लिम धर्म की भक्ति दिखती है…और ओवैसी ने हमेशा मुस्लिम धर्म को बढ़ावा देने और धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम धर्म अपनाने को भी बढ़ावा दिया है…पढ़िए आप भी इन बयानों को…
“सिर्फ इस्लाम की शिक्षा से ही आतंकवाद को मिटाया जा सकता है…इस्लाम के दुश्मन देश के दुश्मन है…इसके साथ ही ओवैसी ने इस्लाम का प्रचार और संघ पर कटाक्ष भी किया…उन्होंने कहा कि इस्लाम सभी धर्मों वास्तविक घर है…और जब सभी धर्मों के लोग इसे अपनाएंगे तब यह वास्तविक घर वापसी होगी”
ओवैसी ने हमेशा ऐसे प्रयास किए जिससे सभी हिंदु मुस्लिम धर्म अपना लें…और इस्लाम कबूल करें…हालांकि ओवैसी के शब्दों में हमेशा जहर ही रहा है…उन्होंने एक हिंदु राष्ट्र में रहने के बावजूद एक ऐसा बयान दिया जो इस देश के नेता चाहे वह किसी ही धर्म का अनुयायी हो उसको शोभा नहीं देता…
ज्ञात हो कि ओवैसी साफ तौर पर कह चुके हैं कि सभी बच्चे मुस्लिम पैदा होते है, लेकिन उनके माता-पिता उसे अन्य धर्म में परिवर्तन कर देते है…ओवैसी यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने सभी धर्मों को इस्लाम अपनाने का न्यौता भी दिया…हालांकि ये साफ भी किया कि किसी पर कोई दबाव नहीं है…आप वापस आइए हम आपको पैसा नहीं दे सकते, लेकिन आपको दुनिया में और इसके बाद सफलता की गारंटी देते हैं…यहां ओवैसी साहब के वापस आने का मतलब मुस्लिम धर्म में वापस आने से है…उनके अनुसार सारे लोगों का जन्म मुस्लिम धर्म में होता है…उनके माता-पिता उन्हें हिंदु धर्म में बदल देते हैं…समझ नहीं आता ही ओवैसी साहब ने ये ज्ञान कहां से प्राप्त किया…
लेकिन यहां अहम बात ये है कि जब मुल्क की बात आती है तो ओवैसी के उन बयानों को भी आप नहीं नकार सकते जो उन्होंने पाक की भूमि पर भी दिए है…पाक कि भूमि ओवैसी ने कई बार हिंदुस्तान का ढंका बजाया है और पाक सरकार को मूंह तोड़ जबाव दिया है…एक बार जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर बयान दिया था तब भी ओवैसी ने भारत की तारीफ करके पाक को उसका चेहरा दिखाया था…और कहा था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को भारत से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है…चाहे वह समावेशी राजनीति की बात हो या अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात…अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले पर भी ओवैसी ने आतंक के खिलाफ अपने सुर तेज किए थे और इस तरह की घटनाओं की निंदा की थी…वे ये बात कह चुके हैं कि हिंदुस्तान उनकी पितृ भूमि है और वे भारत के एक ईमानदार नागरिक हैं…तो उनके हर बयान को राजनीति रंग देकर छोड़ना गलत बात है….राजनीतिक तौर पर ओवैसी ने वाकई निंदनीय बयान दिए लेकिन एक पार्टी के प्रमुख होने के नाते उनका कहना गलत नहीं क्योंकि ये सभी कर रहे है…
हैदराबाद के सांसद औऱ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के किसी भी बयान को हम कोई रूप नहीं दे सकते क्योंकि यह उचित नहीं होगा…हां ये सच है कि ओवैसी सिर्फ इस्लाम की भक्ति करते हैं लेकिन वे देशभक्त हैं या नहीं इसपर सबाव उठाना गलत हैं, यदि आप उनके राजनीतिक बयानों के मद्देनजर इसे देखें तो…लेकिन पुलबामा आतंकी हमले के उनका बयान सराहनीय है क्योंकि वजह चाहे कोई भी हो उन्होंने पाकिस्तान सरकार को एक करारा जवाब दिया है…