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गहलोत: घर का लड़का जो किसी को हिस्सा नहीं देगा, पंचाइत बुलाएगा अलग से

गहलोत परिवार (congress party) का वो लड़का है जो बाप की जमीन पर भाई को हिस्सा नहीं देना चाहता, पंचायत अलग से बुलाता है।

नई दिल्ली

गांव घर में जब जमीनी बंटवारा होता है और उसमें पंचायत आते हैं. वही पंचइतिहा जिनके घर में खुद झगड़ा चल रहा होता है लेकिन गांव भर में झगड़ा करवाने अरे मतलब शांत करवाने जाते हैं।उन्हें लगता है घर का वो बड़ा लड़का जो पैतृक जमीन में किसी को हिस्सेदारी नहीं देना चाहता।  उसके अनुसार वो बड़ा है इसलिए सारी जमीन उसकी है।भले छोटे ने खूब मेहनत की हो, अच्छी अंग्रेजी बोलता हो। यही हाल है गहलोत का जो सचिन पायलट को कुछ देना नहीं चाहते बल्कि पंचायत बुलाकर हल्ला और मचवा रखे हैं।

मोहल्ले वालों को अपनी तरफ किया

भाईसाब ये बात भी है कि बंटवारे के दौरान बड़े भाई ने मोहल्ले वालों को भी अपनी तरफ कर लिया है। उसका कहना है कि अगर इस छोटे(sachin paylat)ने यहाँ घर बना लिया और इस परिवार का मुखिया बन गया तो तुम्हें यहाँ रहना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा जिन लोगों ने छोटे का साथ देना चाहा उन्हें बड़ा वाला गलत साबित करना चाहता है। बड़े वाले का कहना है कि ये सब इस मोहल्ले के निवासी है ही नहीं। पता नहीं कहाँ से आ गए हैं। सारे मोहल्ले वाले उसके पक्ष में बोले इसके लिए उसने सबको एक साथ एक ही घर में रखा है और उनकी खूब देखभाल कर रहा है. कह रहा है कि बाहर जाएंगे तो छोटा वाला पक्ष में कर लेगा।

गांव का मुखिया देख रहा है 

सबसे मजेदार बात ये है कि गांव का मुखिया सारी कहानी बड़े गौर से देख रहा है। उसने पहले भी ऐसे ही माहौल का फायदा उठाकर छोटे वाले को अपने पक्ष में करके अगले का पूरा घर फोड़ दिया था. अरे एम.पी वाला मामला तो याद ही होगा ना. गांव के मुखिया ने अपनी तरफ से कोशिश लगातार जारी रखी है की आखिर किस तरह से इस बड़े वाले की हुकूमत समाप्त की जाए लेकिन इस बार कामयाब होता नहीं दिखाई दे रहा है.

बड़ा (गेहलोत) वाला मम्मी-मम्मी कर रहा है

इस मामले में सबसे बड़ी बात है कि बड़ा वाला लड़का जो कि छोटे वाले को हिस्सा नहीं देना चाहता वो मम्मी का पल्लू पकड़े हुए है. और छोटा वाला भी यही सोच रहा है कि मम्मी कुछ अच्छा करेगी। जैसे सचिन पायलट को अभी भी उम्मीद है  राजमाता मना लें और काम बन जाए.
अब भाई बड़ा वाला (गहलोत) दुनियाभर की तिकड़म लगाए बैठा है. उसे लग रहा है की कैसे दुकान खुले और रजिस्ट्री हो लेकिन डीएम साहब(राज्यपाल महोदय) है कि रजिस्ट्री ऑफिस( विधानसभा) खोलने को तैयार ही नहीं हैं.
अब देखों घर की कुर्सी में छोटा कैसे राज जमाता है….