प्रेग्नेंसी के दौरान खाने पीने का खास ख्याल रखना पड़ता है. मां के खाने का प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर होता है, इसलिए डॉक्टर्स खानपान में संयम बरतने की सलाह देते हैं. यहां हम 10 ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिसे प्रेग्नेंसी के दौरान नजरअंदाज करना चाहिए. यह अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों पर आधारित है।
1.गर्भावस्था में कच्चा पपीता न खाएं
गर्भावस्था में कच्चा पपीता खाना असुरक्षित हो सकता है। कच्चे पपीते में एक ऐसा केमिकल पाया गया है, जो भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए गर्भावस्था में कच्चा पपीता खाने से बचें
2.कच्ची अंकुरित चीज़ें न खाएं
यूं तो अंकुरित नाश्ता सेहत के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद होता है, लेकिन गर्भावस्था में कच्ची अंकुरित चीज़ें खाने से बचना चाहिए। दरअसल, कच्ची अंकुरित दालों में साल्मोनेला, लिस्टेरिया और ई-कोलाई जैसे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जिससे फ़ूड प्वॉयज़निंग की समस्या हो सकती है। इसके कारण गर्भवती महिला को उल्टी या दस्त की शिकायत हो सकती है और मां के साथ-साथ शिशु की सेहत को भी नुकसान पहुंच सकता है।
3.क्रीम दूध से बना पनीर न खाएं
गर्भावस्था में क्रीम दूध से बना पनीर नहीं खाना चाहिए। चूंकि इस तरह के पनीर को बनाने में पाश्चुरीकृत दूध का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, इसलिए इसमें लिस्टेरिया नाम का बैक्टीरिया मौजूद होता है। इस बैक्टीरिया की वजह से गर्भपात और समय से पहले प्रसव का खतरा बढ़ सकता है।
4.बिना धुली हुई सब्ज़ियां और फल न खाएं
किसी भी फल और सब्ज़ी को खाने से पहले उसे अच्छी तरह धोना न भूलें। बिना धुली हुई सब्ज़ी और फल में टॉक्सोप्लाज़्मा नाम का बैक्टीरिया मौजूद हो सकता है, जिससे शिशु के विकास में बाधा आती है।
5.घर पर बनी आइसक्रीम न खाएं
गर्भावस्था में घर पर बनी आइसक्रीम खाने से भी बचना चाहिए। आमतौर पर इसे बनाने के लिए कच्चे अंडों का इस्तेमाल होता है। हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि कच्चे अंडे से गर्भवती महिलाओं को सालमोनेला संक्रमण हो सकता है।
6.उच्च स्तर के पारे वाली मछली न खाएं
गर्भावस्था में मछली खाना काफ़ी फ़ायदेमंद होता है। लेकिन, गर्भवती महिलाओं को ऐसी मछलियों को खाने से बचना चाहिए, जिनके शरीर में पारे का स्तर अधिक होता है। जैसे कि स्पेनिश मेकरल, मार्लिन या शार्क, किंग मकरल और टिलेफिश जैसी मछलियों में पारे का स्तर ज़्यादा होता है। ऐसी मछलियों को खाने से भ्रूण के विकास में बाधा आ सकती है।
7.कैफ़ीन का सेवन न करें
गर्भावस्था में डॉक्टर बहुत कम मात्रा में कैफ़ीन लेने की सलाह देते हैं। चाय, कॉफ़ी और चॉकलेट जैसी चीजों में कैफ़ीन पाया जाता है। ज़्यादा मात्रा में कैफ़ीन लेने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, कैफ़ीन का ज़्यादा सेवन करने से जन्म के समय शिशु का वज़न कम रह सकता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान रोज़ाना 200 मिलिग्राम तक कैफ़ीन के सेवन को सुरक्षित माना जाता है।
8.कभी भी कच्चा अंडा न खाएं
गर्भवती महिलाओं को अच्छी तरह से पका हुआ अंडा ही खाना चाहिए। कच्चे अंडे के सेवन से सालमोनेला संक्रमण का खतरा हो सकता है। इस संक्रमण से गर्भवती महिला को उल्टी और दस्त की संभावनाएं बढ़ जाती है।
9.जरूरत से ज्यादा नमक
प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन ना करें। हालांकि सामान्य तौर पर भी डॉक्टर्स कम नमक खाने की सलाह देते हैं।इससे दिल की बीमारियों का खरा बढ़ जाता है। लेकिन प्रेग्नेंसी में अधिक नमक खाने से न केवल ब्लड प्रेशर बढ़ता है, बल्कि चेहरा, हाथ, पैर आदि में सूजन आ सकता है।
10.चाइनीज फूड
इसमें एमएसजी होता है। यानी मोनो सोडियम गूलामेट, जो फीटस के विकास के लिए हानिकारक है और इसके चलते काई बार जन्म के बाद भी बच्चे में डिफेक्ट्स दिख सकते हैं। इसमें मौजूद सोया सॉस में नमक की भारी मात्रा होती है, जो हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है। प्रेग्नेंट वुमन के लिए बेहद खतरनाक है।