बांग्लादेश से आज एक खबर आई कि उसकी पर केपिटा इनकम भारत से ज्यादा हो गई है। इस बात को सुनने के बाद भारत के अर्थशास्त्री अपना सिर फोड़ने के लिए दीवार खोज रहे हैं, लेकिन हमारे देश के महान वैज्ञानिक जो हवा में से पानी निकालने की क्षमता रखते हैं, उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है। इतना ही नहीं उनके जो कुछ बेवकूफ भक्त है वो अब भी इंतजार में है कि मोदी जी सोने की चिढ़िया को वापिस लेकर आएंगे और 15 लाख भी आएंगे। लेकिन वो नहीं जानते कि उस चिढ़िया के पर कबके कुतर दिए गए हैं।
5 साल पहले तक भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी बांग्लादेश के मुकाबले 40 पर्सेंट ज्यादा थी। लेकिन इन 5 सालो में बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी में 9.1 पर्सेंट की एन्युअल ग्रोथ देखने को मिली है, जबकि भारत की ग्रोथ 3.2 पर्सेंट ही रही है। हमारा देश चीन, रूस, अमेरिका को पीछे छोड़ने वाला था और मोदी जी के राज में तो बांग्लादेश ने हमें पीछे छोड़ दिया। मजाक में हम बांग्लादेश को अपना पोता कहते हैं, लेकिन यहां तो पोते ने ही दादा को करारी शिकस्त दे दी है।
कोरोना तो बांग्लादेश में भी लेकिन उनके यहां कोरोना से लड़ने वाले विश्व के तथाकथित बेस्ट प्रधानमंत्री नही है वहां पर साधारण किस्म के प्रधानमंत्री है। लेकिन वहां बहुत हद तक कोरोना कंट्रोल में है वो मोदी सरकार से कही बेहतर तरीके से देश की जनता का ध्यान भी रख रहे है। इतना ही नहीं उनके यहां पर इकनॉमी भी रफ्तार पकड़ रही है। ऐसे संकट के दौर में भी खास तौर पर बांग्लादेश ने बहुत कमाल का प्रदर्शन किया है उसने अब मानव विकास सूचकांकों और आर्थिक वृद्धि दरों के मामले में तमाम दक्षिण एशियाई देशों को पीछे छोड़ दिया है।
हाल के एक दशक में बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था औसत 6 फीसदी की वार्षिक दर से आगे बढ़ी है इसकी तुलना में भारत की जीडीपी की विकास दर 2016 से गिरती ही जा रही है। भारत की जीडीपी इतनी गहरी खाई में गिर गई है कि रघुराम राजन जैसे लोग भी हार मान चुके हैं। अब आर्थिक विकास के मामले में भारत बांग्लादेश का मुकाबला नहीं कर पा रहा है और आपको सपने दिखाए जाएंगे चीन, रूस, अमेरिका के।
प्रति व्यक्ति आय से लेकर निर्यात तक में भारत बांग्लादेश से पिछड़ा नजर आ रहा है। ये वो देश है जो हमारी ही उपज है, लेकिन आज हमें पीछे छोड़ रहा है और करारा तमाचा मार रहा है। अब विश्व में सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा भी हमसे छिन गया है लेकिन रोज रोज हिंदू मुस्लिम करने वाले अंध भक्तों को ये सच्चाई नजर नही आएगी वो तनिष्क का बहिष्कार करने की कोशिश में लगे हैं और इसी में खुश है।
हिंदू मुसलमान की राजनीति ने ही भारतीय जनता पार्टी को इस मुकाम पर पहुंचाया कि उसने हमारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। देश में भुखमरी होगी तो ना हिंदू खा पाएगा और ना ही मुसलमान, लेकिन ना तो भक्त इस बात को समझेंगे और ना ही दूसरे पक्ष वाले। इन लोगों के दिमाग में सोशल मीडिया के जरिये इतनी गंदगी भर दी गई है कि बहिष्कार करने का नारा ये इतनी जल्दी लगाते हैं जितनी जल्दी खाना खा कर डकार लेते हैं। लेकिन देश में जब कोई सवाल खड़ा होता है तो इस सरकार के पास हिंदू मुसलमान का कार्ड हमेशा तैयार रहता है।
जो लोग आज तनिष्क को बॉयकॉट करने की बात कर रहे हैं, वो ये भूल गए कि तनिष्क टाटा कंपनी का प्रॉडक्ट है। ये वही टाटा कंपनी है जिसने कोरोना से लड़ने के लिए पीएम केयर्स में सबसे ज्यादा दान दिया था। तब रतन टाटा को सच्चा देशभक्त बताया गया था, उनकी तारीफों के पुल बांधे गए थे। लेकिन आज उन्हीं रतन टाटा की कंपनी को बॉयकॉट करने की बात करते हैं। ये दर्शाता है कि ये दोगले लोग किसी के नहीं है चंद पैसे ज्यादा मिले तो ये ट्वीट कर के किसी दिन देश को बॉयकॉट करने की भी बात कर सकते हैं। क्योंकि इनमें दिमाग नहीं है बस सोशल मीडिया और कीबोर्ड है। जिसके पीछे बैठकर बकवास लिखते हैं।