गोलमाल नगर: सालभर से हम सबकी जिन्दगी में ताला लगा देने वाला कोरोना अब खुद डरने लगा है. वो डरता है इलेक्शन वाले राज्यों से. ये मैं नहीं बल्कि कोरोना ही कह रहा है. कोरोना का कहना है कि अभी विधानसभा चुनावों तक वो बंगाल नहीं जाएगा क्योकि उसे वहां फर्जी भाषण और घोषणाएं सुननी पड़ेगी. ख़ुशी इस बात की है की कोई तो है जिससे ये भी डरता है.
एक गिलास पानी मांगते हुए कोरोना ने कहा कि “भाईसाब पता नहीं ऐसा क्या जादू करते हैं नेताजी. मतलब पहले तो हर राज्य में मेरा खौफ होता था लेकिन अब जहाँ चुनाव होते हैं वहां मेरा खौफ खत्म हो जाता है. समझ नहीं आता कि जहाँ दो दिन पहले से मेरे हजार साथी रोजाना सामने आ रहे थे वो चुनावों की घोषणा होते ही अचानक कैसे बीस तक पहुँच जाते हैं. मुझे शक है की नेता कोई जादू करते हैं और मेरे साथियों की लाश को ठिकाने लगा देते हैं.
इसीलिए भाईसाब मैं चुनावों में राज्यों में जाने से डरता हूँ. इसके अलावा फ़र्जी घोषणाएं और फर्जी वादे मुझसे तो नहीं सुने जाते हैं. मैं कोई इन्सान थोड़ी हूँ कि ये सब सह जाऊंगा और नेता के झूठ बोलने पर चुप रहूँगा. एक दिन तो एक रैली में नेताजी मेरे सामने ही मुझे लेकर झूठ बोल रहे थे. नेताजी कह रहे थे कि हमनें कोरोना को ठिकाने लगा दिया. अब बताओ मैं वहीँ बगल में बैठा था लेकिन मुझे ही लेकर नेताजी झूठ पर झूठ पेले जा रहे हैं. ऐसे कैसे चलेगा भैया. बंगाल इलेक्शन (bengol election) से तो मुझे और भी डर लगता है”.
करवट बदलते हुए कोरोना ने हमे अपना आगे का दुःख सुनाया. बोला “भाईसाब चुनावी राज्यों में तो लगता है कि कई बार मुझे ही भीड़ कुचल देगी. और कई बार नेताजी तो अपने मोटे और पापी पैरों से मुझे खुद कुचलकर आगे बढ़ जाते हैं. मेरे 32 साथियों की जान भीड़ के कुचलने की वजह से चली गई. अरे वो अपने बिहार में चुनाव हुए थे तब की बात है. इसीलिए भाईसाब मैनें तो कसम खा ली है कि बंगाल इलेक्शन तक मैं वहां जाऊंगा ही नहीं. जान है तो जहान है.
इतना दुःख रोने के बाद कोरोना खचाखच भरी बस में बैठकर जाने लगा. बोला अब तो स्कूलों का ही सहारा है जहाँ बच्चे हमारी सुनते हैं बाकी और तो कहीं सुनवाई ही नहीं होती है.