देश में चुनाव कहीं भी हो लेकिन मजेदार बहुत होते हैं। क्योंकि नेताओं के वादे, हरकतें बहुत हंसाती है। बिहार चुनाव में तो ये और ज्यादा बढ़ जाता है। इस बार के चुनाव में नेताओं के झूठे वादों के अलावा बहुत कुछ हो गया है। जैसे बेरोजगारी, स्वास्थ्य, बाढ़ वाले मुद्दों की दरकिनारी। इसके अलावा टुकड़े-टुकड़े गैंग, पाकिस्तान, लक्ष्मी माता, तक की एंट्री हो गई है।
पिछले कुछ सालों से चुनावों को देशभक्त बनाम देशद्रोह करार कर दिया जाता है। वैसे ही बिहार में भी कश्मीर, आतंकवाद, जेएनयू, जिन्ना का नाम आ गया है। स्मृति ईरानी, योगी आदित्यनाथ, प्रकाश जावड़ेकर, नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह ने अपने 13 सालों के कामकाज की जगह पर राम मंदिर, पाकिस्तान, आतंकवाद का डर दिखा रहे हैं।
पाकिस्तान से लेकर राम मंदिर तक घूम लिए नेता
राहत इंदौरी ने बहुत प्यारा शेर कहा था कि सरहदों पर बहुत तनाव है क्या कुछ पता तो करो चुनाव है क्या। हालांकि जब राहत इंदौरी ने ये शेर लिखा था तब कथित टुकड़े-टुकड़े गैंग का जन्म नहीं हुआ था। इसलिए शायद वो उन्हें अपनी शायरी में शामिल करना भूल गए। फिलहाल बिहार चुनाव में राहत साहब की सरहद की जगह कश्मीर, जेएनयू, जिन्ना, राम मंदिर ने ले लिया है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यानाथ को भाजपा ने बिहार चुनाव के लिए स्टार प्रचारक है।
योगी ने भी राहुल गांधी को पाकिस्तान प्रेमी बता रहे हैं तो कभी आरजेडी गठबंधन को देश तोड़ने वालों से मिला रहे हैं। इससे पहले कैमूर के रामगढ़ में योगी ने राम के नाम के सहारे भाजपा को जिताने के लिए कहा है। रैली में मंच पर आते ही लोगों से कहा कि मैं भगवान राम की जन्मभूमि से आया हूं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता से किया गया वादा मर्यादा पुरुषोत्तम राम के भव्य मंदिर को भी बनाएंगे। कर दिया न पूरा। अब कोई सीएम योगी से पूछे कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था या उनके वादे से राम मंदिर बन रहा है?
पुरानी स्क्रिप्ट को नए रंग से परोसा जा रहा है
इतना ही नहीं रोहतास में भी वो दिल्ली के जेएनयू तक पहुंच गए हैं और कहने लगे कि अब नहीं कोई बोल सकता है जेएनयू में कि भारत तेरे टुकड़े होंगे। लेकिन सवाल ये है कि क्या जेएनयू में टुकड़े होंगे वाले नारे लगे भी हैं या नहीं? जिस कथित बयान पर सीएम साहब बिहार की जनता को असल मुद्दों से दूर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं उसका कोई प्रमाण नहीं है। कुल मिलाकर करीब-करीब वहीं पुरानी स्क्रिप्ट को नए तरीके से दिखा दिया है। बेरोजगारी पर सर्जिकल स्ट्राइक की जगह पाकिस्तान पर किए गए 2 साल पुराने स्ट्राइक की कहानी सुना रहे हैं।ये अलग बात है कि हाल फिलहाल में यूपी में क्राइम की हालत को बिहार की जनता भी देख रहा है और योगी सरकार को आंक भी रही है।
अगर बिहार की जनता को मौका मिले तो वो योगी जी से जरूर हाथरस पर चंद सवाल करना चाहेगी? हालांकि ये पहले नेता नहीं हैं जिन्होंने इस तरह का भाषण दिया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय तो आतंक की तुलना आरजेडी की सरकार से कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में अगर आरजेडी की सरकार बनेगी तो कश्मीर से जिस आतंकवाद का हम सफाया कर रहे हैं, वो आतंकवाद बिहार की धरती पर पनाह ले लेगा। ऐसा होने नहीं देंगे। हम उन्हें आने नहीं देंगे। हम तलवार से भी लड़ते हैं तो हाथ से भी लड़ते हैं।
नित्यानंद जी आतंकवाद को रोकने के लिए आप क्या करेंगे
अब कोई ये पूछे कि जनाब आप केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ही हैं, आपके जिम्मे ही आंतरिक सुरक्षा है फिर ये आतंकी किस रास्ते से बिहार आ जाएंगे? कैसे पनाह ले लेंगे? और सवाल ये भी है कि जब आपने आतंकवादियों की खैर नहीं बोलते-बोलते 6 साल सत्ता में निकाल दिए और शांति-सुरक्षा के नाम पर कश्मीर से 370 भी हटाया तो कश्मीर में आतंकवादी बच कैसे गए जो बिहार आ जाएंगे?
गिरिराज सिंह ने तो दरभंगा के जाले सीट से कांग्रेस के कैंडिडेट मशकूर उस्मानी को पाकिस्तान के मुहम्मद अली जिन्ना से सहानुभूति रखने वाला कह दिया। जब नेता बिहार की बेरोजगारी, लॉकडाउन में आए प्रवासी मजदूरों की बदहाली, उनका पलायन, कोरोना और चमकी बुखार में बेकार स्वास्थ्य व्यवस्था, बाढ़ में डूबते गांव, बंद पड़ी इंडस्ट्री को छोड़ कश्मीर, पाकिस्तान, टुकड़े-टुकड़े गैंग पर भटकाऊ भाषण देंगे और भगवान राम के नाम पर उलझाने की कोशिश करेंगे तो सिता मैया के मायके वाले पूछेंगे जरूर कि ऐसे कैसे हो गया?