चुनाव प्रचार करते वक्त अक्सर नेता अपनी जुबान पर लगाम नहीं लगा पाते, कोई विवादित बयान दे देता है, तो किसी नेता की जुबान फिसल जाती है जो कि एक लंबे वक्त तक हंसी का पात्र बन कर रह जाता है। वहीं कई बार लोगों की जुबान फिसलने की वजह से वो बड़ी परेशानी में भी फंस जाते हैं। ऐसा ही कुछ भारतीय जनता पार्टी के नेता अशोक वाजपेयी के साथ भी हुआ है। बीजेपी के नेता अपनी पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे, लेकिन उस दौरान वो एक ऐसी गलती कर बैठे जिस वजह से वो परेशानी में फंस गए हैं।
दरअसल जब अशोक वाजपेयी अपनी पार्टी बीजेपी के लिए वोट मांग रहे थे तो उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी के चुनावी चिन्ह का जिक्र कर दिया। जी हां हरदोई में हुई एक सभा में अशोक वाजपेयी की जुबान फिसल गई और उन्होंने कहा कि साइकिल का बटन दबाकर नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनाएं। आपको बता दें कि बीजेपी में शामिल होने से पहले अशोक वाजपेयी समाजवादी पार्टी में थे, जिसका चुनाव चिन्ह साइकिल था।
“साईकल की बटन दबाकर मोदी जी को जिताएँ” : अशोक वाजपेयी, राज्य सभा सांसद #LokSabhaElections2019 @yadavakhilesh @samajwadiparty pic.twitter.com/p6lr1sW0ai
— Deepak Singh | दीपक सिंह (@author_deepak) April 21, 2019
हरदोई की जनसभा में अशोक वाजपेयी ने कहा कि 29 अप्रैल को सवेरे से बूथ पर वोट डालने के लिए पहुंचना है और साइकिल वाला बटन दबाकर मोदी जी को जिता देना। आपको बता दें कि अशोक वाजपेयी हरदोई लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार जय प्रकाश रावत के लिए वोट मांग रहे थे और उनके पक्ष में प्रचार कर रह थे। लेकिन उनका प्रचार करना उलटा पड़ गया।
दरअसल, अशोक वाजपेयी काफी लंबे वक्त तक समाजवादी पार्टी में भी रह चुके हैं और कुछ ही वक्त पहले वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अपनी एमएलसी सीट खाली की थी।
वहीं दूसरी तरफ हरदोई की इसी रैली में बीजेपी के एक और नेता की जुबान फिसल गई। ये नेता भी समाजवादी पार्टी से ही बीजेपी में शामिल हुआ है। एक वक्त में समाजवादी में अहम भूमिका में नजर आने वाले नरेश अग्रवाल बीजेपी में शामिल हुए और हरदोई रैली में उनकी जुबान भी फिसल गई थी। नरेश अग्रवाल ने यहां चुनावी सभा में बीजेपी का प्रधानमंत्री उम्मीदवार ही बदल दिया था, नरेश अग्रवाल ने कहा था कि हमारे प्रधानमंत्री तो अमित शाह हैं, लेकिन विपक्ष का उम्मीदवार कौन है ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है।