भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साल 2014 में केंद्र की सत्ता में वापसी की थी। एक प्रचंड जीत हासिल कर भारत में एक मोदी लहर चल पड़ी थी। पूरा विपक्ष ही उस लहर में बह गया था। जब साल 2014 में मोदी सरकार का गठन हुआ तो उसके बाद लगातार एक के बाद एक कई राज्यों में भाजपा ने चुनावों में जीत दर्ज की। एक वक्त ऐसा भी आया था जब उत्तर भारत से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक भारत के नक्शे में सिर्फ एक ही राजनीतिक दल नजर आ रहा था और वो था भाजपा। भाजपा ने हमेशा ही कहा है कि उसका लक्ष्य कांग्रेस मुक्त भारत करने का है। काफी हद तक वो ऐसा करने में सफल होते हुए दिखाई भी दे रहे थे लेकिन पिछले 6 चुनावों की बात करें तो तस्वीर बिल्कुल बदली हुई नजर आ रही है।
जो भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में कमल खिलाती नजर आ रही थी, वो पिछले 6 विधानसभाओं के चुनाव में से सिर्फ एक ही राज्य में बमुशकिल सरकार बना सकी है। भाजपा ने पहले अपने हाथ से छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश गंवाया और फिर उसके बाद महाराष्ट्र में भी वो सरकार नहीं बना पाई। लेकिन अब ये सिलसिला फिर से दोहरा गया है और झारखंड के चुनावी नतीजों से साफ हो गया है कि वो सरकार नहीं बनाने वाली है और यहां पर भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। इस तरह बहुत कम वक्त में भाजपा 5वें चुनाव में भी सरकार नहीं बना पाई है।
दरअसल भाजपा का विजयरथ 2018 में रुकना शुरु हुआ था, ये कर्नाटक में कांग्रेस ने किया था जब उसने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। तीसरे नंबर की पार्टी का नेता मुख्यमंत्री बना दिया ताकि भाजपा सत्ता से दूर रहे। हालांकि ये सरकार कुछ खास वक्त तक नहीं टिक सकी और कुछ ही दिन बाद भाजपा ने फिर से राज्य में सरकार बना ली थी। लेकिन इसके बाद छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान में उसे एक के बाद एक हार मिलनी शुरु हो गई थी।
वहीं इस साल तीन राज्यों में चुनाव हुए और इस साल महाराष्ट्र, हरियाणा और अब झारखंड में चुनाव हुआ है। महाराष्ट्र में तो भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन कर ऊभरी लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद की वजह से सहयोगी शिवसेना उससे अलग हो गई और राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बना ली। तो वहीं हरियाणा में भाजपा ने जेजेपी के सहयोग से सरकार बना ली और यही एकमात्र राज्य है जहां पिछले एक साल में भाजपा सरकार बना सकी है। अब झारखंड के नतीजे भी कुछ ऐसे ही नजर आए हैं कांग्रेस, आरजेडी, जेएमएम के गठबंधन ने बहुमत हासिल कर राज्य में सरकार बना ली है और हेमंत सोरेल वहां के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं।
हालांकि इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कमाल का प्रदर्शन किया था और पिछले चुनाव से भी ज्यादा सीटें अपने नाम की थी। लेकिन भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी का ये जादू राज्यों के विधानसभा चुनाव में बिलकुल नहीं चला। इन राज्यों में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टार प्रचारक रहे हैं और लगातार रैली, जनसभाएं, रोड शो किए हैं। लेकिन जनता को ये सब कुछ खास पसंद नहीं आया और सत्ता में एंट्री नहीं हो पाई। इस बात पर गौर करें तो जनता ने भारत के लिए नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना है लेकिन राज्यों में वो मुख्यमंत्रियों से खुश नहीं रहे हैं। शिवराज, रघुवर, मनोहर लाल, वसुंधरा राजे इन सबको जनता ने नकार दिया है।