लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में कुछ ही वक्त बाकी रह गया है। पूरे देश के अंदर आचार संहिता लगी है, जिसकी वजह से राजनीतिक दलों पर एक पाबंदी लग जाती है। लेकिन धरल्ले से आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई जा रही है। ऐसा करने में सबसे आगे अगर कोई राजनीतिक दल है तो वो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी है। अभी तक निर्वाचन आयोग के पास बीजेपी खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन करने के संदर्भ में 30 से ज्यादा शिकायतें आई है।
योगी के खिलाफ हुआ नोटिस जारी
हाल ही में आयोग के पास उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ शिकायत आई है। आयोग ने योगी आदित्यनाथ को ‘मोदी की सेना’ वाले बयान पर एक नोटिस भी जारी किया है, जिसमें उनसे 2 दिन में जवाब देने के लिए कहा गया है। दरसअल 30 मार्च को एक चुनावी रैली को गाजियाबाद में संबोधित करते हुए योगी ने भारतीय सेना को ‘मोदी की सेना’ कहा था। जिसके बाद से बवाल शुरु हो गया था और ये मामला चुनाव आयोग तक जा पहुंचा था।
आपको बता दें कि गाजियाबाद में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यूपीए सरकार आतंकवादियों को बिरयानी खिलाती थी, लेकिन वहीं मोदीजी की सेना आतंकवादियों को बम और गोली खिलाती है। योगी के इस बयान को लेकर चुनाव आयोग में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ शिकायत की गई थी। जिसमें इसे आचार संहिता का उल्लंघन कहा गया है। आपको बता दें कि आयोग के पास इस तरह की 30 से भी ज्यादा शिकायतें आई है। जिनमें चुनाव आयोग ने जवाब मांगने के लिए नोटिस जारी किया है। हालांकि कुछ मामलों में क्लीन चिट भी दे दी गई है।
मोदी के जीवन पर बनी फिल्म
20 मार्च को आयोग से शिकायत की गई थी कि बीजेपी और विपक्ष चौकीदार शब्द का इस्तेमाल बंद करें। इसके अलावा 25 मार्च को चुनाव आयोग में प्रधानमंत्री के जीवन पर बनी फिल्म को लेकर शिकायत की गई थी। विपक्ष की मांग थी कि इस फिल्म पर रोक लगाई जाए ताकि इससे बीजेपी को राजनीतिक लाभ ना मिल सके। इस मामले पर आयोग ने फिल्म के निर्माताओं को नोटिस जारी किया और निर्माताओं की तरफ से साफ किया गया कि इस फिल्म का किसी राजनीतिक दल से लेना देना नहीं है। फिल्म को अपने पैसों से बनाया गया है। जिसके बाद इस फिल्म को आयोग की तरफ से क्लीन चिट दे दी गई। हालांकि ये मामला फिलहाल कोर्ट में है।
ट्रेन टिकट और एयरइंडिया को नोटिस
26 मार्च को ट्रेन की टिकट और एयरइंडिया के द्वारा जारी किए जा रहे बोर्डिंग पास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर होने पर भी चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद आयोग ने दोनों ही मंत्रालयों को नोटिस जारी कर दिया था और इस मामले पर जवाब देने के लिए कहा था।
27 मार्च को पीएम के खिलाफ सबसे ज्यादा नोटिस
पीएम मोदी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में सबसे ज्यादा शिकायतें 27 मार्च को चुनाव आयोग में दर्ज कराई गई थी। पीएम मोदी के द्वारा ऑपरेशन शक्ति के बारे में देश को संबोधित करने के विरोध में ये सारी शिकायतें दर्ज कराई गई थी। वहीं पीएम मोदी के ऑपरेशन शक्ति के बाद दिए भाषण को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर चलाने के विषय में भी दोनों संस्थानों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया और दोनों संस्थानों की तरफ से कहा गया कि उन्होंने संदेश लाइव नहीं दिखाया, बल्कि वो तो न्यूज आइटम की तरह दिखाया गया था।
कल्याण सिंह के खिलाफ शिकायत
राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह पर भी आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लग चुका है। दरअसल उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा था कि हमें बीजेपी को वोट देकर एक बार फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है। इस पर भी चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई और आयोग ने इस मामले में राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर कहा कि उचित कार्रवाई की जाए, क्योंकि कल्याण सिंह एक संवैधानिक पद पर है।
झारखंड के मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत
चुनाव आयोग को बीजेपी शासित झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ भी शिकायत मिली। आयोग को शिकायत मिली की मुख्यमंत्री की वीडियो वाले 32 हजार टैब बांटें जा रहे हैं, जिसके बाद आयोग की तरफ से इस पर रोक लगा दी गई थी। आपको बता दें कि इसकी शिकायत विपक्षी दलों की तरफ से की गई थी।
पागल और मेंटल कहने पर रोक की मांग
शिकायत चुनाव आयोग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइक्लोजिस्ट्स की तरफ से भी की गई। इस शिकायत में आयोग को आचार संहिता का हवाला देते हुए नेताओं को अपने भाषणों में विपक्षी नेताओं को मेंटल और पागल कहने पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इस पर चुनाव आयोग की तरफ से आदेश भी दिया गया था।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष के खिलाफ शिकायत
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की तरफ से राहुल गांधी की न्याय स्कीम की आलोचना करने पर भी शिकायत दर्ज कराई गई। इस मामले पर भी चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। कुछ दिनों के बाद राजीव कुमार ने 3 अप्रैल को अपना जवाब आयोग में दिया और कहा कि वो आर्थिक नजरिए से उस पर टिप्पणी कर रहे थे किसी भी तरह के राजनीतिक मकसद से उन्होंने ऐसा नहीं किया।