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भाजपा का संकल्प पत्र जारी, धारा 370 और राम मंदिर पर मारी पल्टी

2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आज भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया, जिसे संकल्प पत्र का नाम दिया गया है. इस संकल्प पत्र के कुछ बिंदुओं को छोड़ दें कमोबेश उन्हीं पुराने मुद्दों को जगह दी गई जिनमें समान नागरिक संहिता, जम्मू कश्मीर से धारा 35ए हटाने की बात आदि है लेकिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर भाजपा के इस संकल्प पत्र में जिन शब्दों का प्रयोग किया है, वो हैरान करने वाला है.

राम मंदिर के नाम पर सिर्फ डेढ़ लाइनें

करीब 30 सालों में यह पहली बार है जब भाजपा के संकल्प पत्र के 40वें पृष्ठ पर राम मंदिर के महज डेढ़ लाइनों में समेट दिया गया है. जो भाजपा कभी राम मंदिर निर्माण को हर हिंदू का सपना बताती थी, अब ऐसा लगता है कि भाजपा ने उससे किनारा कर लिया है. एक दौर में इसी मुद्दे पर सवार होकर भाजपा 02 से 85 और फिर केंद्र की सत्ता तक पहुंच गई थी. यह भाजपा का सबसे पुराना और सबसे हॉट मुद्दा हुआ करता था.

राम मंदिर बनाने के लिए तलाशेंगे संभावना

भाजपा ने राम मंदिर पर पल्टी मारते हुए कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संभावना तलाशी जाएगी. संविधान के दायरे में रहकर राम मंदिर बनाने की कोशिश होगी. भाजपा के इस कदम से उसके कट्टर हिंदुवादी वोटरों में निराशा और गुस्सा दोनों संभव है लेकिन राजनीति के विशेषज्ञ इसे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं. अमित शाह भाजपा से हिंदुवादी पार्टी का लेबल हटाने की दिशा में काम कर रहे हैं.

रामलला तिरपाल में और भाजपा का आलीशान दफ्तर

सोशल मीडिया पर भाजपा के राम मंदिर के इस स्टैंड पर हिंदुत्ववादी खूब आलोचना कर रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि भगवान राम के नाम पर भाजपा ने अपना सेवेन स्टार ऑफिस बना लिया है और रामलला आज भी अयोध्या में तिरपाल में रह रहे हैं. वहीं धारा 370 पर भी भाजपा ने एक तरह से चुप्पी साध ली है. 370 की बजाय अब जम्मू कष्मीर से धारा 35 ए हटाने की बात कही गई है.

मालूम हो कि 1984 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के पास लोकसभा की सिर्फ 02 सीट हुआ करती थी. अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण आंदोलन चलाकर भाजपा ने आज 286 सीटों का सफर तय कर लिया है. देश के आधे से अधिक राज्यों में आज भाजपा की सरकार है. इस सफर में सबसे बड़ा योगदान राम मंदिर आंदोलन का ही माना जाता है.