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तो साहब को दलित वोटर को लुभाने हेतु राष्ट्रपति की रेल यात्रा का सहारा लेना पड़ रहा

यूपी में राष्ट्रपति की रेल यात्रा दो हो चुकी.  हाल ही में Indian President Ram Nath Kovind लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से अयोध्या के लिए ट्रेन से गए थे,
Logic Ambresh Dwivedi 7 September 2021
तो साहब को दलित वोटर को लुभाने के लिए राष्ट्रपति की रेल यात्रा का सहारा लेना पड़ रहा

देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की रेल यात्राएं आजकल बहुत चर्चा में हैं. दरअसल राष्ट्रपति महोदय ने बीते कुछ महीनों के अंतराल में .यूपी में राष्ट्रपति की रेल यात्रा दो हो चुकी.  हाल ही में वो लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से अयोध्या के लिए ट्रेन से गए थे और कुछ दिन पहले दिल्ली से अपने गृह नगर कानपुर देहात के लिए गए थे.

UP Assembly Election से ठीक पहले राष्ट्रपति की इस यात्रा को राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि इसके जरिए बीजेपी दलित वोटरों को साधना चाहती है.

दलितों को पक्ष में करने की रणनीति –

UP assembly election-2022 से पहले दलितों को अपने पक्ष में करने के लिए बीजेपी हर संभव प्रयास कर रही है. ऐसे में राष्ट्रपति की यात्रा बीजेपी के लिए वरदान साबित हो सकती है. खुद सीएम योगी ये बात कह चुके हैं कि सपा और बसपा ने नहीं बल्कि बीजेपी ने एक दलित को राष्ट्रपति बनाया है. ये बात सीएम योगी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कही थी. ऐसे में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि राष्ट्रपति की ये यात्रा कहीं न कहीं बीजेपी के लिए बड़ा फायदेमंद लग रहा है.

UP में २१% दलित आबादी –

जाहिर है कि प्रदेश में 21 फीसदी दलित आबादी को लुभाने के लिए राष्ट्रपति की रेल यात्रा से बीजेपी बड़ी कोशिश कर रही है. इस वर्ग के अधिकतर वोट अभी तक बसपा के हिस्से में जाते रहे हैं और दलित वर्ग ने हमेशा से ही बसपा को अपना रहनुमा माना है, लेकिन बीते कुछ सालों में मायावती की घटती सक्रियता ने कहीं न कहीं दलितों को नया रहनुमा तलाशने में मजबूर कर दिया है. ऐसे में दलित सपा की तरफ जाएंगे या बीजेपी की तरफ या फिर कांग्रेस।

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राष्ट्रपति की रेल यात्रा की अलावा सपा बसपा और कांग्रेस भी नहीं हैं पीछे-

ऐसे में तीनों ही पार्टियां अपनी तरफ इस वोट को खींचने में लगी हैं. President Ramnath Kovind की यात्राएं लगातार इस बात का सन्देश देती रहीं हैं की दलित भी प्रदेश में बहुत महत्वपूर्ण हैं. हालाँकि राष्ट्रपति का पद सबसे सर्वोच्च और किसी भी धर्म या जाति से बहुत ऊपर होता है लेकिन राजनीतिक पंडितों ने इस बात का आकलन करना शुरू कर दिया है की यूपी में राष्ट्रपति की रेल यात्रा के बाद दलितों का रुझान में बीजेपी की तरफ बढ़ रहा है या नहीं।

यूपी का जिताऊ वर्ग , Dalit Vote Bank-

यूपी में ये वर्ग जिताऊ वर्ग भी कहा जाता है. क्योकि इनके वोट एकमुश्त होते हैं. राजनीतिक पंडित कहते हैं कि दलित वर्ग का अधिकतर हिस्सा एकसाथ और एक जगह ही वोट करता है. ऐसा में राष्ट्रपत की यात्रा के जरिए कहीं बीजेपी इनको साधने की कोशिश तो नहीं कर रही है. यात्रा में जाने के बाद बाबा भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा का उद्घाटन करना भी कड़ी से कड़ी जोड़ता हैं की बीजेपी अब यूपी में दलितों की नई रहनुमा बनने के लिए खुद को तैयार कर रही है.

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.