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अंधभक्ति के साथ साथ अंधविरोध को भी कहना पड़ेगा नो ‘मोर’

प्रधानमंत्री की इस वीडियो के सामने आने के बाद अंधभक्तों का कहना है कि वाह क्या बात है, जानवरों से इतना प्यार! तो वहीं अंधविरोधियों का कहना है कि ये गलत है।
Logic Taranjeet 25 August 2020
अँधभक्ति के साथ साथ अंधविरोध को भी कहना पड़ेगा नो 'मोर'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वो मोर के साथ सैर करते हुए दिख रहे हैं। मोर को दाना खिलाते दिख रहे हैं। इस वीडियो को खुद प्रधानमंत्री ने शेयर किया है और एक बेहद प्यारी सी कविता भी लिखी है।

प्रधानमंत्री की इस वीडियो के सामने आने के बाद अंधभक्तों का कहना है कि वाह क्या बात है, जानवरों से इतना प्यार! तो वहीं अंधविरोधियों का कहना है कि ये गलत है। अब अंधविरोधी भी चुप नहीं रह सकते थे ना, उन्हें विरोध करना है बिना सच्चाई और उसका परिणाम जानें।

अंधविरोध की भी सीमा होती है

मैं अक्सर कहता हूं कि इस देश की सियासत में जितना अंधभक्त गलत है, उतना ही ये अंधविरोधी भी गलत है। दरअसल अब विरोध करना सिर्फ एक सोशल सिंबल बन गया है। आप सरकार को गाली देंगे तभी तो कूल लगेंगे।

चाहें जिस बात को वो विरोध कर रहे हैं उसका क ख ग भी न पता हो। इसलिए तो इन अंधविरोधियों को चमचा, फेक लिबरल गैंग, टुकड़े-टुकड़े गैंग कहते हैं। क्योंकि इन्हें बस विरोध करना है और गलत बोलना है। सवाल करना और बेतुका बोलने में फर्क अंधविरोधी बताते हैं। जैसे सरकार का समर्थन करना और कुछ भी कह देने वाला फर्क भक्त बताते हैं।

लालू यादव परिवार का दिया जा रहा है उदाहरण

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लग रहा है कि वो एक कानून तोड़ रहे हैं। पीएम मोदी पर वन प्राणी अधिनियम कानून तोड़ने का आरोप लग रहे हैं। इस कानून के तहत मोर को घर पर पाल नहीं सकते हैं।

ऐसा साल 2017 में लालू प्रसाद यादव के परिवार पर भी इस कानून के उल्लंघन करने का मामला बना था। तब लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप वन एवं पर्यावरण मंत्री थे। तो उन्होंने अपने घर पर 2 मोर मंगवाए थे। जो कि कानूनी रूप से गलत था, इसलिए उन पर मामला दर्ज हुआ था, लेकिन जब तलाश हुई तो कोई भी मोर घर पर नहीं मिला था। इसी मामले का सहारा लेकर कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को भी दोषी माना जाए।

लुटियंस जोन में मोर दिखना है आम बात

बात करें प्रधानमंत्री मोदी के मोर पालने की, तो उनका आवास लुटियंस जोन में हैं। जो कि दिल्ली के सबसे हरे-भरे इलाकों में से एक है। लुटियंस जोन में बहुत बार ऐसे ही मोर घूमते हुए नजर आ जाते हैं। दरअसल वहां पर रहने वाले हर शख्स के घर पर मोर नजर आ जाते हैं।

लेकिन उन्हें वहां पर कोई भी पालता नहीं है। वो इस इलाके से इतने परिचित हैं कि इधर-उधर सहजता से घूमते रहते हैं और अगर यही स्थिति पीएम मोदी के आवास की भी है, तो उनपर वन प्राणी अधिनियम के उल्लंघन का मामला नहीं बनता है। लुटियंस जोन में सिर्फ मोर ही नहीं बल्कि कई और जानवर भी बहुत ज्यादा मिलते हैं। इनमें बंदर भी शामिल है।

अखिलेश यादव पर क्यों चुप रहे

लुटियंस जोन में जो लोधी गार्डन है वहां पर मोरों का प्रजनन केंद्र है, इसी वजह से यहां पर मोर बहुत ज्यादा मात्रा में दिखते हैं और लगभग हर किसी के घर में, गार्डन में, बाल्कनी में दिखते हैं। इलाके में काफी हरियाली है और वातावरण काफी स्वच्छ और मनमोहक है।

यहां पर कई औषधीय वनस्पति भी मिलती हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री पर बेवजह विरोध करना बेवकुफाना है। क्योंकि जब साल 2017 में अखिलेश यादव सरकारी बंगला छोड़ कर जा रहे थे, तो ट्वीट करके गए थे, कि मोरों का ध्यान रखना। इसका मतलब तो ये भी कानून का उल्लंघन है। लेकिन यूपी सीएम आवास में भी इसी तरह से मोर सुबह-शाम आते हैं।

मोर का इस तरह से आना कोई नई बात नहीं है, जो भी इलाके जंगलों के पास होंगे या जहां पर बहुत ज्यादा हरियाली होगी। वहां पर मोर आना बहुत आम बात है। मेरे स्कूल और कॉलेज में भी मोर आते थे, क्योंकि वहां पास में जंगल पड़ता था। ऐसा ही पीएम आवास में भी होता होगा।

Taranjeet

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A writer, poet, artist, anchor and journalist.