कोरोना आपके दरवाजे पर खड़ा है और आपको पता ही नहीं चल रहा है। आप लोग जश्न मना रहे हैं जैसे इंडिया ने विश्व कप जीता हो। पीएम ने कहा था कि 5 मिनट के लिए अपनी बालकनी में आना है और मेडिकल स्टाफ, सपोर्ट स्टाफ का जो 24 घंटें कोरोना से लड़ रहे हैं उनका आभार जताना है। लेकिन आपने तो ढोल पीट दिया और सड़कों पर जमावड़ा लगा दिया। आपने सिर्फ अपनी जान ही खतरे में नहीं डाली बल्कि उन सभी डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की मेहनत मिट्टी में मिला दी। सोशल मीडिया का इस्तेमाल पूरा करते हैं लेकिन इटली की तस्वीरें नहीं देखीं। 8 करोड़ की आबादी वाला देश खून के आंसू रो रहा है और उनका पीएम हालात से निपट नहीं पाया तो देश से माफी मांग रहा है। ये वो देश है जिसकी मेडिकल सुविधाएं पूरे विश्व में काफी बेहतर हैं। और आप अपने प्रधानमंत्री की बात तक सुनने को तैयार नहीं हैं।
पंडित, मौलवी नहीं करेंगे इलाज
अस्पताल और डॉक्टरों को छोड़कर आप पंडितों, मौलवी, और टोने-टोटकों के भरोसे बैठे हैं। ताबीज गले में लटका लो, दरगाह पर माथा टेक आओ, हवन कर लो, गोबर लेपो या गौमूत्र पीयो। जो करना है करो बस अपने घर में रहो और एक बार के लिए सरकार की बात मान लो। क्योंकि कोरोना मजाक नहीं है। आपसे सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि लॉकडाउन पर अमल करिए, लेकिन आपको फर्क थोड़ी पड़ता है। मामला कोरोना वायरस बीमारी की गंभीरता से जुड़ा था, लेकिन हुड़दंग करने वालों ने मौका हाथ से नहीं जाने दिया।
अभी आप हालात से वाकिफ नहीं हैं और हमारे मुल्क की आबादी एक अरब 30 करोड़ है। जबकि नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2018 के आंकड़ों के मुताबिक देश में सरकारी अस्पताल सिर्फ 23582 हैं। जिसमें 7,10,761 के करीब बेड हैं और सिर्फ एक लाख 12 हजार वेंटिलेटर हैं। जरा सोचिए अगर देश की 30 फीसदी आबादी को भी ये रोग लग गया तो कहां जाएंगे। प्राइवेट अस्पताल की फीस देने के पैसे नहीं हैं। वहां तो टेस्ट की कीमत भी 4500 रुपये है, कितने लोग दे पाएंगे 4500 रुपये। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च का दावा है कि देश में 6 लाख टेस्ट किट हैं। सोचिए कितने लोगों के टेस्ट हो पाएंगे।
क्यों होता है लॉकडाउन?
हम लोगों की बेवकूफियों की वजह से ही लॉकडाउन की नौबत आती है। जैसे ही पता चला कि लॉकडाउन हो रहा है तो बाजारों में लूट मच गई। जिसकी वजह से दुकानदारों ने आपसे मुंहमागीं कीमत वसूली। लेकिन प्रधानमंत्री की बात पर गौर नहीं किया जिसमें उन्होंने साफ कहा था कि खाने-पीने और जरूरी चीजें कहीं नहीं जाने वाली है। 40 रुपये का माल सीधे 400 रुपये में खरीदकर खुश होंगे आप। बाजार से सारी सब्जियां, राशन खरीद कर आपने घर में भर लिया, ऐसा कितने दिन चला लोगे। जब खत्म होगा तो क्या करोगे। जो राशन नहीं खरीद पाए तो बैग लाद-लादकर ट्रेन और बसों में भीड़ बढ़ाने पहुंच गए, जबकि पता है कि ये वायरस भीड़ में ही आता है, लेकिन घर पहुंच जाएंगे तो आप वायरस से बच जाएंगे। बच तो आप क्या पाएंगे बल्कि आप मौत के इस वायरस को देशभर में पहुंचा देंगे। लॉकडाउन इसीलिए किया गया था, लेकिन आपको तो कोई अच्छी बात पसंद ही नहीं है।
आज आप कोरोना को हल्के में लेगा, कल वो आपको हल्के में लेगा। तब आपको कंधा देने के लिए 4 लोग भी नहीं होंगे। बुरे वक्त में देश के साथ खड़े हो जाइये। अमेरिका, चीन, इटली, फ्रांस जैसे ताकतवर देश कोरोना से हार मान चुके हैं और हम अभी उनके सामने खड़े नहीं हो सकते हैं। इसलिए कुछ दिन दूर रह लो ताकि आप कल बेहतर बना सके। अभी सावधान हो जाइए ताकि इलाज से बच सके।