वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश कर दिया है। ये बजट काफी ज्यादा अहम माना जा रहा था, क्योंकि कोरोना काल के बाद पहला बजट था। इस बजट में आम जनता को उम्मीदें तो थी ही लेकिन साथ में किसानों को सबसे ज्यादा उम्मीद थी। पहले से ही मोदी सरकार द्वारा पारिच 3 कृषि कानूनों के विरोध में 2 महीने से ज्यादा वक्त से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों की निगाहें बजट पर टिकी थी।
किसानों के लिए केंद्रीय बजट में बड़ी घोषणाएं भी की गई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। बजट में मुख्य रूप से किसानों और आम जनता के स्वास्थ्य को स्थान दिया गया है। अगर कहा जाए कि केंद्रीय बजट को किसान आंदोलन को मद्देनजर रखते हुए बनाया गया है, तो ये गलत नहीं होगा। किसानों को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। तो चलिये जानते हैं इन घोषणाओं के बारे में।
किसानों के लिए 5 बड़ी घोषणाएं
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसानों को उत्पादन मूल्य से डेढ़ गुना MSP दिया जाएगा और वित्त वर्ष 2021 में MSP के लिए 75,100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- किसानों को दिए जाने वाले कृषि कर्ज का लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ सरकार ने किया गया है। APMC को एग्री इंफ्रा फंड के दायरे में लाया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि 1.68 करोड़ किसान ENAM से पंजीकृत हैं और 100 और मंडियां ENAM से जोड़ी जाने वाली हैं।
- सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर कृषि सेस भी लगाया है। केंद्रीय बजट में पेट्रोल पर 2.5 रुपए और डीजल पर 4 रुपए कृषि सेस के बारे में कहा गया है लेकिन सरकार ने साफ किया है कि कृषि सेस आम जनता से नहीं लिया जाएगा। इस रकम का इस्तेमाल किसानों के लिए अन्य योजनाएं लाने के लिए किया जा सकता है।
- सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए जल्द खराब होने वाली फसलों को जोड़ने की बात कही है।
किसानों को होने वाले 5 नुकसान
- कृषि प्रधान देश में किसानों की हालत पहले से ही काफी खराब है। इस बजट में किसानों को MSP की गारंटी तो मिली है, लेकिन ये हमेशा से मिलती आ रही है कभी पूरी नहीं हो रही है। कृषि को लेकर सरकार को कुछ साफ नीतियां और कानून बनाने की जरूरत है, जिससे किसानों को सीधा फायदा पहुंचे।
- किसानों के लिए कोई ठोस योजना इस बजट में नहीं लाई गई है। जिससे ये दिखे कि किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। कृषि सेस के रूप में सरकार टैक्स वसूली तो जरूर करेगी। लेकिन, इसका इस्तेमाल कैसी करेगी सरकार ने इसे लेकर कोई घोषणा नहीं की है।
- बजट में तमाम घोषणाओं के बीच में किसानों तक अपनी बात न पहुंचा पाने की नाकामयाबी सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द है। सरकार MSP देने को तैयार है और जल्द खराब होने वाली फसलों को ऑपरेशन ग्रीन में भी जोड़ रही है। लेकिन, किसानों तक इसका फायदा कैसे पहुंचेगा, इसे लेकर कोई नीति नजर नहीं आ रही है। कहने के लिए तो सरकार किसानों को फायदा पहुंचाना चाहती है, लेकिन, कैसे, ये सवाल अभी भी बरकरार है।
- बिचौलियों को खत्म करने की बात कृषि कानूनों में कही गई है। ऐसे में कहा जा सकता है कि घूम-फिरकर सरकार की सारी योजनाएं तीनों कृषि कानूनों पर आकर टिक जाती हैं। किसान इन कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार के सामने बड़ी समस्या किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने में आएगी।
-
ENAM के जरिये किसान मंडियों से ऑनलाइन फसल खरीद को बढ़ावा देने की बात की गई है, 1.68 करोड़ किसान ENAM से पंजीकृत हैं और 100 अन्य मंडियां ENAM से जोड़ी जाएंगी। लेकिन, एक आम किसान जो इन तकनीकी चीजों से कोसों दूर है, उस तक ये योजनाएं कैसे पहुंचेगीं।
दरअसल इस बजट में सीधे तौर पर किसानों को बोला है कि जो भी है वो ये तीन कृषि कानून ही है। इस सब योजनाओं का लाभ आपको तीनों कृषि कानूनों से ही मिलेगा। बजट भाषण में कहा गया कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर प्रतिबद्ध है लेकिन, कैसे करेगी, इसकी कोई ठोस योजना नहीं है। किसानों को बजट में जो भी सुविधाएं दी जा रही है, इसकी जड़ें तीनों कृषि कानूनों से ही जोड़ी है।