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एयर स्ट्राइक पर श्रेय लेने के चक्कर में बुरी तरह फंसे मोदी

पिछले दिनों एलओसी पर हुए एयर स्ट्राइक का श्रेय लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी तैयारियां कर रखी थी। भाजपा समर्थकों और उनकी आईटी सेल ने उन्हें 56 इंच का वजनदार और प्रभावशाली नेता बताने में कोई कमी बाकी नहीं छोड़ी। इसके अलावा न्यूज चैनलों के स्टूडियो पूरी तरह से वॉर रूम में तब्दील हो चुके थें। किसी ने 300 लोगों के मरने की सूचना दी, किसी ने 400 तो किसी 500 लोगों के मरने की खबर चला दी, हालांकि भारत सरकार के किसी भी प्रतिनिधि ने इस एयर स्ट्राइक में मरने की बात की आधिकारिक पुष्टि की और नहीं भारतीय वायुसेना के किसी भी अधिकारी या प्रवक्ता ने।

#MeraBoothSabseMajboot की वजह से हुआ गुड़ गोबर

पुलवामा में 44 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बावजूद पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष निरन्तर अपनी चुनावी रैलियां करते रहे जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी प्रेस वार्ता को रद्द कर लोगों के दिलों में जगह बनाने में सफलता हासिल कर ली।

संकट के दौरान मोदी की रैलियों से लोगों का गुस्सा चरम सीमा पर पहुंच गया। इसके बाद भी जब वायु सेना के पायलट अभिनन्दन पाक के कब्जे में चले गए तो भी पीएम मोदी ने एक शब्द नहीं बोला और अपनी पार्टी के  “मेरा बूथ सबसे मजबूत ”  में व्यस्त हो गए, जिसके लिए ट्विटर पर एक शानदार ट्रेंड चलाया गया । इस पर मोदी जबरदस्त तरीके से ट्रोल भी हुए। लोगों ने इस पर घोर आपत्ति जताई। भारतीय वायु सेना के एयर स्ट्राइक का जितना भी क्रेडिट लेने की कोशिश मोदी कर रहे थें, उसे मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम ने गुड़ गोबर कर दिया।

बड़बोले नेताओं ने भी किया रंग में भंग

चुनाव के मुहाने पर खड़ी मोदी सरकार ने इसकी पूरी तैयारी कर ली थी कि कैसे वायु सेना के स्ट्राइक को वोटों में बदलना है लेकिन यहां भी रंग में भंग भारतीय जनता पार्टी के बड़बोले नेताओं ने कर दिया। सबसे पहले तो देश भर में भाजपा नेताओं ने एयर स्ट्राइक के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए होर्डिंग्स, बैनर्स और पोस्टर्स से पाट दिया। सोशल मीडिया पर भी मोदी के पक्ष में माहौल बनाने का काम शुरू कर दिया गया। क्रेडिट सेना के जांबाजों की बजाय मोदी को देने और बदले में वोट बटोरने का काम शुरू हो गया। इसके बाद बारी आई भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदुरप्पा की। येदुरप्पा ने सार्वजनिक सभा में कह दिया कि हमें इस सैन्य कार्रवाई का लाभ उठाना है और कर्नाटक में कम से कम 22 सीटों पर विजय प्राप्त करना है।

यही वजह है कि मोदी सरकार का यह दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है। अब इसके नफे नुकसान के आंकलन के लिए हमें 2019 के लोकसभा चुनावों के परिणामों की प्रतीक्षा करनी होगी।