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सीबीआई प्रमुख पद का ड्रामा है जो थमने का नाम ही नहीं ले रहा

नागेश्वर राव बने नए सीबीआई प्रमुख…   

सीबीआई के चीफ आलोक वर्मा को हटाया गया. जानकर हैरानी होगी की 55 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी चीफ को इस तरह से हटाया गया हो. आलोक वर्मा इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले पहले सीबीआई प्रमुख बने.

मोदी सरकार में फिर एक बार खुशी की लहर. पिछले दिनों सीबीआई प्रमुख के पद पर बरकरार रहने के फैसले के बाद मोदी सरकार की परेशानी बढ़ गई थी. लेकिन अब पीएम की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त सलेक्शन समिति ने 2:1 से निर्णय लेकर आलोक वर्मा को अपने पद से हटा दिया गया है. पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली इस कमेटी की बैठक में पीएम मोदी, जस्टिस सीकरी, मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे.

ज्ञात हो कि वर्मा 31 जनवरी को रिटायर होने वाले थे. पद से हटाने के बाद तब तक के लिए आईपीएस अफसर वर्मा को फायर सर्विस, सिविल डिफेंस, होमगार्ड विभाग का महानिदेशक बनाया गया है. और दोबारा नागेश्वर राव सीबीआई प्रमुख बन गए है.

सीबीआई प्रमुख पद पर ड्रामा

24 अक्टूबर 2018 से आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद नागेश्वर राव को सीबीआई का प्रमुख बनाया गया था. लेकिन छुट्टी से वापिस आने के बाद फिर वर्मा को पद सौंप दिया गया और फिर वापिस नागेश्वर राव को हटा दिया गया. अब फिर उच्चाधिकार सलेक्शन कमेटी द्वारा अलोक वर्मा को हटाने के एक घंटे बाद ही नागेश्वर राव को सीबीआई प्रमुख बनाया गया.

किन पहलुओं की वजह से हटाए गए वर्मा?

उच्चाधिकार सलेक्शन समिति ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने आलोक वर्मा के खिलाफ जो गंभीर टिप्पणी की थी औऱ जिस संगठन का वे नेतृत्व कर रहे थे उस लिहाज से उनके काम में ईमानदारी नजर नहीं आई. साथ ही सीबीआई जांच में ये भी पाया गया कि वर्मा ने मोइन कुरैशी के खिलाफ हो रही जांच को प्रभावित करने का कोशिश की थी. औऱ इस मामले में वर्मा ने 2 करोड़ रुपए लिए हैं इसके  सबूत भी जांच में प्राप्त हुए हैं.

बता दें कि इसपर कांग्रेस की और से विवाद छिड़ गया है. औऱ पीएम मोदी पर आलोक वर्मा को हटाने के आरोप-प्रत्यारोप ने सवालों की झड़ी लगा दी है. अब इसके पीछे पीएम मोदी की क्या खिचड़ी है उसका खुलासा होना बाकि है.