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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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इसरो के नाम एक खत: संपर्क टूटा है, संकल्प नहीं | Chandrayaan2 (चन्द्रयान 2)

Logic Ambresh Dwivedi 7 September 2019

नई दिल्ली. देर रात एक उम्मीद लिए आँखें टीवी स्क्रीन से नहीं हट रही थीं. वो इसलिए नहीं कि आज कोई भारत-पाकिस्तान का मैच था और न ही किसी टीवी शो का फिनाले, बल्कि आज हम दुनिया की सबसे बड़ी ताकतों में शुमार होने वाले थे. आज गर्व करने का दिन था, आज हमारा चन्द्रयान 2 (Chandrayaan2) वहां पहुचने वाला था जिसके लिए उसे रवाना किया गया था. लेकिन सहसा संपर्क टूट गया और सारे सपने एक झटके में धराशयी हो गए. पूरे देश की उम्मीद टूट गई. इसरो के वैज्ञानिकों यहाँ तक कि चीफ की आँखों से भी आंसू निकल आए. लेकिन उन्होंने जो हमे दिया है वो अकल्पनीय है.

प्रिय इसरो,

आज हमारी आँखों में इस बात का दुःख नहीं है कि हमारा चंद्रयान लैंड करते-करते रह गया. बल्कि इस बात का गर्व है कि आपने हमें वो मौका दिया जिससे कि हम चाँद की बात कर सकते हैं. जब यान चाँद पर लैंड करने से महज कुछ ही दूरी पर था तब उस पल देश किसी जाति या मजहब का नहीं था. पूरा हिंदुस्तान एक आवाज में चिल्लाने के लिए तैयार था कि हमने कर दिखाया, अब चाँद हमारा है. सभी आँखे मिलकर देश की आँख बन चुकी थीं, जो चाँद पर तिरंगे को लहराते हुए देखना चाहती थीं. भले ही चाँद पर यान न पहुँच सका हो, लेकिन जो सबसे जरूरी बात है “देश का एक हो जाना” वो हमने देखा. आज ये सभी लोग एक होकर आपके साथ खड़े हैं. ये चिठ्ठी महज किसी एक शख्स की तरफ से नहीं है बल्कि समूचा देश आज आपसे यही कहना चाहता होगा. दुनिया में इतने देश हैं जिन्हें हम गिन नही सकते लेकिन चाँद पर किस-किस ने जाने की कोशिश की उन्हें हम उँगलियों में गिन सकते हैं. आज हम उसमें शामिल हैं और हमे इस बात पर गर्व है. ये गर्व करने का मौका हमें आपने ही दिया है.

एक समय था जब हमनें सपने देखने शुरू किये थे, लेकिन असफलताएं हाँथ लगती थीं. फिर हमने वो दिन भी जिया जब आपने एक साथ 104 सैटेलाईट लॉन्च किये और पूरा देश गौरवान्वित हो गया. आज इस मौके पर भी देश वही गुरुर लेकर आपके साथ है. जब कभी बात आती है कि देश के कौन से विभाग पूरी शिद्दत से अपने लक्ष्य को पाने में लगे हुए हैं तो प्रिय इसरो उसमे सबसे पहले तुम्हारा नाम आता है. कहने का अर्थ है कि हर एक छोटे बड़े कदम पर आपने हमें गर्व करने का मौक़ा दिया. क्या हुआ अगर आज हम महज कुछ दूरी पर रुक गए. हमें यकीन है कि दुगने जोश के साथ एक बार फिर से हम चाँद पर पहुचने के सफल प्रयास करेंगे.

जिस प्रकार देश के प्रधानमंत्री ने तुम्हारे प्रधान सेनापति को गले लगाया मैं पूरे देश के साथ ऐसे ही तुम्हे गले लगाता हूँ. मेरी हिम्मत, मेरे गर्व, मेरे इसरो मुझे यकीन है कि एक दिन तुम्हारी हथेली पर चाँद होगा. और उस चाँद पर हमारा तिरंगा गर्व से लहराएगा. उस दिन भी इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ तुम्हें जाएगा. और जब ऐसा होगा तब पूरे देश से तुम्हारे कानों में एक ही आवाज पहुंचेगी, “इसरो तुम दिल हो, तुम्हे धड़कते रहना चाहिए”

                                                      तुम्हारे प्यारे देशवासी

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.