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नीतीश कुमार बिहार में एनडीए के नेता होंगे या मुखौटा

वैशाली में हुई रैली में अमित शाह ने बिहार के नीतीश कुमार की जमकर तारीफ तो की ही, पेश भी ऐसे कर रहे जैसे वो जेडीयू नहीं बल्कि भाजपा के ही नेता हैं
Logic Taranjeet 18 January 2020
नीतीश कुमार बिहार में एनडीए के नेता होंगे या मुखौटा

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने नीतीश कुमार को बिहार में एनडीए का नेता घोषित किया है और साफ कर दिया है कि इस बारे में किसी को कोई मसला है तो वो पूरी तरह से दूर हो जाए। अमित शाह का ये मैसेज विपक्षी दलों आरजेडी और कांग्रेस के लिए तो है ही, बीच बीच में नीतीश कुमार को थका हुआ कहने वाले भाजपाईयों के लिए भी है। वैशाली में हुई रैली में अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ तो की ही, पेश भी ऐसे कर रहे थे जैसे वो जेडीयू नहीं बल्कि भाजपा के ही नेता हैं। अमित शाह के इस ऐलान से मुख्यमंत्री थोड़े खुश तो हुए लेकिन शाह ने नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र कर दिया और उसे बिहार में भी लागू किये जाने पर जोर देकर नीतीश कुमार को परेशानी में डाल दिया। ऐसा लगता है जैसे नीतीश कुमार को अमित शाह की तरफ से ये समझाने की कोशिश हो रही हो कि बिहार में भी सीएए लागू होकर ही रहेगा और कम से कम इस मामले में तो किसी की कोई मनमर्जी नहीं चलने वाली है। बिहार विधानसभा चुनाव में ये एक अलग रंग ले सकता है।

अमित शाह ने रैली में आरजेडी नेता लालू प्रसाद के साथ साथ राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल तक को अपने तरीके से कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। उन्होंने यहां तक कहा कि लालू प्रसाद को जेल में रह कर फिर से मुख्यमंत्री बनने का सपना आने लगा है। नीतीश कुमार को अमित शाह ने जंगलराज से मुक्त कराने का श्रेय दिया लालू-राबड़ी शासन और नीतीश सरकार के होने के फर्क भी समझाया। अमित शाह ने बताया कि दोनों शासन की विकास दर में 8 फीसदी का फर्क है।

नीतीश कुमार को लेकर अमित शाह के मन में चल क्या रहा है?

भाजपा और जेडीयू के गठबंधन को अटूट बताते हुए अमित शाह ने कहा कि वो सभी अफवाहों को खत्म करने के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने साफ किया कि बिहार विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। देखा जाये तो अमित शाह ने कोई पहली बार ऐसी बात नहीं कही है, हां – इतना जरूर है कि बिहार में रैली कर साफ तौर पर ऐसा जरूर कहा है। कुछ दिन पहले एक टीवी इंटरव्यू में भी ऐसा ही बयान दिया था और उसमें भी बाकियों के साथ साथ नीतीश कुमार के लिए भी सख्त संदेश रहा। तब अमित शाह ने कहा था कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव एनडीए के नेता तो नीतीश कुमार ही होंगे, लेकिन सूबे से बाहर सारे चुनाव एनडीए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ेगा। लेकिन झारखंड में नीतीश कुमार ने अमित शाह से अलग जा कर अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारें।

झारखंड की ही तरह जेडीयू की ओर से दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा लेने की बात कही जा चुकी है। साथ ही प्रशांत किशोर भी नागरिकता कानून को लेकर सीधे सीधे मोदी-शाह को ही टारगेट कर रहे हैं और ये बात भाजपा नेतृत्व को पसंद नहीं आने वाली है। क्या ऐसा नहीं लगता जैसे रैली में बार बार अमित शाह ने नीतीश कुमार को इस तरह पेश किया हो जैसे वो जेडीयू नहीं बल्कि भाजपा के ही मुख्यमंत्री हैं?

बिहार में नीतीश नेता होंगे या मुखौटा?

नीतीश कुमार पटना में एक दही-च्यूड़ा भोज में पहुंचे थे और सवाल भी पूछ लिया गया तो नीतीश कुमार ने हाथ जोड़ दिये और कहा कि मकर संक्रांति पर आपस में प्रेम और सद्भावना का भाव होता है। आज के दिन उस विषय की चर्चा मत कीजिये जिसमें लगे कि अलग अलग सोच और झगड़े का माहौल है। हो सकता है वो अमित शाह की रैली से पहले कोई बयान देकर किसी तरह के विवाद से बचना चाहते हों। बहरहाल वैशाली में अमित शाह ने दावा किया कि बिहार में सीएए को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। अमित शाह ने विपक्षी दलों पर दंगा कराने का आरोप लगाया और साफ कर दिया कि बिहार में सरकार के खिलाफ नहीं जाया जाएगा। जो कि नीतीश कुमार के बयान से अलग था।

नीतीश कुमार की तरफ से नागरकिता कानून को लेकर नया कोई रूख सामने नहीं आया है। नीतीश की पार्टी जेडीयू ने संसद के दोनों सदनों में नागरिकता कानून का सपोर्ट ही किया था लेकिन बीच में जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने जरूर ऐसा माहौल बनाया जैसे जेडीयू नागरिकता कानून पर पीछे हट कर स्टैंड बदलने वाला हो। प्रशांत किशोर की बातों से तो ऐसा लगता है जैसे नीतीश एनआरसी के खिलाफ हों। प्रशांत किशोर की बातों को नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले आरसीपी सिंह जरूर काटते रहे हैं, लेकिन जेडीयू अध्यक्ष की तरफ से अब तक कोई इंकार या इकरार वाली बात सुनने को नहीं मिली है। लेकिन शाह ने ऐसे बोला जैसे कुछ सुना ही न हो। जैसे प्रशांत किशोर की बातों का कोई मतलब ही न हो और नीतीश कुमार को मनमर्जी की कोई छूट ही न हो।

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A writer, poet, artist, anchor and journalist.