पुलवामा कांड के बाद बालाकोट स्ट्राइक के दौरान देश भर में लोगों का राष्ट्रवाद उफान मार रहा था. भाजपा भी सैनिकों की बहादुरी की इस दास्तां को अपने पीएम मोदी की बहादुरी की तरह दिखाकर वोट बटोरने को पूरी तरह तैयार बैठी थी. खुद भाजपा को यह एहसास था कि एयर स्ट्राइक के बाद अकेले भाजपा को 240 के आसपास सीटें मिल जाएगी. उधर विपक्षी कांग्रेस में कुछ और ही खिचड़ी पक रही थी. कांग्रेस अपने घोषणा पत्र की तैयारी में लगी हुई थी. कांग्रेस की घोषणा पत्र जारी हो चुकी है. वैसे तो इसमें कई घोषणाएं हैं लेकिन इसके तीन बिंदु ऐसे हैं, जो भाजपा को 100 सीटों का नुकसान कराने के लिए पर्याप्त हैं.
कांग्रेस की यह योजना बेहद आकर्षक है. इसके तहत हर भारतीय परिवार की आमदनी कम से कम 12 हजार रुपये मासिक हो, यह सुनिश्चित की जाएगी. अगर कोई परिवार छह हजार रुपये महीने कमाता है तो कांग्रेस सरकार उस परिवार की एक महिला के खाते में हर महीने छह हजार रुपये डालेगी, जिससे की उसकी आमदनी 12 हजार रुपये मासिक हो जाए, वैसे ही अगर किसी की आमदनी 08 हजार रुपये है तो उस परिवार की एक महिला को 04 हजार रुपये मिलेंगे. इस घोषणा के बाद से महिलाओं का रुझान कांग्रेस की ओर देखा जा रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी की तरह 02 करोड़ नौकरियों की बात से अलग हट कर यह वादा किया है कि अगर वो सरकार में आते हैं तो केंद्र और राज्य सरकार के खाली पड़े 22 लाख पदों पर तत्काल नियुक्तियां निकालेंगे और इसे 31 मार्च 2020 तक पूरा कर लेंगे. जो भी युवा और बेरोजगार मोदी सरकार की वैकेंसी बंद करने की नीति से परेशान हैं, उनके लिए राहुल गांधी अब उम्मीद की किरण हैं. बताते चलें कि देश भर में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं की संख्या करोड़ों में है.
देश के पूर्वात्तर राज्यों में लगातार सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून खत्म करने की बात कर कांग्रेस ने इस क्षेत्र के लोगों का दिल जीतने की कोशिश की है. पूर्वात्तर में लोकसभा की 24 सीटें हैं. इन इलाकों में कुछ समय तक भाजपा अपने सहयोगियों के साथ लगातार बढ़त बना रही थी. अब कांग्रेस के इस ऐलान के बाद इस इलाके के लोग कांग्रेस के साथ जा सकते हैं. बताते चलें कि काफी समय से इन इलाकों में इस विशेषाधिकार कानूनों को खत्म करने के लिए आंदोलन होते आ रहे हैं.