नई दिल्ली: कहते हैं कि सत्ता में बने रहने की कोई उम्र नहीं होती लेकिन सत्ता से चले जाने की भी कोई उम्र नहीं होती है| कब आप पार्टी की आँखों में खटकने लग जाए आपको पता नही चलता है| इस दौरान पार्टी को आपको बाहर नहीं निकालती बल्कि आपको हरवा देती है यानी जनता से दूर कर देती है| आडवानी को टिकट न देने के बाद अब कांग्रेस ने भी लगता है पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उसी रास्ते में लाने की तैयारी कर ली है|
दरअसल इस बार मुख्यमंत्री कलामनाथ ने कहा है दिग्विजय सिंह भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ें जबकि दिग्विजय गुना से या फिर राजगढ़ से लड़ना चाहते थे| दरअसल भोपाल की सीट लगातार तीस सालों से बीजेपी के कब्जे में हैं| चाहकर भी कई बार कांग्रेस इसमें कब्ज़ा नहीं कर पाई| यह सीट 30 साल से भाजपा के कब्जे में है| बीजेपी 1989 से लगातार इस सीट से जीतती आ रही है| अब तक हुए 16 चुनाव में सिर्फ 5 बार कांग्रेस यहां जीत दर्ज कर पाई है| ऐसे में राजगढ़ या दिग्विजय की पसंद वाली सीट से उन्हें ना लडाना कही ना कही पार्टी नेतृत्व या सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ की चाल भी हो सकती है| ऐसे में दिग्विजय का हारना लगभग तय है क्योकि लोकसभा चुनावों में पार्टी के पक्ष में माहौल नहीं है और ऐसी सीट से लड़ना जहाँ से आज तक पार्टी कम बार जीती है|
दरअसल कामनाथ एक ऐसे शासक है जो अपने काम में किसी की दखल नहीं चाहते हैं| लेकिन टिकट वितरण से लेकर मुख्यमंत्री का चेहरा चुनने तक हर जगह दिग्गी ने टांग अड़ाई| इसके बाद खुद के बेटे को मंत्री बनाने और मलाईदार विभाग दिलाने में अड़े रहे और दिलवाया भी| वही अब लोकसभा टिकटों को लेकर भी दिग्गी लगातार टांग अड़ा रहे हैं| जबकि कमलनाथ को ये पसंद नहीं है| वो एमपी कांग्रेस के इकलौते शासक बनना चाहते हैं| ऐसे में दिग्गी को अब रास्ते से हटाने की पूरी तैयारी चल रही हैं और उन्हें खुद कमलनाथ ने कहा है की वो भोपाल से लड़ें|
दिग्गी हमेशा कुछ न कुछ ऐसा कह जाते हैं जो की कांग्रेस के पक्ष में नहीं रहता है| चाहे वह किसी महिला नेता को लेकर की गई टिप्पणी हो या फिर सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने की बात हो| इससे कांग्रेस को मुश्किल होती है|